-उत्तरकाशी में फटे बादल, 13 परिवारों ने छोड़ा घर

-गंगा और यमुना घाटी में भारी तबाही

-यमुनोत्री हाईवे का 400 मीटर हिस्सा बहा

देहरादून : सूबे के पहाड़ी जिलों में बादल फटने की घटनाएं रुक नहीं रही हैं। इससे लोग दहशत में जी रहे हैं। मंगलवार को उत्तरकाशी जिले की गंगा और यमुना घाटी में बादल फटने से भारी तबाही हुई है। उफनती नदियां और गदेरे सबकुछ बहा ले जा रही हैं। बाढ़ यहां 6 मकानों को अपने साथ बहा ले गई। इस वजह से असी गंगा इलाके के 13 परिवारों ने घर छोड़कर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली है। इधर, बड़कोट के पास पहाड़ से गिरे बोल्डर की चपेट में आकर एक व्यक्ति की मौत हो गई।

आधी रात में फटे बादल

मंगलवार आधी रात के बाद उत्तरकाशी में दो स्थानों पर बादल फटे। गंगा घाटी में देर रात करीब दो बजे बादल फटा। इससे असी गंगा नदी और बरसाती नालों में जबरदस्त उफान आ गया। इससे सिलकुरा गांव में तीन मकान बह गए। हालांकि ग्रामीण नाले के बहाव की आवाज सुन पहले ही गांव से बाहर भाग गए। बादल फटने से यहां सड़क का 25 से 30 मीटर हिस्सा बह गया। यमुनोत्री क्षेत्र में भी कुछ ऐसा ही दृश्य था। यहां पालीगाड नदी में आई बाढ़ से एक मकान बह गया। यहां रह रहे परिवार को आसपास के लोगों ने बचा लिया। क्षेत्र में दो मकान टूट गए। इधर, घनसाली में भी 6 परिवारों को सुरक्षित ठिकानों पर भेजा गया है।

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फंसे 200 डाक कांवडि़ये

गंगोत्री हाई वे को आखिर बीस घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद खोला गया। मार्ग बंद होने से यहां जल लेकर लौट रहे दो सौ डांक कांवडिये फंस गए थे। इसके अलावा छह स्थानों पर भूस्खलन से केदारनाथ हाईवे बंद है। केदारनाथ के पड़ावों पर रोके गए 125 लोगों को एसडीआरएफ और पुलिस के जवानों की मदद से सोनप्रयाग लाया गया है।

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गंगोत्री पर जीएसआइ सचेत

गंगोत्री धाम में भागीरथी नदी के रास्ता बदलने के हालात पर भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण विभाग (जीएसआइ) सचेत हो गया है। संस्थान के वैज्ञानिक नदी के बहाव पर लगातार अटडेट ले रहे हैं। गंगोत्री धाम में भागीरथी भगीरथ शिला को छूकर बह रही है। इससे कटाव की आशंका बढ़ गई है। इतना ही नहीं, गंगोत्री धाम को इससे लगातार खतरा बना हुआ है।