- शिक्षक दिवस पर हुआ 34 शिक्षकों का सम्मान
- सिर मुंडाकर विरोध प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को लताड़
- अगले वर्ष पुरस्कार चयन प्रणाली में बदलाव के दिये संकेत
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रुष्टयहृह्रङ्ख : 'प्रदेश में 68,500 शिक्षकों की वेकेंसी निकाली गई, 1.05 लाख अभ्यर्थियों ने आवेदन किया लेकिन, परीक्षा सिर्फ 41556 अभ्यर्थी ही पास कर सके। योग्य शिक्षक न दे पाने की जिम्मेदारी शिक्षकों को लेनी होगी.' यह कहना है प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ का। शिक्षक दिवस पर लोकभवन में आयोजित राज्य अध्यापक सम्मान समारोह में सीएम ने शिक्षकों का 'सच से सामना' कराया। उन्होंने शिक्षकों को नसीहत दी कि अधिकार की चाहत रखना अच्छी बात है लेकिन, कर्तव्यों के प्रति भी उतना ही ईमानदार होना चाहिये। उन्होंने अगले वर्ष से पुरस्कार चयन प्रणाली में बदलाव के भी संकेत दिये। इस मौके पर राज्यपाल व सीएम ने विशिष्ट कार्य करने वाले 34 शिक्षकों को सम्मानित किया।
प्रदर्शन पर सुनाई खरी-खरी
शिक्षक दिवस पर राजधानी में सिर मुंडाकर विरोध प्रदर्शन करने वाले वित्तविहीन प्रदर्शनकारियों की ओर इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि कुछ लोग सिर मुंडवा रहे कि बिना कंपटीशन के भर्ती कर लें और फिर उन्हें आजीवन सम्मान दें। कुछ लोगों का धरना प्रदर्शन पेशा बन गया है। वे हर बात में धरना प्रदर्शन करने लग जाते हैं। जरूर उन्होंने पिछले जन्म में ऐसे कर्म किए होंगे कि जिस कारण उन्हें इस जन्म में सिर मुंडवाना पड़ रहा है। अनुशासनहीन समाज उज्जवल भविष्य का निर्माण नहीं कर सकता। नकल विहीन परीक्षा पर बोलते हुए सीएम योगी ने कहा कि उनकी सरकार बनने से पहले प्रदेश में नकल का बोलबाला था। पूरा सिस्टम नकल माफिया की जकड़ में था। लेकिन, उनकी सरकार की सख्ती के चलते 15 लाख परीक्षार्थियों ने हाईस्कूल व इंटरमीडिएट की परीक्षा छोड़ दी। जब जांच कराई तो पता चला कि यह सभी परीक्षार्थी प्रदेश के बाहर के थे, जिन्होंने परीक्षा पास कराने का ठेका दे रखा था।
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बच्चों को भी अपने स्कूल में पढ़ायें
बेसिक शिक्षकों से मुखातिब होते हुए सीएम ने अपील की कि जहां वे पढ़ाते हैं, उसी स्कूल में अपने बच्चों को भी पढ़ाएं। हालांकि, देखा यह जाता है कि शिक्षक अपने बच्चों को कॉन्वेंट स्कूल्स में पढ़ाते हैं, यानि उन्हें खुद अपनी योग्यता पर विश्वास नहीं है। मंचासीन अतिथियों की ओर इशारा करते हुए सीएम ने कहा कि यह सभी हर रोज 16 से 18 घंटे काम करते हैं, यही वजह है कि उनकी सरकार रिजल्ट दे पा रही है। शिक्षकों को भी सोचना होगा कि वे स्कूल में ड्यूटी के अलावा बाकी बचे 16 घंटे में समाज को क्या दे रहे हैं।
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बदलेंगे पुरस्कार वितरण का पैटर्न
