सदन में रिपोर्ट पेश करने की मांग

दरअसल नेता प्रतिपक्ष ने यह मामला उठाते हुए कहा कि सीएम द्वारा सदन में पीईटीएन मिलने को लेकर व्यक्तव्य दिए जाने के बाद इस मामले की जांच एटीएस और एनआईए ने की थी। दोनों एजेंसियों ने सपा के दो सदस्यों से पूछताछ कर उन्हें अपमानित किया। यह उनके विशेषाधिकार हनन का मामला है, इसलिए सदन में उन्हें अपनी बात रखने का मौका मिलना चाहिए। इसपर विधानसभा अध्यक्ष ने नियमों का हवाला देते हुए कहा कि अभी तक दोनों सदस्यों ने विशेषाधिकार हनन का नोटिस नहीं दिया है। इस पर नेता कांग्रेस अजय कुमार लल्लू ने जांच रिपोर्ट को सदन में रखने की मांग की। उन्होंने कुछ असंसदीय शब्दों का प्रयोग किया जिससे हंगामा शुरू हो गया। वहीं नेता बसपा लालजी वर्मा ने जांच रिपोर्ट सदन में रखने की बात कही। नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी ने नेता सदन पर सदन की अवमानना का आरोप लगाते हुए उन्हें कटघरे में खड़ा कर कार्रवाई करने की मांग कर डाली तो संसदीय कार्यमंत्री सुरेश खन्ना समेत  भाजपा सदस्यों ने इसका विरोध किया। इस पर सपा के सदस्य वेल में आकर नारेबाजी करने लगे। विधानससभा अध्यक्ष द्वारा बार-बार अपनी सीट पर वापस जाने की अपील बेअसर साबित हुई तो सदन को करीब एक घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।

सदन की मर्यादा का रखें ध्यान

एक घंटे बाद कार्यवाही शुरू होने पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि सपा और कांग्रेस सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, यह अच्छी बात है क्योंकि इनकी हरकतों से पूरा प्रदेश परेशान रहा है। मैं कांग्रेस की दिक्कत समझ सकता हूं, क्योंकि पराजय बहुत बुरी होती है। विपक्ष की ओर इशारा कर बोले कि अगर आप सदन की मर्यादा के अनुरूप बोलेंगे तो अच्छा होगा। जीभ ही आदमी को सम्मान और अपमान दिलाती है। सदन में संदिग्ध पाउडर मिलने की सूचना सबसे पहले दलीय नेताओं की बैठक में दी गयी। इस घटना से विधानसभा अध्यक्ष भी आहत थे। इसी देश में संसद पर हमला हो चुका है और जम्मू-काश्मीर के बाद यूपी विधानसभा सबसे संवेदनशील मानी जाती है।  भले ही वह पाउडर विस्फोटक नहीं था, लेकिन इसने हमें सतर्क रहने का संदेश दिया। मैं पूछना चाहता हूं कि विवादित व्यक्ति को एफएसएल डायरेक्टर किसने बनाया। इस तरह के मुद्दों में राजनीति नहीं होनी चाहिए। अगर यह वास्तव में विस्फोटक होता तो क्या हम जांच कराने के लिए धमाका होने का इंतजार करते। सदन की मर्यादा पीईटीएन कांड से नहीं, राज्यपाल पर कागज के गोल फेंकने से आहत होती है।

चेहरे पर तो पार्टी ने लगा दिया काला रंग

विपक्ष द्वारा तमाम असंसदीय और अशिष्ट भाषा का इस्तेमाल किए जाने के बाद सीएम ने नेता प्रतिपक्ष रामगोविंद चौधरी से कहा कि आप तो काफी उम्रदराज हो चुके हैं। आपके बाल भी सफेद हो गये हैं, जरूर आपने इसमें काला रंग लगाया है। चेहरे पर तो आप काला रंग लगा नहीं सकते क्योंकि आपकी पार्टी पहले ही लगा चुकी है। वहीं नेता कांग्रेस अजय कुमार लल्लू से कहा कि लालू स्टाइल में बोलने का कोई फायदा नहीं होगा। लोग आपको लल्लू ही बोलेंगे, कोई अजय कुमार बोलकर सम्मान नहीं देगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मुद्दों पर बोलने के बजाय अगर व्यक्तिगत आक्षेप होंगे तो हमारे लोग भी चुप नहीं बैठेंगे। फिर हमाम में सब नंगे वाली स्थिति हो जाएगी।

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