-नीती घाटी में दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कटा

-दूसरे दिन भी नहीं खुल पाया बदरीनाथ हाईवे

DEHRADUN: चमोली जिले की नीती घाटी में बादल फटने से भारी नुकसान हुआ है। करीब एक दर्जन गांवों का जिला मुख्यालय से संपर्क कट गया है और तमक गांव के आठ परिवार पंचायत भवन में शरण ली है। तमक नाले में आए उफान से दो दुकानें मलबा घुसने से क्षतिग्रस्त हो गई। दूसरी ओर पिथौरागढ़ जिले के मालपा में बारिश के कारण लापता लोगों के खोजबीन का कार्य भी बाधित रहा।

प्रशासन को देर से मिली जानकारी

घटना स्थल जोशीमठ से ब्ख् किलोमीटर दूर है। दूरस्थ क्षेत्र होने के कारण प्रशासन को नीती घाटी में बादल फटने की जानकारी देर से मिल पाई। सोमवार को जोशीमठ के तहसीलदार चंद्रशेखर भट्ट के नेतृत्व में राजस्व विभाग की एक टीम मौके पर भेजी गई। एसडीएम योगेंद्र सिंह ने बताया कि टीम क्षति का आकलन करेगी। उन्होंने बताया कि प्रभावित परिवारों को नियमानुसार मुआवजा दिया जाएगा। उधर, बदरीनाथ के पास लामबगड़ में पहाड़ी से लगातार गिर रहे पत्थरों के कारण प्रशासन ने रविवार देर शाम से हाईवे पर आवागमन रोक रखा है। चमोली के जिलाधिकारी आशीष जोशी ने बताया कि प्रशासन स्थिति पर नजर रखे हुए है। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर फिलहाल यातायात पर रोका गया है। इसके अलावा गंगोत्री हाईवे पर भी पांच घंटे आवाजाही बाधित रही। कुमाऊं के पिथौरागढ़ में भी बारिश से मुश्किलें बरकरार हैं। मलबा आने से थल-मुनस्यारी और तवाघाट- दारमा और जौलजीवी- मदकोट मार्ग भी बंद हैं।

नेपाल पुलिस से मांगी मदद

पिथौरागढ़ जिले के मालपा और घटियाबगड़ में बीते सोमवार को बादल फटने से आई आपदा में लापता लोगों की तलाश के लिए नेपाल पुलिस से भी सहयोग मांगा गया है। एनडीआरएफ और प्रशासन की टीम काली नदी के किनारे सर्च अभियान चला रहे हैं।