अचानक बदला मौसम

पिछले तीन दिनों से लगातार पड़ रही ठंड ने फ्राइडे को टॉप गेयर लगा दिया। सुबह आसमान पर छाई बदली और तेज सर्द हवाओं से लोग खुद को बचाने की कोशिश कर ही रहे थे कि अचानक दोपहर दो बजे अंधेरा छाने लगा। धुंध और बादलों के चलते भरी दोपहरी में सूरज की रोशनी मद्धिम हो गई और सड़कों पर अंधेरा छा गया। इसके चलते व्हीकल्स की हेडलाइट ऑन करनी पड़ी तो मार्केट जगमग हो गईं।

बारिश से जनजीवन हुआ अस्त-व्यस्त

इतना ही नहीं दोपहर में घंटों हुई रिमझिम बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। दोपहर ढाई से शुरू हुई बारिश देर शाम तक होती रही। जिसके चलते सड़कों पर जलभराव हो गया। कड़ाके की ठंड में लोगों को भीगने पर मजबूर होना पड़ा। बता दें कि वेडनसडे को हुई तेज बारिश की वजह से पहले ही जगह-जगह कीचड़ और फिसलन की स्थिति बनी हुई थी, इसके बाद फ्राइडे को घंटों हुई बारिश की वजह से स्थिति बद से बदतर हो गई।

माघ मेला हुआ चौपट

मौसम की मार सबसे ज्यादा कल्पवासियों को झेलनी पड़ रही है। इसके चलते माघ मेला चौपट होता नजर आ रहा है। अभी कल्पवासियों का मेले में आगमन ठीक से शुरू भी नहीं हो पाया है और ऐसे में मौसम की बेरहमी मेले को चौपट करने में लगी है। जो कल्पवासी बस गए हैं उनके टेंट से पानी टपकने की वजह से उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ा। कुछ ने भले ही अपने टेंट पर प्लास्टिक डालकर बचाव किया तो कुछ को भीगना पड़ा। रास्तों पर कीचड़ हो जाने की वजह से कई लोग फिसल कर गिर पड़े। टू और फोर व्हीलर व्हीकल्स के कीचड़ में फंस जाने से कई बार जाम भी लगा। एक तो पहले से गंगा का फैलाव बढ़ रहा है, उस पर लगातार बारिश की वजह से कटान बढऩे के आसार बनने लगे हैं जिससे एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर्स के माथे पर बल पडऩे लगा है।

मॉल्स और पार्कों में नहीं दिखे लोग

आमतौर पर ठंड के मौसम में इंज्वॉय करने वाले यूथ्स को भी बारिश के चलते परेशानी का सामना करना पडा। चारों ओर किचकिच हो जाने से गुलजार रहने वाले सिटी के मॉल्स और पार्कों में भी गिनती के लोग ही नजर आए। इसके चलते खासतौर से बच्चे उदास हुए। स्कूलों की छुट्टी के चलते उनका घूमने का प्लान चौपट हो गया। जो लोग पहले से पार्कों में मौजूद थे उन्हें भी मौसम खराब हो जाने के बाद घर की राह देखनी पड़ी। इसी तरह थिएटर्स के भीतर भी रश कम रहा। लोगों का मूवी देखने का प्लान कैंसिल करना पड़ा।

अभी नहीं मिलेगी राहत

मौसम की ये किरकिरी शीतोष्ण कटिबंधीय चक्रवात यानी पछुआ विक्षोभ की वजह से हुई है। इस चक्रवात की वजह से लगातार मौसम में बदलाव हो रहे हैं। इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के ज्योग्राफी डिपार्टमेंट के प्रोफेसर और मौसम विज्ञानी बीएन मिश्रा ने बताया कि यह सिलसिला अभी चार से पांच दिन तक लगातार चल सकता है। यह चक्रवात इतना स्ट्रांग है कि जब भी इसे नमी मिलेगी बारिश जरूर होगी। उनके मुताबिक सैटरडे को धूप भी निकल सकती है और इसके बाद पुन: बदली और तेज हवाएं भी चल सकती हैं। यह इस चक्रवात का ही प्रभाव है। टेम्परेचर मिनिमम से मिनिमम प्वाइंट तक गिर सकता है।