कार्यक्रम में सम्मानित किये जा रहे सभी 34 शिक्षकों को बधाई देते हुए योगी ने कहा कि अगली बार से पुरस्कार वितरण का पैटर्न बदला जायेगा। अब कोई कमेटी पुरस्कार वितरण के लिये शिक्षकों का चयन नहीं करेगी बल्कि, खुद शिक्षकों को अपने उत्कृष्ट कार्यो के बारे में बताना पड़ेगा। अगली बार हर जिले से शिक्षकों को आमंत्रित किया जायेगा। वे दो से तीन मिनट का प्रेजेंटेशन देंगे कि उन्होंने ऐसा क्या नया किया जिस वजह से उनका चयन पुरस्कार के लिये किया जाये। सर्वश्रेष्ठ चुने गए तीन प्रेजेंटेशन वे खुद देखेंगे और उनमें से सबसे अच्छे प्रेजेंटेशन को सभी स्कूलों में लागू करने के लिये भेजा जायेगा।
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सातवां वेतनमान के साथ टारगेट भी देंगे
योगी ने कहा कि विश्वविद्यालय व महाविद्यालयों के शिक्षकों को सातवां वेतनमान दिया है। अब हम कुछ शर्ते भी जोड़ेंगे। उन्हें टारगेट देंगे। यह ठीक नहीं लगता लेकिन, जरूरी हो गया है। भारत का एक भी विश्वविद्यालय विश्व की रैकिंग में नहीं है। इसके लिए शिक्षकों को सार्थक पहल करनी होगी।
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'लंबित मुकदमों के निस्तारण के लिए बनेगा अधिकरण'
डिप्टी सीएम डॉ। दिनेश शर्मा ने कहा कि बेसिक, माध्यमिक व उच्च शिक्षा में काफी संख्या में मुकदमें हाईकोर्ट में लंबित हैं। लंबित मुकदमों के शीघ्र निस्तारण के लिए जल्द अधिकरण बनाया जाएगा। साथ ही माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड के कर्मियों को भी सातवां वेतनमान देने की बात कही। उन्होंने कहा कि अभी उच्च शिक्षा में सरस्वती सम्मान वर्तमान नियमों के कारण केवल विज्ञान के शिक्षकों को ही मिल पाता है अगले वर्ष से कला व वाणिज्य के शिक्षकों को भी सरस्वती सम्मान दिया जाएगा। इसके लिए नियमावली में संशोधन का प्रस्ताव सीएम के पास भेजा जाएगा।
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राज्यपाल बोले, यूपी आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा
राज्यपाल राम नाईक ने कहा कि यूपी जब आगे बढ़ेगा तभी देश आगे बढ़ेगा। उन्होंने शिक्षकों से कहा कि वे भी शिक्षक कुल से आते हैं। उनके पिता, बड़े भाई, भाभी व पत्नी सभी शिक्षक रहे हैं। उन्होंने कहा कि बेसिक शब्द अंग्रेजी का है। इसलिए बेसिक शिक्षा को प्राथमिक शिक्षा कहा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण का सबसे अच्छा उदाहरण उच्च शिक्षा में देखने को मिलता है। यहां पर उपाधियों से लेकर पदक तक सभी में लड़कियां लड़कों से अव्वल हैं।
लखनऊ वाले प्रोफेसरों के कोट
बीते 20-22 साल से पूरी लगने से अपना काम कर रहा हूं। सम्मान मिलने से न सिर्फ मेरा बल्कि, मेरे छात्रों का भी उत्साह बढ़ेगा और इससे और भी बेहतर करने की प्रेरणा मिलेगी।
डॉ। राजीव मनोहर
प्रोफेसर, फिजिक्स
लखनऊ यूनिवर्सिटी
मैने हमेशा अपना काम पूरी ईमानदारी व लगन से निभाया। लाइमलाइट से दूर रहने के बावजूद मुझे सम्मान के लिये चुना गया। इसकी मुझे बेहद खुशी है।
डॉ। मोनिशा बनर्जी
प्रोफेसर, जंतु विज्ञान
