छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: कपड़ा कारोबार को जीएसटी से बाहर करने को लेकर लौहनगरी की सैकड़ों दुकानें बंद रहीं। गुरुवार को जमशेदपुर थोक वस्त्र विक्रेता संघ की ओर से बंद का आह्वान किया गया था, जो पूर्णत सफल रहा। खास बात यह रही की यह स्वत:स्फूर्त था। जुगसलाई जैसे प्रमुख वस्त्र व्यापार केंद्र में तो कपडे़ की दुकानें खुली ही नहीं। सुबह संघ के सभी सदस्य संघ के पूर्व अध्यक्ष नवल किशोर बरनवाल के नेतृत्व में जुगसलाई में जमा हुए और जुगसलाई का भ्रमण किया। उसके बाद सभी व्यापारी साकची पहुंचे और कुछ दुकानें खुली देख कर लोगों से अपनी दुकान बंद कर विरोध में शामिल होने का अनुरोध किया। व्यापारियों ने इनकी बातों को सुनकर सहमति प्रदान की और बंद में शामिल हुए। संघ के पूर्व अध्यक्ष नवल किशोर बरनवाल ने कहा वस्त्र व्यापारी देशभक्त और ईमानदार हैं, लेकिन जीएसटी लगने से उनके अस्तित्व पर खतरा उत्पन्न हो गया है। इसलिए वे एकजुट होकर लोकतांत्रिक तरीके से अपनी बात सरकार तक पहुंचा रहे हैं।

राहत देने की मांग

उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की कि वस्त्र व्यवसाय को जीएसटी के दायरे से बाहर कर व्यापारियों को राहत दें। आंदोलन में कैलाश काबरा, अनिल मोदी, स्वरूप गोलछा, प्रदीप बिदासरिया, ब्रज किशोर बरनवाल, अशोक सरायवाला, संजय सरायवाला, नरेश दवे, संजय अग्रवाल, संतोष छापोलिया, अनिल छापोलिया, बबलू सारस्वत, राजकुमार सारस्वत, दिनेश काबरा, पंकज पाडिया, पिंटू अग्रवाल, राजकुमार सारस्वत, अनिल चौधरी, सुरेश सरायवाला, आनंद अग्रवाल आदि शामिल थे।