- सिर्फ होती रही बातें अब तक नहीं बन सकी शहर की कोई भी सड़क, पैचवर्क दिखाकर अधिकारियों ने झाड़ा पल्ला

- आईपीडीएस से बिगड़े हालात, पब्लिक संग सैलानी परेशान

सीएम साहब आप आज शहर में है। आपका स्वागत है। शहर बनारस की मस्ती और अल्हड़पन से तो आप भी वाकिफ है लेकिन लगता है कि अपने शहर के अधिकारी भी बनारसीपन का शिकार हो गए हैं। तभी तो शहर की सड़कों की हालत बद से बदत्तर हो चुकी है और आपका कोई भी अधिकारी इसे ठीक करने की जहमत नहीं उठा रहा है। ये हाल तब है जब आपने यूपी की कमान संभालने के बाद प्रदेश की सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का वादा किया था, लेकिन आपका ये वादा और दावा दोनों पीएम के संसदीय क्षेत्र में औंधे मुंह गिर गया है। विश्वास नहीं तो जरा हेलीकाप्टर छोड़कर शहर की सड़कों पर चलकर भी देख लीजिए। आपको खुद पता चल जायेगा शहर की बदहाल सड़कों की सच्चाई का

हर ओर बस गढ्डा और धूल

शहर बनारस को स्मार्ट सिटी बनाने का सपना पीएम मोदी ने देखा है। इसको पूरा करने का काम सीएम योगी ने संभाल रखा है लेकिन स्मार्ट किस स्थिति में बनेंगे? ये सवाल बड़ा इसलिए है क्योंकि स्मार्ट सिटी बनाने की पहली शर्त अच्छी सड़कों का सपना तो अब तक पूरा ही नहीं हुआ है। सरकारी आंकड़ों में तो शहर की अधिकांश सड़के गड्ढा मुक्त हो चुकी हैं लेकिन सच्चाई क्या है आप खुद देख लीजिए। कमच्छा, लंका, भेलूपुर, महमूरगंज, सिगरा, गुरुबाग, लक्सा, जगमबाड़ी, कबीरचौरा, रामकटोरा, जगतगंज और अंधरापुल समेत वरुणापार में पाण्डेयपुर, आशापुर समेत कई सड़कों पर गड्ढे इतने हैं कि ये समझ पाना मुश्किल है कि सड़क पर गड्ढे हैं या गड्ढों में सड़क है।

कर रही हैं बंटाधार

- शहर की सड़के बदहाली के कारण सभी को चोट पहुंचा रही हैं

- सैलानी इन खराब सड़कों के कारण शहर से दूर हो रहे हैं

- लोगों को पीट और कमरदर्द की बीमारी हो रही है

- धूल उड़ने के कारण लोगों को अस्थमा की प्रॉब्लम फेस करनी पड़ रही है

- गाडि़यों का मेनटेनेंश ज्यादा परेशान किए है

- खराब सड़कों के कारण लोगों की दुकानदारी चौपट हो रही है