कर्नाटक में टमाटरों के फेस्टिवल "ला टोमाटिना" पर रोक लगा दी गई है. सीएम डीवी सदानन्द गौडा ने इस फेस्टिवल पर रोक लगाते हुए कहा है कि यह फेस्टिवल इंडियन कल्चर का हिस्सा नहीं है और इसमें काफी तादात में टमाटरों की बर्बादी होती है.

 

यह रोक देश भर में चल रहे ऑनलाइन और ऑफलाइन प्रोटेस्ट के चलते लगी है. ला टोमैटिना Bangalore में इसी महीने की 17 और 18 तारीख को बंगलुरू में मनाया जाना था. इसमें पार्टीसिपेट करने के लिए पांच हजार से भी ज्यादा लोगों ने आनलाइन अपना रजिस्ट्रेशन किया था. इसके खिलाफ फेसबुक और ईमेल्स के जरिये कई एनजीओ और सोशल थिन्कर्स अपना मूमेंट चला रहे थे.

banglore में नही मनेगा 'la tomatina'

फेसबुक पर लोगों ने एक स्टेटस मैसेज लिखकर अपना प्रोटेस्ट दर्ज किया था. इसमें लिखा था-

“Please boycott the 'La Tomatina' festival to be held in palace grounds in Banglore. This could actually be used to feed those 5.6 million children who die of malnutrition every year. Spain does it because they grow excess tomatoes and dont know what to do with it. We certainly cannot afford such an indulgence. If you agree, post it on your FB status.”

फेसबुक पर इस तरह के ढ़ेरों ईमेल्स और मैसेज लोगों ने अपने फ्रेंड्स को भेजे और सरकार से अपील की इस फेस्टिवल को बंगलुरू में न होने दिया जाए. लोगों के जबरजस्त विरोध के चलते कर्नाटक सरकार ने इस पर रोक लगाने का फैसला किया.

विरोध करने वालों का मानना है कि अगर 5000 लोग इस फेस्टिवल को सेलिब्रेट करेंगे तो कम से कम 60 हजार किलो टमाटर यूं ही बर्बाद हो जाएगा. उनके मुताबिक इंडिया जैसे देश को, जहां हर साल हजारों किसान सुसाइड करते है और लाखों लोगों को दो बार खाना नहीं मिल पाता, इस तरह के तथाकथित फेस्टिवल्स सेलीब्रेट नहीं करने चाहिये. इसी साल बॉलीवुड मूवी जिन्दगी मिलेगी ना दोबारा में टोमैटिना फेस्टिवल को सेलिब्रेट करते हुए दिखाया गया था. विरोधियों का मानना है कि इस बॉलीवुड मूवी ने ही लोगों के मन में टोमैटिना का क्रेज बढ़ा दिया है.

banglore में नही मनेगा 'la tomatina'

ला टोमाटिना स्पेन के वेटिशयन टाउन में मनाया जाता है. इसमें लोग एक दूसरे पर टमाटर फेंकते हैं. बताया जाता है कि इस फेस्टिवल की शुरूआत 1945 में दो ग्रुपों में टमाटर की लड़ाई से हुई थी. धीरे धीरे इसे हर साल अगस्त महीने में ला टोमाटिना नाम से मनाया जाने लगा. वहां यह फेस्टिवल पूरे एक हफ्ते चलता है. यह भी माना जाता है कि इसे वहां के एक स्थानीय संत के सम्मान में मनाया जाता है. ला टोमैटिना के दौरान स्पेन में डांस, म्यूजिक और मस्ती का माहौल छाया रहता है.

क्या आपको लगता है इंडिया में ला टोमैटिना जरिए फेस्टिवल मनाए जाने चाहिए

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