लखनऊ यूनिवर्सिटी
जो साइलेंट वर्कर हैं, पढ़ाई-लिखाई करते हैं अगर उन्हें सम्मान मिलता है तो बेहद खुशी होती है। मुझे मिला शिक्षक श्री सम्मान काम करने वालों के लिये प्रेरणा साबित होगा।
डॉ। दिनेश कुमार सिंह
प्रोफेसर, समाज कार्य
लखनऊ विश्वविद्यालय
इनको मिला प्रमुख सम्मान
डा। राजीव मनोहर
प्रोफेसर, फिजिक्स
लखनऊ यूनिवर्सिटी
पुरस्कार: सरस्वती सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-एलयू में लिक्विड क्रिस्टल प्रयोगशाला की स्थापना
-10 अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
-अंतर्राष्ट्रीय व राष्ट्रीय स्तर पर 200 से अधिक व्याख्यान
डा। ब्रिजेंद्र सिंह यादव
एसोसिएट प्रोफेसर, फिजिक्स
देवनागरी महाविद्यालय, मेरठ
पुरस्कार: सरस्वती सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-104 शोधपत्रों का प्रकाशन
-24 छात्रों को शोध निर्देशन
-20 सेमिनार, संगोष्ठी व वर्कशॉप का आयोजन
डा। सत्येंद्र सिंह
प्राचार्य, केमिस्ट्री डिपार्टमेंट
राजकीय पीजी कॉलेज, हमीरपुर
पुरस्कार: सरस्वती सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-148 शोधपत्रों का प्रकाशन
-72 सेमिनार, संगोष्ठी व वर्कशॉप का आयोजन
-15 छात्रों का शोध निर्देशन
डा। अनीता सिंह
एसोसिएट प्रोफेसर, गृह विज्ञान
श्री अग्रसेन कन्या पीजी कॉलेज, वाराणसी
पुरस्कार: शिक्षक श्री सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-महाविद्यालय में गृह विज्ञान संकाय के आहार एवं पोषण विज्ञान में पीजी विभाग की स्थापना
डा। रजनीश चंद्र त्रिपाठी
असिस्टेंट प्रोफेसर, फिजिकल एजुकेशन
राजकीय महिला महाविद्यालय, वाराणसी
पुरस्कार: शिक्षक श्री सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-सात दिवसीय वर्कशॉप का आयोजन
-दो दिवसीय राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन
डा। दिनेश बाबू
प्राचार्य, विधि
जय बुंदेलखंड कॉलेज ऑफ लॉ, ललितपुर
पुरस्कार: शिक्षक श्री सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-शिक्षा के अधिकार के क्रियान्वयन में विशेष योगदान
डा। मोनीशा बनर्जी
प्रोफेसर, जंतु विज्ञान
लखनऊ यूनिवर्सिटी
पुरस्कार: शिक्षक श्री सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-जूलोजिकल सोसायटी से प्रशंसा पदक और उद्धरण आणविक आनुवंशिकी के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान हेतु पदक
-इंडियन डायबिटीज कॉन्सोर्टियम की सदस्य
-शिक्षण एवं टाइप-2 डायबिटीज और गर्भाशय ग्रीवा कैंसर में अनुसंधान
डा। ओमप्रकाश पांडेय
प्रोफेसर व अध्यक्ष, केमिस्ट्री
दीन दयाल गोरखपुर विश्वविद्यालय
पुरस्कार: शिक्षक श्री सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-133 शोधपत्रों का प्रकाशन
-25 छात्रों का शोध निर्देशन
डा। दिनेश कुमार सिंह
प्रोफेसर, समाज कार्य
लखनऊ विश्वविद्यालय
पुरस्कार: शिक्षक श्री सम्मान
उपलब्धियां व योगदान:
-सेंट्रल यूरोपियन यूनिवर्सिटी हंगरी द्वारा स्कॉलरशिप
-42 शोधपत्रों का प्रकाशन