- डिंपल बाहर निकलते ही बोले बस बच गए

- विधानसभा की लिफ्ट अटकी, सत्ता के गलियारे से लेकर शासन-प्रशासन में हड़कंप

-रेस्क्यू आपरेशन के बाद लिफ्ट तोड़ कर बाहर निकाला

-पीडब्ल्यूडी के चार इंजीनियर नपे, कंपनी पर मुकदमा दर्ज

द्यह्वष्द्मठ्ठश्र2@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

रुष्टयहृह्रङ्ख : शुक्रवार को सीएम अखिलेश यादव की सिक्योरिटी में अब तक की सबसे बड़ी सुरक्षा चूक उजागर हुई। विधानभवन की लिफ्ट में सीएम अखिलेश यादव अपनी पत्‍‌नी डिंपल यादव के साथ 23 मिनट 54 सेकेंड तक फंसे रहे। इसकी खबर लगते ही सत्ता के गलियारे से लेकर शासन और प्रशासन में हड़कंप मच गया। 24 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद लिफ्ट को काट कर सीएम को बाहर निकाला गया। बाहर निकलते ही सामने मंत्रियों को खड़ा देख मुख्यमंत्री अखिलेश केमुंह से निकला'बच गए, बस बच गए.' फिर चेहरे पर उलझन के साथ पत्नी को सहारा देते हुए वह सचिवालय के मुख्य गेट के पोर्टिको तक पहुंचे.उधर, इस घटना के बाद आनन-फानन में पीडब्ल्यूडी एक्जीक्यूटिव इंजीनियर डीडी सिंह, अधीक्षण अभियंता अजय श्रीवास्तव, एई धर्मेद्र सिंह और जेई सीताराम सक्सेना को सस्पेंड कर दिया गया है। इसके साथ ही लिफ्ट बनाने वाली कंपनी थाइसन क्रूप के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज करा दिया गया। देर शाम इस मामले में सीएम ने अपने आवास पर संबंधित विभाग के अफसरों का तलब भी किया है।

बाल संसद में शामिल होने गये थे सीएम

सीएम अखिलेश यादव, अपनी वाइफ डिंपल यादव के साथ विधानभवन के राजर्षि दास टंडन हाल में आयोजित बाल संसद में पहुंचे थे। लगभग दो घंटे चले कार्यक्रम के बाद 2 बजकर 46 मिनट पर सीएम वीआईपी लिफ्ट नंबर एक से सेकंड फ्लोर से ग्राऊंड फ्लोर पर जा रहे थे, लिफ्ट अचानक फ‌र्स्ट फ्लोर और सकेंड फ्लोर के बीच आकर फंस गयी। लिफ्ट में उनकी वाइफ व कन्नौज से सांसद डिंपल यादव, सीएम सिक्योरिटी इंचार्ज शिवकुमार और लिफ्ट मैन संजय कुमार सक्सेना भी मौजूद थे। ग्राउंड फ्लोर पर कई नेता और कार्यकर्ता सीएम के आने का इंतजार कर रहे थे। दो मिनट बाद भी लिफ्ट ओपेन नहीं हुई तो अफरा-तफरी मच गयी।

24 मिनट तक चला रेस्क्यू आपरेशन

लिफ्ट में बाहर की ओर फायर एलर्ट स्विच बोर्ड लगा होता है। जिसमें लिफ्ट किसी भी फ्लोर पर फंसी हो, स्विच आन करते ही ग्राउंड फ्लोर पर आ जाती है। शुक्रवार को इस हादसे के समय मौके पर वह स्विच भी धोखा दे गयी। लिफ्ट को ओपेन करने के लिए चाभी ढूंढी जाने लगी, लेकिन नहीं मिली। अफरा-तफरी के दौरान सिक्योरिटी कर्मी लॉक कटर और बेल्चा ले आये और लिफ्ट खोलने की कोशिश हुई। लगभग 24 मिनट बाद फ‌र्स्ट फ्लोर पर लिफ्ट को काटकर सबको निकाला गया। पूरे रेस्क्यू आपरेशन के दौरान विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय खुद लिफ्ट के पास मौजूद रहे।

मंगायी गयी आक्सीजन और एम्बुलेंस

सीएम के फंसे होने की सूचना मिलते ही हड़कंप मच गया। सिक्योरिटी एलर्ट हो गयी। रेस्क्यू आपरेशन टीम को एलर्ट कर दिया गया। जेड प्लस सिक्योरिटी में लगे एनएसजी के जवान भी एक्शन में आ गये। एम्बुलेंस के साथ आक्सीजन सिलेंडर मंगा लिये गये।

