- कुंभ मेला समापन के बाद ब्रिटिश हुकूमत की पुरस्कार परंपरा को सीएम योगी आदित्यनाथ ने आगे बढ़ाया

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PRAYAGRAJ: संगम की रेती पर आयोजित कुंभ मेला का समापन हो गया है. समापन के बाद पांच मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रयागराज आकर ऐलान किया था कि कुंभ मेला में कार्य करने वाले अधिकारियों और कर्मचारियों को एक महीने का बोनस दिया जाएगा. ऐसा कर योगी आदित्यनाथ आजादी के बाद आयोजित कुंभ में पहली बार बोनस देने वाले सीएम बन गए हैं. खास बात ये है कि उन्होंने आजादी के बाद कुंभ मेला की ऐसी परंपरा का श्रीगणेश किया है जिसकी नींव ब्रिटिश हुकूमत के दौरान पड़ी थी.

कोतवाल को मिले थे चार सौ रुपये
सिविल लाइंस स्थित क्षेत्रीय अभिलेखागार में ऐसे ऐतिहासिक साक्ष्य मौजूद है जिससे पता चलता है कि ब्रिटिश हुकूमत के दौर में संगम की रेती पर वर्ष क्8म्क् में कुंभ मेला समाप्त होने के बाद तत्कालीन कोतवाल कुंवर रतन सिंह को चार सौ रुपए प्रदान किये गये थे. क्षेत्रीय अभिलेख अधिकारी अमित कुमार अग्निहोत्री की मानें तो यह ब्रिटिश हुकूमत द्वारा पुरस्कार दिए जाने का पहला मामला था. इसके बाद यह परंपरा शुरू हो गई.

महत्वपूर्ण तथ्य

- ब्रिटिश हुकूमत की ओर से मेला समाप्त होने के बाद दूसरी बार पुरस्कार दिए जाने का जिक्र अभिलेख में वर्ष क्88ख् का है. कुंभ मेला समाप्त हुआ तो कोतवाल सैयद लियाकत हुसैन को पुरस्कार के रूप में पांच सौ रुपये मिले थे.

- तीसरी बार पुरस्कार वर्ष क्90क् में प्रदान किया गया था. मेला समाप्त होने के बाद तत्कालीन तहसीलदार शीतला बख्श सिंह को पांच सौ रुपए, नायब तहसीलदार बाबू विश्वनाथ प्रसाद को सौ रुपए, बाबू छत्रपत राय को पचास रुपए और जूडिशल असिस्टेंट पंडित लालजी सहाय अवस्थी को तीस रुपए पुरस्कार दिया गया था.

इस कुंभ मेला ने रिकार्ड स्थापित किया है. सीएम योगी आदित्यनाथ ने जो पुरस्कार देने का ऐलान किया है. उसकी नींव ब्रिटिश हुकूमत के दौर में पड़ी थी. ऐतिहासिक साक्ष्यों के आधार पर अंग्रेजों के जमाने में तीन बार कुंभ मेला समाप्त होने के बाद पुरस्कार प्रदान किया गया था.
- अमित कुमार अग्निहोत्री, क्षेत्रीय अभिलेख अधिकारी