आग तापना भी हुआ मुश्किल

जैसे-जैसे गलन बढ़ रही है हॉस्पिटल्स में हार्ट, ब्रीथ, फीवर, वायरल इंफेक्शन और आर्थराइटिस के पेशेंट बढ़ते ही जा रहे हैं। हालांकि इस मौसम में बहुत से ज्यादा अलाव से लगाव भी मुश्किलें पैदा कर सकता है। स्किन स्पेशलिस्ट डॉ। शक्ति बसु ने बताया कि इस सीजन में ब्लड सर्कुलेशन कम हो जाने से हाथ और पैरों की उंगलियों में सूजन आ जाती है। ऐसी सिचुएशन में उन्हें आग तापने से दूर रहना चाहिए। वरना एलर्जी बढ़ सकती है। इससे तेज पेन हो सकता है और उंगलियां सुन्न पड़ सकती हैं। वहीं तेज ठंड की वजह से कोल्ड स्ट्रोक की संभावना भी बढ़ती जा रही है। ऐसे पेशेंट कोमा की हालत में हॉस्पिटल पहुंच रहे हैं।

Love birds ने किया enjoy

मौसम के यू टर्न ने जहां सभी को परेशान किया वहीं लव बड्र्स ने इस सिचुएशन को कैश कराने में कोई कसर नहीं छोड़ी। रेस्टोरेंट, पार्क के कोनों और सड़कों पर बाइक सवार ये पेयर इंज्वॉय करते नजर आए। दुनिया-जहान की फिक्र से दूर इन लव बड्र्स को मौसम की बेरुखी भी परेशान नहीं कर सकी। इक्का-दुक्का बाइकर्स गैंग भी बारिश के बीच सड़कों पर फर्राटा भरते रहे। इतना ही नहीं आइसक्रीम पालर्स पर भी कुछ यंगस्टर्स नें अपने टेस्ट के साथ मौसम को इंज्वॉय किया।

फेसबुक पर हुई चाय-पकौड़े की दावत

घर बैठे लोगों ने मौसम के बारे में सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर जमकर ट्वीट और कमेंट किया। इस बीच यूजर्स ने एक-दूसरे को चाय-पकौड़ा पार्टी ऑफर करने वालों की धूम मची रही। किसी ने मौसम को पॉलिटिक्स से जोड़ा तो कोई वेदर बेस्ड चुटकुलों को शेयर करता रहा। इसके अलावा वाट्सऐप पर भी शेरों-शायरी का दौर चलता रहा।

महंगी हो सकती हैं सब्जियां

मौसम में लगातार हो रहा बदलाव अगर कुछ दिन और जारी रहा तो लोगों की जेब हल्की हो सकती है। एक्सपट्र्स के अनुसार बेमौसम होने वाली बारिश के चलते मौसमी सब्जियों की फसल खराब होने की संभावना बन रही है। जिसका असर जल्द ही मार्केट में दिख सकता है। जो सब्जियां इस मौसम में सस्ती मिलती हैं उनके रेट अचानक बढऩे से लोगों को दिक्कत होगी।

प्रशासन ने बनाए आपदा control room

 मौसम की बेरुखी ने प्रशासन के कान खड़े कर दिए हैं। डीएम राजशेखर ने माघ मेला के समय संभावित आपदा की स्थित को देखते हुए विकास भवन में आपदा कंट्रोल बना दिया है। जिसका दूरभाष नंबर 0532-2548811, 254882,2548833 और फैक्स नंबर 2548833 रखा गया है। यहां 24 ऑवर्स इम्प्लाइज मौजूद रहेंगे। डीएम ने बताया कि जिला आपदा कंट्रोल रूम में एक मास्टर रजिस्टर बनाया गया है जिसमें लैंडलाइन, मोबाइल फोन, फैक्स, ईमेल आदि के माध्यम से शिकायतों को दर्ज किया जाएगा। यह कंट्रोल रूम 28 फरवरी तक संचालित होगा।