एक घंटे बाद पहुंचे डीएम और एसएसपी

घटना लगभग पौने तीन बजे की है। लेकिन डीएम राजशेखर और एसएसपी राजेश पांडेय को मौके पर पहुंचने में एक घंटे से अधिक समय लग गया। मौके पर जब जिले के यह दोनों आलाधिकारी पहुंचे तो सपा कार्यकर्ताओं ने उन्हें घेर लिया और लिफ्ट हादसे के जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की डिमांड करने लगे। डीएम को कुछ दूर पहले ही गाड़ी रोक देनी पड़ी और फिर पोर्टिको तक पैदल पहुंचे। डीएम राजशेखर ने कहा कि देखा जा रहा है कि किस लेवल पर चूक हुई है। इसके लिए पूछताछ की जा रही है, जो भी जिम्मेदार होगा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। वहीं एसएसपी का कहना था कि हर इस तरह के कार्यक्रम में हर फ्लोर पर एक इंजीनियर को होना चाहिए। अगर ऐसा होता तो शायद रेस्क्यू में इतना टाइम ना लगता।

सिक्योरिटी पर बड़ा सवाल

सीएम को ना सिर्फ जेड प्लस सिक्योरिटी उपलब्ध है बल्कि उनका कोई भी प्रोग्राम होता है तो उसके पूरे रूट की चप्पे चप्पे की जांच होती है। इस लिफ्ट की भी जांच एक दिन पहले करायी गयी थी जिसमें लिफ्ट का काम देखने वाली एजेंसी थाइसन क्रूप ने ओके रिपोर्ट दी थी। ऐसे में सवाल है कि जब सबकुछ ठीक था तो इस तरह की चूक कैसे हो गयी? लिफ्ट की मेंटेनेंस पर भी सवाल उठ रहे हैं, क्योंकि इसके नाम पर हर साल लाखों रुपये का बजट खर्च होता है।

गायब थे जिम्मेदार अफसर

सीएम का प्रोग्राम कहीं भी होता है, तो सिक्योरिटी से संबंधित सभी अधिकारी मौजूद होते हैं। लेकिन शुक्रवार को जेई और एई दोनों गायब थे। बताया जाता है कि यह दोनों अधिकारी पिछले कई सालों से यहीं जमे हैं। एई धर्मेद्र सिंह पिछले 18 सालों से यहां तैनात हैं। धर्मेद्र सिंह यहीं पर जेई था और प्रमोशन के बाद भी इसे हटाने की हिम्मत मुख्यालय पर बैठे अधिकारियों की नहीं हुई।

घबरा गये विधान सभा अध्यक्ष

विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय चीफ मिनिस्टर को लिफ्ट में सवार करने के बाद अपने कक्ष की ओर वापस आ गये थे। लेकिन कुछ ही पलों में विधानसभा के एक मार्शल ने आकर बताया कि सीएम साहब लिफ्ट में फंस गये हैं। आमतौर पर शांति के साथ परिस्थितियों का सामना करने वाले माता प्रसाद पांडेय के भी हाथ पांव फूलने लगे। वह फौरन फ‌र्स्ट फ्लोर पर पहुंचे और कर्मचारियों को निर्देश दिया कि जैसे भी मुख्यमंत्री को जल्द से जल्द बाहर निकालो। लिफ्ट काटनी पड़ी या जो कुछ भी करना पड़े तत्काल रेस्क्यू आपरेशन शुरू हो।

2 बजकर 46 मिनट

स्थान : विधानभवन का राजर्षि पुरुषोत्तम दास टंडन हाल

पश्चिमी द्वार के करीब की लिफ्ट संख्या एक

23 मिनट 54 सेकंड अफरातफरी

मैंने कहा था, डिंपल और मुझे साथ न ले जाओ

संभवत: बोझिल माहौल को हलका करने की कोशिश में मुख्यमंत्री ने मंत्रियों से कहा-'देखो, मैंने पहले ही कहा था न कि मुझे और डिंपल दोनों को एक साथ ले जाना ठीक नहीं.' फिर पत्नी के चेहरे पर परेशानी, बेचैनी के आते-जाते भाव देख मुख्यमंत्री बोले-'कोई नहीं, कभी-कभी टेक्निकल फाल्ट से भी ऐसा हो जाता है.'