- मंडल की कानून व्यवस्था और विकास कार्यो की समीक्षा के दौरान सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए निर्देश

- उपनिरीक्षकों को भी मिल सकेगी थानेदारी, दबाव में काम न आने की दी सलाह

- सीनियर ऑफिसर्स को सुबह 9 से 11 तक ऑफिस में जन समस्याएं सुनकर निस्तारण करने के दिए निर्देश

दूसरी बार गोरखपुर पहुंचे सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ ने रविवार को जीडीए सभागार में मंडलीय कानून व्यवस्था की समीक्षा की। इस दौरान उन्होंने आईजी और एसएसपी से कहा कि वह थाने की बागडोर ऐसे ही जिम्मेदार अफसरों को दें, जो रिजल्ट दें। चाहे वह उप निरीक्षक हो या निरीक्षक। उन्होंने जिम्मेदारों को सख्त हिदायत दी कि थानों में मेहनती, निष्ठावान के साथ समर्पण की भावना से काम करने वाले पुलिस अफसरों को ही तैनात किया जाए, जिससे कानून व्यवस्था पर नियंत्रण रखा जा सके।

निरीक्षण करें अधिकारी

इस मौके पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुलिस के सीनियर ऑफिसर्स से यह भी कहा कि वे सुबह 9 से 11 बजे तक अपने ऑफिस में बैठककर जन समस्याएं सुने। साथ ही उसका निस्तारण भी करें। इसके बाद अपने इलाके के साथ ही पुलिस चौकियों और थानों का भी निरीक्षण करें। उन्होंने कहा कि जिन थानों पर आने वाले फरियादियों के लिए बैठने की व्यवस्था नहीं है, वहां आगंतुक कक्ष बनाने के लिए जन सहयोग और विधायक निधि का इस्तेमाल करें। थाने पर आने वाले पीडि़त लोगों के साथ अच्छा व्यवहार करें और उनकी प्रॉब्लम्स को गंभीरता से लेते हुए उसका निराकरण करें।

दबाव में न आएं ऑफिसर

बैठक में उन्होंने यह भी कहा कि गुंडों, असमाजिक तत्वों और माफियाओं को चिन्हित कर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करें। इसमें जेल भेजना भी शामिल है। वे न्यायोचित काम करें और इसके लिए किसी भी दबाव में कतई न आएं। बैठक में एंटी रोमियो स्क्वॉयड पर भी चर्चा हुई, जिसपर आईजी जोन मोहित अग्रवाल ने सुझाव दिया कि ग‌र्ल्स स्कूल्स के गेट पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं और दीवारों पर भी यह लिखा रहेगा कि आप कैमरे की जद में हैं, जिसपर सीएम ने अपनी सहमति दी। इस मौके पर पुलिस और प्रशासन के आलाधिकारी मौजूद रहे।