द्दह्रक्त्रन्य॥क्कक्त्र:

महंत सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अयोध्या के रामजन्म भूमि पर भगवान रामलला के मंदिर का निर्माण बहुसंख्यक समाज के आस्था का विषय है। ऐसे में इस विषय में समाज ही निर्णय लेगा। लेकिन इस विषय को ध्यान में रखते हुए हमें रामराज्य की स्थापना भी करनी होगी। सरकार इस विषय में अपने दायित्व का निर्वहन बखूबी कर रही है। समाज को भी इसके लिए आगे आना होगा। रामराज्य की स्थापना के लिए पुरुषार्थ करना होगा। श्रीराम को रोटी से जोड़कर हर गरीब को रोटी, कपड़ा, मकान, चिकित्सा, बिजली और पानी जैसी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करानी होंगी। तभी रामराज्य संभव हो सकेगा। सीएम ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ की पुण्यतिथि समारोह के तहत आयोजित महंत अवेद्यनाथ की श्रद्धांजलि सभा को संबोधित कर रहे थे। अपने गुरु को श्रद्धांजलि देते हुए योगी ने कहा कि अवेद्यनाथ की सोच के मुताबिक सांस्कृतिक भारत की पुन: प्रतिष्ठा का युग शुरू हो चुका है। देश की जनता को इसका आभास भी होने लगा है।

मंदिर से संचालित हैं 48 शिक्षण-प्रशिक्षण

मध्यकाल में गोरखनाथ पीठ विदेशी आक्रांताओं का शिकार रहा है। किन्तु महन्त दिग्विजयनाथ जी महाराज ने इसके पुराने वैभव को प्राप्त किया। महंत अवेद्यनाथ जी महाराज ने उसे और भव्य स्वरूप दिया। शिक्षा, स्वास्थ्य को सेवा का साधन बनाकर इस पीठ ने जन सेवा को ही भगवान की सेवा मानकर कार्य किया है। 48 शिक्षण-प्रशिक्षण, स्वास्थ्य व सेवा के संस्थान मन्दिर द्वारा संचालित है। महंत अवेद्यनाथ जी महराज ने भारतीय सनातन धर्म एवं संस्कृति में प्रतिष्ठित धर्म-स्थलों की भूमिका को वर्तमान युग में साक्षात् प्रस्तुत किया। श्रीराम जन्मभूमि के साथ इस पीठ का जुड़ाव बहुत पहले से है।

5 लाख लोगों को मिली निशुल्क चिकित्सा

उन्होंने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में भारत की सांस्कृतिक राष्ट्रीयता अपना स्पष्ट आकार ले रही है। उन्होंने भारत के ऋषि परंपरा के प्रसार के योग को अन्तरराष्ट्रीय मान्यता दिलाई। भारत की सनातन कुंभ की परम्परा को यूनेस्को द्वारा दुनिया की अमूल्य सांस्कृतिक धरोहर की मान्यता दिलाई है। आयुष्मान भारत के अन्तर्गत देश के 50 करोड़ गरीब परिवारों को एक वर्ष में 5 लाख रुपए की नि:शुल्क चिकित्सा की सुविधा उपलब्ध कराने का अद्वितीय निर्णय लिया है। यह दुनिया की सबसे बड़ी चिकित्सा योजना है। 4 करोड़ परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिए गए हैं। करोड़ों परिवारों को आवास उपलब्ध करा दिए गए हैं।

भारत के संत समाज को योगी जी पर गर्व है

जगद्गरू शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानन्द जी महाराज ने कहा कि राष्ट्र-सन्त महन्त अवेद्यनाथ जी महाराज भारतीय संस्कृति, हिन्दू चिंतक, सांस्कृतिक राष्ट्रवाद और सामाजिक समरसता के अग्रदूत थे। गोरखनाथ मन्दिर भारत की संस्कृति, संस्कारों और परम्परा का मंदिर है। उन्होंने कहा कि यह पीठ धन्य है, जहां ऐसे सन्तों ने अपनी कर्मस्थली बनाई। महन्त अवेद्यनाथ महाराज ने एक ऐसे भारत का स्वप्न देखा जहां राष्ट्रवाद, सामाजिक समरसता, हिन्दुत्व और विकास दिखाई दे। वर्तमान उत्तर प्रदेश का मुख्यमंत्री आज एक युवा सन्यासी है। जिस पर भारत के सन्त समाज को गर्व है।

श्रद्धाजंलि सभा में मौजूद रहे लोग

श्रीराम जन्म भूमि न्यास के अध्यक्ष मणिराम छावनी, अयोध्या के महंत नृत्यगोपालदास जी महाराज ने कहा कि देश के सनातन धर्म, हिन्दूत्व, सामाजिक समरसता, रामजन्मभूमि मुक्ति और पूर्वाचल के शैक्षिक प्रगति के नए आयाम दोनों ब्रह्मलीन महंत जी ने प्रस्तुत किए। श्रद्धांजलि सभा में जगद्गुरू अनंतानन्द द्वाराचार्य स्वामी डॉ। रामकमलदास जी वेदान्ती, दिगम्बर अखाड़ा, अयोध्या के महन्त सुरेशदास मौजूद रहे।