छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र : सी-सैट पर चल रहे संग्राम के बीच मुख्यमंत्री रघुवर दास ने अब हर साल जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा आयोजित करने की बात कही है। शुक्रवार को विपक्षी दलों द्वारा सी-सैट को हटाने की मांग को लेकर किए जा रहे हंगामे के दौरान मुख्यमंत्री ने जेपीएससी के सेशन को रेगुलर करने का आश्वासन दिया। उन्होंने सी-सैट के मुद्दे पर एक तीन सदस्यीय समिति बनाने की घोषणा की। समीति की रिपोर्ट के आधार पर ही जेपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट के लागू करने अथवा नहीं करने का फैसला लिया जाएगा।

15 साल मात्र 5 एग्जाम

यूं तो हर साल सिविल सर्विस परीक्षा लिए जाने का प्रॉविजन है, लेकिन झारखंड में पिछले 15 सालों में मात्र चार पूरी और एक अधूरी सिविल सेवा परीक्षा ही हो पाई है। इसके अलावा छठी सिविल सेवा परीक्षा के लिए 17 अगस्त को अधिसूचना जारी की गई है। इस लिहाज से देखें तो हर तीन साल पर एक सिविल सर्विस परीक्षा की प्रक्रिया पूरी हो रही है। यहां सिविल सर्विस परीक्षा का विज्ञापन कब आएगा, इसे लेकर कोई कैलेंडर नहीं है। ऐसे में सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।

चौथी में सबसे कम, पहली में सबसे ज्यादा

जेपीएससी की ओर से अबतक चार सिविल सेवा परीक्षा की प्रक्रिया पूरी की जा चुकी है। इन चारों में सबसे कम समय तीसरी सिविल सेवा की प्रक्रिया में लगा है। तीसरी सिविल सेवा परीक्षा 1.7 साल में पूरी हुई, जबकि सबसे ज्यादा समय करीब 3.5 साल पहली सिविल सेवा परीक्षा के पूरी होने में लगा। इसके अलावा दूसरी सिविल सेवा में 3 साल, चौैथी में तीन साल लगे थे।

सी-सैट पर बनी कमिटी, एक सप्ताह में सौंपेगी रिपोर्ट

मुख्यमंत्री के निर्देश पर सी-सैट के मुद्दे पर मुख्य सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है। समिति को सी-सैट के विभिन्न पहलुओं का अध्ययन कर अपनी रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर सरकार को देना है। समिति यह तय करेगी की झारखंड की सिविल सेवा परीक्षाओं के लिए सी-सैट उपयोगी है या नहीं। इसी के आधार पर वह रिपोर्ट तैयार करेगी। इसी रिपोर्ट की बेसिस पर सिविल सेवा परीक्षा में सी-सैट को लागू किया जाएगा अथवा नहीं, सरकार फैसला करेगी।

सी-सैट पर नहीं चली सदन की कार्यवाही

शुक्रवार को भी सी-सैट के मुद्दे पर विधानसभा में जमकर हंगामा हुआ। विधानसभा के मॉनसून सत्र के अंतिम दिन पहली पाली में विधायी कामकाज नहीं हुआ। एक बार आधा घंटा और उसके बाद भोजनावकाश तक कार्यवाही आसन ने स्थगित कर दी। कार्यवाही शुरूआत में ही प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने कहा कि सरकार इसे वापस ले वरना वे सदन की कार्यवाही नहीं चलने देंगे। इसी दौरान विपक्षी विधायक वेल में आकर सीसैट रद करने की मांग करने लगे। सत्तापक्ष की ओर से अनंत ओझा, विरंची नारायण, राज सिन्हा आदि विधायकों ने अपनी सीट पर खड़ा होकर इसका विरोध किया। बाद में स्पीकर ने जानकारी दी कि सरकार इसपर दूसरी पाली में उत्तर देगी। राधाकृष्ण किशोर ने चर्चा करने का सुझाव दिया। विपक्षी विधायक फिर वेल में आ गए। हंगामा बढ़ा तो कार्यवाही भोजनावकाश तक के लिए स्थगित कर दी गई। राधाकृष्ण किशोर ने बातचीत में कहा कि विपक्ष सिर्फ राजनीतिक लाभ लेना चाहता है। उसे इस गंभीर मसले पर चर्चा से परहेज है।

झामुमो ने सड़क पर उतरकर किया प्रदर्शन

सदन के साथ-साथ सड़क पर भी सी-सैट को जेपीएससी से हटाने की मांग जोर पकड़ने लगी है। शुक्रवार को जेएमएम के कार्यकर्ताओं ने अल्बर्ट एक्का चौक के पास सी-सैट के विरोध में जमकर हंगामा किया। इन्होंने सरकार का पुतला फूंक कर विरोध जताया। जेएममएम का कहना है कि जबतक सी-सैट को हटाने का फैसला सरकार नहीं लेती है, आंदोलन जारी रहेगा।