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- करीब सौ शादियों को साल दर साल संपन्न कराती हैं सामाजिक समितियां

- प्रशासन ने कहा, सामाजिक समितियां योजना के पात्र का आवेदन करें हस्तांतरित

BAREILLY:

मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में इक्का-दुक्का आवेदनों ने अफसरों के माथे पर शिकन ला दी है, जिसे मिटाने के लिए अधिकारी अब जुगाड़ थ्योरी लगाने में जुटे हैं। ताकि, मुख्यमंत्री की महत्वाकांक्षी योजना को सफल बनाकर अपनी पीठ थपथपा सकें। सामाजिक समितियों से बैठकों का दौर जारी है और उनकी ओर से संपन्न होने वाले वैवाहिक सम्मेलन के रजिस्टर्ड युगलों को प्रशासन को हस्तांतरित करने का अनुरोध किया जा रहा है। साथ ही, नए आवेदनों में योजना की पात्रता वाले युगलों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत सम्मिलित करने का निर्णय लिया है। आपको बताते हैं कि आखिर क्या है जुगाड़ थ्योरी, पढि़ए

विश्वसनीयता पर लगेगा प्रश्नचिह्न

डीएम आर विक्रम सिंह ने सभी सामाजिक समितियां जो विवाह संपन्न कराती हैं, उनसे अपने रजिस्टर्ड युगलों को मुख्यमंत्री सामूहिक योजना के तहत शामिल कराने के लिए कहा है। समितियों ने हामी भी भर दी है, लेकिन वह अपने आयोजन प्रभावित होने की संभावना भी जता रहे हैं। नाम न छापने की शर्त पर एक आयोजक ने बताया कि वैवाहिक समितियां हर वर्ष निश्चित संख्या में विवाह संपन्न कराने का संकल्प लेती हैं। जिसके लिए वह पूरे वर्ष दौड़ भाग कर जोड़ों को जुटाते हैं और उनका विवाह संपन्न कराकर अपना संकल्प पूरा करते हैं। ऐसे में, यदि जोड़ों के रजिस्ट्रेशन को हस्तांतरित कर दें तो समिति की विश्वसनीयता पर प्रश्नचिह्न लगेगा। संभव है कि जोड़े प्रशासन के आयोजन में फेरे लेने को रजामंद न हों।

अधिकतर हो जाएंगे शामिल

समितियों की ओर से आयोजित वैवाहिक परिचय सम्मेलन में कुछ वैवाहिक परिचय सम्मलेन को छोड़कर ज्यादातर जोड़े आर्थिक कमजोर होते हैं। ऐसे में अधिकतर समितियों की ओर से कराए गए रजिस्ट्रेशन में शामिल युगल पात्रता की श्रेणी में शामिल हो जाएंगे। प्रशासन का लक्ष्य के सापेक्ष मिला टारगेट आसानी से पूरा हो जाएगा।

सीएम की उम्मीद टूटने की संभावना

प्रशासन समितियों से जोड़े लेकर विवाह तो संपन्न करा लेगा लेकिन सीएम की महत्वाकांक्षा पर प्रश्नचिह्न लग जाएगा। क्योंकि विभिन्न समितियां हर साल आर्थिक कमजोर युवक-युवतियों का विवाह करा रही हैं। सीएम की आकांक्षा विवाह के लिए 20 हजार रुपए देने की बजाय 35 हजार से कन्याओं के हाथ पीले करने की है। ऐसे में समितियों से जोड़े लेने पर ज्यादा से ज्यादा आर्थिक कमजोरों की मदद करना संभव नहीं होगा।

एक नजर में

- 90 विवाह संपन्न कराती हैं समितियां

- 95 परसेंट जोड़े होते हैं आर्थिक कमजोर

- 5 परसेंट जो शेष हैं वह होते हैं मजबूर

- 100 शादी प्रथम चरण में प्रशासन का लक्ष्य

- 25 रजिस्ट्रेशन तक समिति से सहयोग संभव

सामाजिक समितियों से उनके पास होने वाले आवेदनों में से पात्रों को मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना में शामिल कराने को कहा गया है। सबने सहयोग का आश्वासन दिया है।

सत्येंद्र कुमार, सीडीओ