--गुमला के एक स्कूल में पेयजल उपलब्ध नहीं होने पर बरसे सीएम

मुख्यमंत्री जनसंवाद

-कहा, ऐसे ही में हमारे बच्चे हो जाते हैं ड्राप आउट

-अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाते, इसलिए कोर्ट देता है आदेश

-ऑफिस में बैठे रहते हैं डीएसई, बीईओ, फील्ड भेजो

रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास स्कूलों में पेयजल की उपलब्धता नहीं होने पर मंगलवार को खासे नाराज हुए। उन्होंने गुमला के डीएसई तथा वहां के प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारियों (बीईईओ) को फटकार लगाते हुए कहा कि स्कूलों में पानी उपलब्ध नहीं करा पाते हो और कहते हो स्कूल चलें हम। कहा, 'ऐसे ही हमारे बच्चे स्कूल से ड्राप आउट हो जाते हैं। कोई काम करने के लिए कोर्ट के आदेश का इंतजार क्यों करते रहते हो? हम अपनी जिम्मेदारी नहीं निभा पाते हैं, इसलिए ही कोर्ट को आदेश देना पड़ता है.'

सूख गया है चापानल

मुख्यमंत्री जनसंवाद में शिकायत आई थी कि गुमला के दोलंगेसरा स्थित राजकीय उत्क्रमित मध्य विद्यालय में फरवरी से ही चापानल सूख गया है जिससे बच्चों को पीने का पानी के अलावा वहां मध्याह्न भोजन बनाने में परेशानी हो रही है। वीडियो कांफ्रेंसिंग के क्रम में गुमला उपायुक्त ने सफाई दी कि स्कूल ड्राइजोन में होने से चापानल सूख जाता है। डीप बो¨रग के लिए 2.28 लाख रुपये का प्राक्कलन तैयार किया गया है। इसपर मुख्यमंत्री ने सवाल उठाया कि इसपर पहले क्यों नहीं ध्यान दिया गया? जिला स्तर के शिक्षा पदाधिकारियों से पूछा कि वे यदि स्कूलों का निरीक्षण करते हैं तो इसे क्यों नहीं देखा? कोई कार्रवाई क्यों नहीं की? शिकायत करने का क्यों इंतजार किया? मुख्यमंत्री ने डीसी से पूछा, यह सब पदाधिकारी क्या करता है भैया? सभी डीएसई, बीईईओ तो आफिस में बैठे रहते हैं। इन्हें फील्ड भेजो। मुख्यमंत्री ने शिक्षा विभाग को यह पता कर कि कितने स्कूलों में पानी की समस्या है, उसे शीघ्र दूर करने का निर्देश दिया।

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एक जगह बैठककर हैंडिल करने से नहीं सुधरेगा स्वास्थ्य

मुख्यमंत्री ने सिविल सर्जनों द्वारा स्वास्थ्य केंद्रों का नियमित निरीक्षण नहीं करने पर भी नाराजगी प्रकट की। सिमडेगा के सलगापोस्ट उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक और पारा मेडिकल कर्मियों की लगातार अनधिकृत रूप से अनुपस्थिति की शिकायत पर उन्होंने सिमडेगा सिविल सर्जन को प्रत्येक दिन किसी न किसी अस्पताल या स्वास्थ्य केंद्र का निरीक्षण करने का आदेश दिया। कहा, एक ही जगह बैठकर हैंडिल करने से स्वास्थ्य व्यवस्था नहीं सुधरेगी। स्वास्थ्य उपकेंद्र में डा। दीपक कुमार कच्छप के अलावा पारा मेडिकल कर्मियों के लंबे समय से गायब होने की शिकायत मिली थी।

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काम कराकर नहीं दी मजदूरी

रांची के अरगोड़ा में रिटायर डीआइजी बिगलाल उरांव के मकान निर्माण में काम करनेवाले 16-17 मजदूरों ने 2,58,170 रुपये मजदूरी नहीं देने की शिकायत मुख्यमंत्री जनसंवाद में की। कहा कि मांगने पर जान से मारने की धमकी दी जाती है। मुख्यमंत्री द्वारा पूछे जाने पर रांची के वरीय पुलिस अधीक्षक कुलदीप द्विवेदी ने बताया कि मजदूरों केबयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गई है। मजदूरों को लेबर कोर्ट जाने का भी सुझाव दिया गया है। यह भी कहा कि यदि रिटायर डीआइजी मजदूरी का भुगतान नहीं करेंगे तो उनके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई करते हुए उन्हें हिरासत में लिया जाएगा। मुख्यमंत्री ने मौके पर ही उपस्थित उप श्रमायुक्त उमेश कुमार सिंह को लेबर कोर्ट में मामला दर्ज करने का आदेश दिया।

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देवघर की योजना, गोड्डा में हुआ टेंडर

देवघर स्थित केनमनकाठी गांव में सांसद कोटा से 15 लाख की लागत से बन रहे विवाह भवन का टेंडर गोड्डा में हुआ। इसमें पूर्व मुखिया व ठेकेदार की मिलीभगत से 5 लाख रुपये के गबन की शिकायत पर मुख्यमंत्री ने देवघर की योजना के लिए गोड्डा में टेंडर होने पर सवाल उठाया। इसपर देवघर उपायुक्त ने तीन साल पूर्व का मामला बताते हुए स्पेशल टीम गठित कर जांच की बात कही। इसपर मुख्यमंत्री ने जांच कर तह तक जाने तथा दोषी लोगों के विरुद्ध कार्रवाई का आदेश दिया।

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धनबाद, बोकारो और रांची जिला प्रशासन को बधाई

मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को सफलतापूर्वक संपन्न कराने तथा गोमिया व सिल्ली उपचुनाव शांतिपूर्ण संपन्न कराने के लिए क्रमश: धनबाद, बोकारो और रांची जिला प्रशासन को बधाई दी।

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