- शहर को 450 मेगावाट बिजली की है जरूरत, मिल रही 400 मेगावाट

- 60 फीसदी घरों में भी केवल एलईडी जलाई जाए तो बचेगी 50 मेगावाट बिजली

- विभागों को भी बिजली बचाने की नसीहत दे गए हैं सीएम

GORAKHPUR: शहर में प्रवास के दौरान सीएम आदित्यनाथ योगी द्वारा बिजली बचाने के लिए विभागों को दी गई सीख के बाद इस तरफ एक बार फिर सबका ध्यान गया है। गोरखपुर को 450 मेगावाट बिजली की जरूरत है जबकि इसे 400 मेगावाट तक बिजली ही मिल पाती है। बिजली विभाग की मानें तो यदि शहर के सिर्फ 60 फीसदी घरों में केवल एलईडी का ही इस्तेमाल हो तो डेली 50 मेगावाट तक बिजली बचाई जा सकती है। इससे पूरे शहर को एक घंटे एक्स्ट्रा बिजली दी जा सकेगी। वहीं यदि इस पहल में सारे सरकारी विभाग शामिल हो गए तो अपनी ही बचाई बिजली से बिजली की कमी दूर की जा सकती है।

अधिकारियों, कार्यकर्ताओं को सीख

विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अपनी सरकार आने पर बिजली में सुधार का वादा किया था। सरकार बनने के बाद इस संबंध में पहल शुरू कर दी गई है। दो दिन के गोरखपुर दौरे पर आए सीएम योगी आदित्यनाथ ने अन्य विकास मुद्दों के साथ ही साथ बिजली के बारे में भी चर्चा की। बिजली विभाग को बिजली उपलब्ध कराने के साथ ही बिजली बचाने का भी निर्देश दिया। सीएम ने यह निर्देश अफसरों के साथ ही कार्यकर्ताओं को भी दिया है। यदि सीएम की पहल पर सभी विभागों के साथ ही शहर के घरों में केवल एलईडी बल्ब लगा दिए जाएं तो इस दौरान बचत हुई बिजली से ही बिजली की कमी दूर की जा सकती है।

अभी यह है स्थिति

बिजली विभाग की मानें तो अभी शहर के एक सामान्य घर में करीब 10 बल्ब जलते हैं। इनमें दो बल्ब एलईडी, छह बल्ब सीएफएल और दो ट्यूब लाइट लगे रहते हैं। यदि इन सभी को एलईडी में बदल दिया जाए तो काफी बिजली बचाई जा सकती है।

बिजली विभाग ने की थी पहल

महानगर विद्युत वितरण निगम के एसई एके सिंह का कहना है कि विभाग पहले से ही इस बारे में सजग है। एक साल पहले शहर में तीन लाख एलईडी बल्ब और 50 हजार एलईडी पंखा लोगों को दिया गया था। इन सबके लग जाने से पिछले एक साल में बिजली के लोड में बहुत अधिक कमी आई है।

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बिजली बचाने में आगे है रेलवे

रेलवे ने अपनी कॉलोनियों की गलियों में उजाला करने वाले भारी भरकम स्ट्रीट लाइट की जगह पिछले एक साल में हल्के एलईडी लगा दिए है।

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निगम बर्बाद करता सबसे अधिक बिजली

एक तरफ सीएम विभागों और पार्टी कार्यकर्ताओं से बिजली बचाने को कह रहे हैं वहीं गोरखपुर नगर निगम बिजली बर्बाद करने में अब भी सबसे आगे है। निगम के आज भी एक हजार स्ट्रीट लाइट ऐसे हैं जो दिन में भी जलते रहते हैं। इनसे डेली 6300 यूनिट बिजली बर्बाद होती है। अगर यह स्ट्रीट लाइट एलईडी में बदल दिए जाएं तो शहर में डेली रात को 10 हजार यूनिट बिजली की बचत होगी। वहीं दिन में 6300 यूनिट बिजली की बचत हो जाएगी।

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फैक्ट फाइल

- शहर में कुल 1.62 लाख कंज्यूमर्स हैं

- शहर में तीन मुख्य सब स्टेशन और 17 सहायक सब स्टेशन हैं

- शहर में 11 हजार वोल्ट की लगभग 35 फीडर है

- 105 440 और 220 वोल्ट के फीडर हैं

- शहर में डेली 440 से 450 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है

- अभी 400 मेगावाट तक डेली मिल रही है बिजली

- इतनी मात्रा में डेली 21 घंटे तक शहर में बिजली सप्लाई हो रही है

- शहर में प्रत्येक दिन 25 प्रतिशत तक लाइन लॉस हो जाता है

- शहर में सबसे अधिक बिजली की बरबादी पुराने तारों से होती है

- शहर में फॉल्ट से औसतन डेली दो घंटे तक बिजली गुल रही है

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