-कपड़े के कलर छोड़ने से आ रही है लोगों के skin में problem
- बदलते मौसम में मंडलीय हॉस्पिटल की स्किन ओपीडी में बढ़ी रोगियों की संख्या
VARANASI
केस वन
गोदौलिया के सम्यक अग्रवाल ने नया जींस खरीदा। पहनते ही जींस कलर छोड़ने लगा। कुछ दिन बाद स्किन में दाने निकलने के साथ ही चुनचुनाहट शुरू हो गई। डॉक्टर ने इस प्रॉब्लम के लिए कलर को जिम्मेदार माना।
केस टू
कोनिया निवासी दानिश ने पुरानी जींस को कलर यानि की डाई कराया था। जींस धुलने के बाद ही कलर छोड़ने लगा। कुछ दिन बाद खुजली सहित स्किन ड्राई होने लगी।
केस थ्री
सिगरा के हिमांशु द्विवेदी ने बांह पर टैटू बनवाया। टैटू में यूज होने वाली स्याही जब स्किन पर पड़ी तो बांह भर में जलन व दाने-दाने निकलने लगे। थक-हार डर्मेटलॉजिस्ट के पास जाना पड़ा।
ऊपर दिये गये ये केसेज यह बताने के लिए काफी हैं कि ठंडी शुरू होते ही तरह-तरह की स्किन से जुड़ी बीमारियां तंग करने लगी हैं। डर्मेटलॉजिस्ट्स की मानें तो कपड़ों व टैटू का कलर भी स्किन रोग में बढ़ावा दे रहा है। कुछ तो ठंड शुरू होते ही स्किन बीमारियों से हर साल की तरह परेशान रहते हैं तो वहीं कुछ कपड़ों व टैटू के स्याही के एलर्जी के रोगी बन रहे हैं। ऐसे रोगों से परेशान मरीज एसएसपीजी मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा के स्किन ओपीडी में पहुंच रहे हैं।
हो रहा है 'कांटेक्ट डर्मेटाइटिस'
टैटू का स्किन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है। इसमें यूज होने वाली स्याही की क्वालिटी अच्छी न हो तो स्किन में जलन के अलावा खिंचाव आदि की समस्याएं शुरू हो जाती हैं। टैटू वाले प्लेस पर दर्द, खुजली, छाले, घाव गंभीर रूप ले लेता है। खास कर सर्दियों में तो यह बहुत ही परेशान करता है। इसके साथ ही प्लास्टिक की चीजों, नकली ज्वेलरी, बिंदी, परफ्यूम, चश्मे के फ्रेम, साबुन आदि से भी एलर्जी हो रही है। इस एलर्जी को 'कांटेक्ट डर्मेटाइटिस' कहा जाता है।
एलर्जी है तो यह न करें
-स्किन में खुजली हो तो साबुन का यूज बंद कर दें
-टैटू न बनवाएं, यदि बनवाना है तो अच्छे क्वालिटी की स्याही यूज करें
-तले-भुने मसालेदार भोजन से परहेज करें
-कपड़े कलर कराते हैं तो उसे पहनने से पहले एक दो बार वॉश करें
-स्किन पर जलन, लाल धब्बे, दाने निकलने पर डर्मेटलॉजिस्ट्स से परामर्श लें।
ठंड का मौसम शुरू होते ही स्किन ड्राई होने लगती है। जब तक छांव में रहा जाए तब तक स्किन को आराम मिलेगा धूप में निकलते ही चुभन शुरू हो जाती है। ऐसे रोगियों की संख्या बढ़ी है।
अरविंद सिंह
डर्मेटलॉजिस्ट
मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा
टैटू व कपड़ों के कलर से स्किन रोग बढ़ रहे हैं। एलर्जी सहित कई तरह की बीमारियां हो रही हैं। ऐसे केसेज ठंड शुरू होते ही बढ़ने लगे हैं।
डॉ। एसएन दीक्षित
डर्मेटलॉजिस्ट
मंडलीय हॉस्पिटल कबीरचौरा