ALLAHABAD: पित्तरों के प्रति श्रद्धा व्यक्त करने के पर्व पितृपक्ष का समापन मंगलवार को हो गया। श्रात्र अमावस्या यानि सर्वपैत्री अमावस्या की तिथि दोपहर 11.16 बजे के बाद लगी। इसका मान बुधवार को सुबह 10.22 बजे तक रहेगा। बुधवार को ही स्नान दान, श्राद्ध की अमावस्या व पित्त विसर्जन आस्था भाव के साथ मनाया जाएगा लेकिन मंगलवार को सर्वपैत्री अमावस्या लगते ही ज्ञात व अज्ञात पूर्वजों को विदाई देने के लिए संगम नोज सहित दशाश्वमेध घाट पर परिजनों की भारी भीड़ रही। परिजनों ने पूर्वजों के निमित्त अपने-अपने पुरोहितों के जरिए पिंडदान व श्राद्ध किया। पित्तरों के निमित्त हवन कराकर ब्राह्माणों को भोजन कराया।

प्रभु ने तोड़ा धनुष तो छाई खुशियां

श्री दारागंज रामलीला कमेटी की ओर से आयोजित रामलीला के अन्तर्गत मंगलवार को धनुष यज्ञ की लीला का मंचन किया गया। बड़ी कोठी स्थित लीला स्थल पर आचार्य शिव मंगल दास के निर्देशन में राजसी वेशभूषा से सुसज्जित राजाओं ने धनुष तोड़ने का प्रयास किया। लेकिन सब असफल हुए। तब राजा जनक ने चिंता जताई तो ऋषि विश्वामित्र के आदेश पर प्रभु श्रीराम उठते हैं। एक हाथ से उस धनुष को उठाते हैं और उसको तोड़ देते हैं। यह दृश्य देखकर दर्शक जय श्रीराम, जय श्रीराम का उद्घोष करने लगते हैं और चारों ओर खुशियां छा जाती हैं। मंच पर शहनाई बजने लगती हैं और प्रभु श्रीराम व सीता का विवाह होता है।

रावण के पराक्रम की गूंज

श्री श्री बाल रामलीला समिति की ओर से रामलीला के दूसरे दिन सिविल लाइंस स्थित मंचन स्थल पर रावण पराक्रम के प्रसंग का मंचन किया गया। लीला निर्देशक शंकर सुमन की अगुवाई में पराक्रम का मंचन हुआ। लंका के दरबार में रावण के पराक्रम व वैभव का जयकारा सैनिकों द्वारा लगाया जाता है। जय लंकेश, जय लंकेश की गूंज सुनाई देती है। यह दृश्य देखकर दर्शक भी रोमांचित हो उठते हैं।

पथरचट्टी का कर्ण घोड़ा जुलूस आज

श्री पथरचट्टी रामलीला कमेटी की ओर से कर्ण घोड़ा जुलूस बुधवार को पूरे शाही अंदाज में निकाला जाएगा। कमेटी प्रवक्ता लल्लू लाल गुप्ता सौरभ ने बताया कि शाम पांच बजे हीवेट रोड स्थित चमेली बाई धर्मशाला से जुलूस निकलेगा। जिसके जरिए दशहरा महोत्सव प्रारंभ होने का संदेश दिया जाएगा।