--बोले सीएम, ईमानदारी से ड्यटी करें डॉक्टर, छोड़कर जाना है तो चले जाएं

- डॉक्टर कहां कर रहे प्राइवेट प्रैक्टिस, हो रही जांच

- रिम्स परिसर में चल रहे जांच केंद्रों को बंद करने का आदेश

- कहा, गरीबों के पैसे से सरकार देती है डॉक्टरों को वेतन

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास की राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में मरीजों को एम्स की तरह चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने की चिंता गुरुवार को साफ-साफ दिखी। हाल में यहां हुई हड़ताल, मरीजों को होनेवाली परेशानी तथा इससे राज्य की छवि खराब होने का दर्द भी। शायद इसी कारण मुख्यमंत्री ने रिम्स आडिटोरियम में मिजिल्स-रूबेला टीकाकरण अभियान की लांचिंग कार्यक्रम में डॉक्टरों-नर्सो को न केवल अपनी ड्यूटी ईमानदारी से पूरा करने का पाठ पढ़ाया, बल्कि चेताया भी कि अब मरीजों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

ऐसे व्यवहार की अपेक्षा नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा, रिम्स में डॉक्टरों और नर्सो की हड़ताल अब नहीं चलेगी। रिम्स में हाल ही में हुई हड़ताल को दुखद बताते हुए कहा कि डॉक्टर पढे़-लिखे व्यक्ति होते हैं। उनसे इस तरह के व्यवहार की अपेक्षा नहीं की जा सकती। इससे राज्य की छवि धूमिल होती है। उन्होंने आम जनता से भी किसी तरह की शिकायत निदेशक से करने की अपील करते हुए कहा कि वे भी यदि यहां किसी कमी को लेकर दंगा-फसाद और गुंडागर्दी करेंगे तो नहीं चलेगा।

गरीबों के पैसे से वेतन

उन्होंने कहा, सरकार गरीबों के पैसे से डॉक्टरों को वेतन देती है। इसलिए मरीजों के इलाज में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। उन्हें सेवा भावना से काम करना ही होगा। नौकरी छोड़कर जाना चाहते हैं तो अभी ही चले जाएं। उन्होंने ना‌र्म्स के अनुसार ड्यूटी नहीं करनेवाले डॉक्टरों को भी चेताया कि अब ऐसा नहीं चलेगा। कहा, डॉक्टरों को प्रमोशन दिया, वेतन बढ़ाया। और पैसे चाहिए तो वो भी देंगे, लेकिन बाहर काम करने की इजाजत नहीं होगी।

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डॉक्टर समाज के साथ धोखा न करें

मुख्यमंत्री ने कहा, डॉक्टर समाज के साथ धोखा न करें। सरकार जांच करा रही है कि डॉक्टर कौन से क्लिनिक और लैब में प्राइवेट प्रैक्टिस कर रहे हैं। मौके पर ही स्वास्थ्य सचिव निधि खरे को रिम्स के आसपास चल रहे क्लिनिकों की जांच कराने कराने का निर्देश दिया जहां रिम्स के डॉक्टर प्राइवेट प्रैक्टिस करते हैं। उन्होंने रिम्स के डॉक्टरों द्वारा चलाए जा रहे क्लिनिक तथा परिसर में चल रहे जांच केंद्रों को सील करने का भी आदेश दिया।

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परिजनों के मिलने का समय हो निर्धारित

मुख्यमंत्री ने रिम्स में भर्ती मरीजों से परिजनों के मिलने का समय निर्धारित करने का निर्देश निदेशक को दिया। इसके लिए सुबह और शाम दो-दो घंटे निर्धारित रहेंगे। वे सुबह में ग्यारह बजे से एक बजे तथा शाम में पांच बजे से सात बजे तक मरीजों से मिल सकेंगे। कहा, रिम्स कोई मोरहाबादी मैदान या जुबली पार्क नहीं कि लोग जब चाहें पहुंच जाएं।

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डॉक्टरों-नर्सो से हाथ जोड़कर अपील

मुख्यमंत्री ने डॉक्टरों-नर्सो से हाथ जोड़कर अपील भी कि वे जो भी मरीज आएं उनके साथ अच्छा सा व्यवहार करें। कहा, इससे उनकी आधी बीमारी ऐसे ही दूर हो जाएगी। उन्होंने लोगों को तनाव से दूर रहने का पाठ पढ़ाते हुए कहा कि सारी बीमारी की जड़ तनाव है। यह भी कहा कि डॉक्टर उनकी बातों को बुरा न मानें। वे सिर्फ सुधार चाहते हैं।

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मातृ मृत्यु दर अधिक होने पर चिंता

मुख्यमंत्री ने राज्य में टीकाकरण की दर 8.8(राज्य गठन के समय) से बढ़कर 90 फीसद होने तथा शिशु मृत्यु दर राष्ट्रीय औसत से कम (एक हजार जन्म पर 29) होने को बड़ी उपलब्धि बताई। लेकिन मातृ मृत्यु दर के अभी भी राष्ट्रीय औसत से अधिक होने पर चिंता जताई। उन्होंने राज्य में 67 वर्षो क आजादी में राज्य में मात्र तीन मेडिकल कॉलेज होने की बात कहते हुए कहा कि इस सरकार ने तीन नए मेडिकल कॉलेज खोलने का काम किया। इससे अगले साल से एमबीबीएस की सीटें 300 से बढ़कर 600 हो जाएंगी।

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रघुवर के बोल

- डॉक्टर प्रतिदिन दो-दो घंटे वार्ड में दें। बाकी समय ओपीडी चलाएं।

- डाक्टर, नर्स की जिम्मेदारी बेहतर चिकित्सा देने की है। अपने ज्ञान का लाभ अधिक से अधिक लोगों को दें।

- शांति दौलत से नहीं गरीबों की सेवा से मिलती है। डॉक्टर इसे समझें।

- डॉक्टर का काम केवल चिकित्सा करना है। प्रबंधन के काम देखने के लिए प्रशासक नियुक्त किए गए हैं।

- डॉक्टर पर सरकार क्यों हुक्म चलाए? आप पढ़े-लिखे लोग हैं।

- सभी डॉक्टर गलत नहीं हैं, लेकिन एक-दो के कारण सबकी बदनामी होती है।

- मैं एक दिन रिम्स फिर आऊंगा। रिम्स में सभी जगहों पर डस्टबीन लगाए जाएं।

- रिम्स को बेहतर बनाने में सफाईकर्मियों से लेकर स्वास्थ्य सचिव, मंत्री में जुनून हो।