कैंटोनमेंट की सड़क तोड़ देती है कमर

वरुणापुल से कैंटोनमेंट की तरफ सड़क जर्जर है, आलाधिकारियों का आवागमन इसी राह से अक्सर होता है। हां, यह दीगर बात है कि उनकी लग्जरी गाडि़यां गड्ढ़ों में जर्क नहीं खातीं लेकिन आम पब्लिक की कमर पीड़ा से भर देती हैं।

एक दशक से देख रहे सुगम सड़क की राह

सर्किट हाउस से महावीर मंदिर से टकटकपुर की ओर जाने वाला मार्ग पिछले एक दशक से भी अधूरा पड़ा है। दुर्गम रास्तों से स्कूली बच्चों, बुजुर्गो का आवागमन किसी युद्ध लड़ने से कम नहीं होता। मगर, अधिकारियों को इस सड़क की दुर्दशा नहीं दिखती।

उबड़-खाबड़ सड़क पहुंचाती है अस्पताल

पं। दीनदयाल उपाध्याय जिला अस्पताल को जाने वाले ऊबड़-खाबड़मार्ग पर छर्री बिछाने की यह तस्वीर बयां करती है कि सीएम साहब आप बनारस आए हैं तो काम हो रहा है। आगे बढ़ने पर अस्पताल से कुछ दूरी पर बजबजाते कूड़े का ढेर यह बताने के लिए काफी है कि साफ-सफाई व्यवस्था कितनी बेहतर है।

अतिक्रमण कर रहा आक्रमण

पांडेयपुर चौराहे पर मकड़ी के झाले की तरह अतिक्रमण और ओवरफ्लो होकर हर वक्त बहता सीवर का गंदा पानी आसपास के लोगों को कितना कष्ट देता है यह जिला प्रशासन को महसूस नहीं होता। अतिक्रमण के चलते पूरा इलाका जाम से हलकान रहता है लेकिन किसी तरह लोग अपनी जिंदगी काट ही रहे है।

ओवरफ्लो सीवर में समा गई सड़क

-पियरी से बेनिया की ओर जाने वाला मार्ग सीवर के गंदा पानी से ही डूबा रहता है। जलजमाव के चलते स्थिति यह हो गई है कि अब गड्ढ़े ही गड्ढ़े रास्ते भर में हैं। क्षेत्रीय लोगों ने नगर निगम में कई बार कम्पलेन भी किया लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।

बजबजा रही नालियां

कबीरचौरा का एरिया, जहां दर्जन भर से अधिक पद्मविभूषण-पद्मश्री रहते हैं। यही पास के ही गोपी ब्रदर्स कबीर रोड से लेकर साहित्यकार स्व। मनु शर्मा के घर तक की नालियां सफाई के अभाव में महीनों से बजबजा रही हैं। मगर, आपके अफसरान अंजान हैं।

यहां का प्रशासन सीएम को वहीं ले जाएगा जहां साफ-सफाई बेहतर है। असली जगह तो ले ही नहीं जाएंगे जहां समस्याओं का अंबार है।

विवेक पाठक, महावीर

सड़क छोड़कर गलियों का इंस्पेक्शन यदि सीएम करें तो समझ में आ जाएगा कि पीएम के शहर में क्या-क्या विकास हुआ है?

बृजेश गुप्ता, अशोकपुरम कॉलोनी

दीनदयाल अस्पताल जाने वाली सड़क पिछले कई महीनों से जर्जर है। जब सीएम शहर में आए हैं तो पैचिंग का काम शुरू हुआ और डिवाइडर का रंग-रोगन हुआ है।

रिंकू कुमार, पांडेयपुर

सर्किट हाउस से पीछे गलियों से होते हुए महावीर मंदिर की ओर आएंगे तो समझ में आ जाएगा कि साफ-सफाई की व्यवस्था कितनी अच्छी है।

अजय सिंह, महावीर

महावीर मंदिर-टकटकपुर की रोड पिछले बारह साल से टूटी-फूटी है, गिट्टी डालकर छोड़ दिया गया। सड़क कब बनकर तैयार होगी कोई बताने वाला नहीं है।

विरेंद्र सिंह, टकटकपुर