- मोहकमपुर फाटक से मियांवाला तक किया परिवहन निगम की बस में यात्रियों के साथ सफर

- यात्रियों से लेते रहे पूरी यात्रा के दौरान सुविधाओं को लेकर फीडबैक

- इसके बाद 15 बसों में और किया सीएम ने निरीक्षण, चेक की टिकट मशीनें

स्त्रद्गद्धह्मड्डस्त्रश्रश्रठ्ठ@द्बठ्ठद्ग3ह्ल.ष्श्र.द्बठ्ठ

ष्ठश्व॥क्त्रन्ष्ठहृ (19 ह्रष्ह्ल): सिटी की सड़कों पर मंडे को अजब नजारा दिखाई दिया। स्टेट के चीफमिनिस्टर हरीश रावत सड़क पर परिवहन निगम के टिकट चेकर की भूमिका में उतरे और कई बसों की चेकिंग करते हुए यात्रियों से उनकी परेशानियां पूछी। इसके बाद उन्होंने एक बस में कुछ दूरी तक यात्रा करते हुए यह भी जाना कि सिटी की सड़कें बस यात्रा के लायक हैं या नहीं।

पहुंचे मोहकमपुर फाटक और हो गए बस में सवार

मंडे को स्टेट सचिवालय में विभिन्न विभागों के कार्यालयों का निरीक्षण करने के बाद चीफमिनिस्टर रावत ने अपना काफिला हरिद्वार-दून नेशनल हाइवे ले जाने के लिए कहा। वहां मोहकमपुर रेलवे फाटक पार करते ही उनकी लाल बत्ती लगी इनोवा कार अचानक रूक गई। नीचे उतरे चीफमिनिस्टर के इशारे पर सुरक्षाकर्मियों ने ऋषिकेश जा रही उत्तराखंड रोडवेज बस संख्या यूके07पीए-0266 को रोक लिया। कोई कुछ समझ पाता, इससे पहले ही चीफमिनिस्टर खुद बस में सवार हो गए।

भरी हुई बस में यात्री ने दी सीएम को दी सीट

बस में सभी सीटें फुल थीं और कुछ यात्री खड़े थे। दरवाजे से दूसरे नंबर की सीट पर बैठे यात्री ने सीएम को अपनी सीट पर बैठने के लिए रिक्वेस्ट की। सीएम ने हंसते हुए आग्रह स्वीकार किया और बैठ गए यात्रियों के बीच।

पूछी सुविधाएं, तो रखरखाव की खोली यात्रियों ने पोल

सीएम के बैठने के बाद बस फिर से चल पड़ी और शुरू हुआ यात्रियों से बातचीत का दौर। चूंकि, जेएनएनयूआरएम वाली लाल बस थी, सो उसमें दैनिक यात्री ज्यादा थे। सभी ने मिलीजुली प्रतिक्रिया देते हुए बस सेवा की तारीफ तो की, लेकिन बसों के रखरखाव पर चिंता जताई। खिड़की के शीशे व बस की बॉडी खड़-खड़ करती रहती है। साहब! बस यह चीजें ठीक करा दीजिए, बाकी दिक्कत कुछ नहीं। सीएम ने 'ठीक है करता हूं' कहकर अपनी सहमति जताई।

15 मिनट सफर में ड्राइवर-कंडक्टर को दी शाबाशी

पंद्रह मिनट का सफर एक आम यात्री की तरह कर चीफमिनिस्टर मियांवाला में उतर गए। वहां उन्होंने ड्राइवर सुभाष व कंडक्टर मनोज निर्वाल को कहा, ईमानदारी का इनाम यही है कि यात्री आपसे खुश हैं। फिर चीफमिनिस्टर ने हरिद्वार जा रही ग्रामीण डिपो की बस यूके07पीए-2032 को रोक लिया। कंडक्टर यागवेंद्र सिंह की टिकट मशीन चेक की। यात्रियों का रिकॉर्ड सही मिलने पर बस जाने दी। फिर काशीपुर जा रही काशीपुर डिपो की बस रोकी व मशीन जांची।

पहुंचे रोडवेज अधिकारी भी और करने लगे चेकिंग

आनन-फानन में रोडवेज अधिकारी भी वहां आ धमके और चीफमिनिस्टर के साथ बसों की चेकिंग में जुट गए। लगभग 15 बसें चीफमिनिस्टर ने खुद चेक कीं। एक बस में तीन राज्य आंदोलनकारी महिलाएं भी मिलीं। चीफमिनिस्टर ने उनसे सरकार द्वारा दी जा रही मुफ्त यात्रा का फीडबैक लिया। इसके बाद वह अधिकारियों को बसों की चेकिंग नियमित करने का निर्देश दे आगे बढ़ गए। हालांकि चीफमिनिस्टर की योजना इसके बाद आईएसबीटी पर भी निरीक्षण करने की थी, लेकिन वहां पहले ही सूचना पहुंच जाने के कारण उन्होंने अपना कार्यक्रम बदल लिया। वह इस बात से खासे नाराज भी दिखाई दिए।

कुछ ऐसी रही बातचीत----

चीफमिनिस्टर : आपको कैसा लगता है हमारी बसों में सफर।

यात्री : सर! एकदम सुरक्षित और अच्छा।

चीफमिनिस्टर : अरे ऐसे नहीं भई, आज तो मैं भी आम मुसाफिर हूं। सफर में जैसी अच्छी-बुरी बातों का सिलसिला चलता है, वैसी ही बातचीत करते हैं आज।

(जवाब देने के बजाय सभी सिर्फ सीएम के साथ सेल्फी खींचने में व्यस्त रहे तो फिर दोहराया सवाल)

चीफमिनिस्टर : अरे भाई लोगों कुछ तो बताओ। मैं कैसे सुधार करूंगा फिर? टिकट-विकट देता है क्या कंडक्टर?

(इसके बाद सभी लोगों ने अपना-अपना फीडबैक बताया)