-संत रविदास की 641वीं जयंती पर सीर गांव पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ

- कहा, भारत को समृद्ध-शक्तिशाली देश बनाना है तो दिमाग से दूर करनी होगी भेदभाव की बीमारी

देश में जात-पात, मजहब के नाम पर भेदभाव बंद होना चाहिए। हर व्यक्ति को अधिकार प्राप्त हो। मेरा मानना है कि जाति के नाम पर छुआछूत का भाव मानव काल में अभिशाप है। हर मनुष्य का सम्मान होना चाहिए। हम सब एक ही भारत के वासी हैं। चाहते हैं कि हमारा भारत एक खुशहाल, समृद्ध और शक्तिशाली देश बने तो छुआछूत की बीमारी को दूर करना ही होगा। बुधवार की दोपहर संत रविदास की 641वीं जयंती पर सीर गांव पहुंचे सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह बातें देश विदेश से जुटे लाखों रैदासियों के बीच कहीं। 'मन चंगा तो कठौती में गंगा' दोहे से संत रविदास को नमन करते हुए गोरक्षनाथपीठ के महंत व प्रदेश के मुखिया योगी ने कहा कि पूरब से पश्चिम, उत्तर से दक्षिण चारों दिशाओं में आस्था का सैलाब फैला हुआ है। यदि आस्था से कोई खिलवाड़ करेगा तो फिर उसका अंजाम भी बहुत खतरनाक होगा। हमारा दायित्व है कि आस्था का सम्मान करें। श्रद्धा पर ही देश टिका है, आस्था ने देश को मजबूती दी है। जाति का भेद-भाव हर किसी को अपने मन मतिष्क से निकालना ही होगा। इससे पूर्व सीएम योगी ने संत रविदास मंदिर में मत्था टेका। कड़ी सुरक्षा के बीच मंदिर से सीएम का काफिला लगभग साढ़े बारह बजे सत्संग स्थल पहुंचा। जहां मंदिर ट्रस्ट की ओर से सीएम का स्मृति चिन्ह व अंगवस्त्रम देकर स्वागत सत्कार किया गया।

ताकि नई पीढ़ी जाने संतों का चमत्कार

सत्संग स्थल में लाखों रैदासियों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि संतों की वाणी, संदेश, उपदेश और मार्गदर्शन सही दिशा देते हैं। इसी वजह से सूबे भर में संत रविदास जयंती पर स्कूल-कॉलेज, महाविद्यालयों को खोलने का निर्देश दिया। संत-महापुरूषों की जयंती पर स्कूल्स-कॉलेजेज में कार्यक्रम रखे जाएं। संतों के संदेश और उनके आदर्श की जानकारियां नई पीढ़ी को बताएं-समझाएं, लेकिन छुट्टी नहीं होनी चाहिए। आज के दिन संत रविदास जयंती पर सूबे भर के स्कूल्स-कॉलेजेज में लाखों कार्यक्रम आयोजित हुए।

आना चाहते थे पीएम

सत्संग स्थल में मौजूद आस्थावानों के बीच से उठ रहे सो निरपय के उद्घोष से आह्लादित सभा में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की भी इच्छा थी कि वह संत रविदास की जयंती पर शीष नवाएं, मगर, व्यस्त कार्यक्रमों के चलते संत रैदास की जन्मस्थली पर नहीं आ सके। 2015 में पीएम ने संत रविदास मंदिर में मत्था टेका था।