-सीएम बोले, भाजपा नेताओं को सस्ते दामों पर आवंटित जमीनों की लिस्ट जारी होगी

-पूर्ववर्ती सरकार में 400 से 500 खनन पट्टों का भी किया जाएगा खुलासा

DEHRADUN: राज्य में उठे राजनीतिक तूफान के बाद सियासत लगातार गरम होती जा रही है। सत्ताधारी पार्टी व विपक्ष में जंग जारी है। एक तरफ राज्य में मचे भूचाल के बीच राज्य में सरकार के करीबी लोगों के ठिकानों पर ताबड़तोड़ छापेमारी चल रही है, वहीं दूसरी ओर बगावत के मुख्य सूत्रधार व पूर्व कैबिनेट मंत्री डा। हरक सिंह रावत के खासमखासों के एक-एक करके पर कतरे जा रहे हैं। इसी बीच सीएम हरीश रावत ने खनन, स्मार्ट सिटी व जमीनों के सौदेबाजी के बीजेपी के आरोपों पर भी पलटवार किया। सीएम ने स्मार्ट सिटी पर भाजपा नेताओं की सरकार को भेजे गए पत्र को सार्वजनिक कर कहा कि जिस मुद्दे पर बीजेपी बयानबाजियां कर रही है, उसका आइडिया खुद भाजपा ने दिया। सीएम ने कहा कि भाजपा जिस प्रकार से उनको भूमाफिया कह रही है, वे जल्द ही बीजेपी के उन लोगों के नामों की सूची जारी करेंगे, जिन्हें सस्ती दरों पर जमीनें दी गई।

स्मार्ट सिटी पर है भाजपा नेताओं का हस्ताक्षर

सीएम ने बीजापुर गेस्ट हाउस में पत्रकारों से बातचीत में कहा कि उनकी सरकार पर वे लोग आरोप लगा रहे हैं, जिनकी सरकार में ब्00 से लेकर भ्00 से ज्यादा खनन पट्टे बांटे गए, यही वजह है कि इसका हिसाब अब तक बीजेपी को देना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि उन पर आरोप लग रहे हैं कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में सीएम अपना भला कर रहे हैं। सीएम ने एक पत्र जारी किया। सीएम को संबोधित यह पत्र क्9 दिसंबर ख्0क्ब् को भेजा गया। जिसमें तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष तीरथ सिंह रावत, नेता प्रतिपक्ष अजय भट्ट, हरबंस कपूर, गणेश जोशी व सहदेव पुंडीर के हस्ताक्षर हैं। सीएम ने कहा कि बीजेपी के नेताओं ने शिमला बाईपास व शहर के अन्य क्षेत्रों को स्मार्ट सिटी के लिए लाने का अनुरोध किया था। इस प्रस्ताव को नगर निगम ने आगे बढ़ाया। सीएम ने कहा कि भाजपा व उनके नए बने साथी खनन पर आरोप लगा रहे हैं, चुनौती दी कि भाजपा के शासनकाल में भ्00 खनन पट्टे जारी हुए हैं। खनन के पट्टे अवैध थे, के सवाल पर सीएम ने कहा कि इसकी जांच चल रही है।

नैनीसार पर सरकार का नीितगत निर्णय

सीएम ने नैनीसार में भू-आवंटन पर उठ रहे सवालों के जवाब में कहा कि नैनीसार में नान जेड ए की भूमि आवंटित की गई है। जो सरकार का नीतिगत निर्णय है। जिसके तहत शिक्षा के क्षेत्र में निजी पूंजी निवेश को प्रोत्साहित किया जाना है। नीति में प्रमोशन आधार पर भी जमीन देने का प्रावधान है।