- सीएनजी पम्प पर नियम का नहीं किया जा रहा है पालन

BAREILLY:

शहर में दौड़ रहे ज्यादातर सीएनजी वाहनों की फ्यूल टैंक की वैलिडिटी एक्सपायर हो चुकी है। बावजूद इसके रिफिलिंग स्टेशन पर इन वाहनों में गैस भरी जा रही है। इसी लापरवाही के चलते लास्ट मंथ एक स्कूल वाहन में सीएनजी फ्यूल टैंक ब्लास्ट कर गया था। फिर भी रिफिलिंग स्टेशन ओनर लापरवाही से बाज नहीं आ रहे हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने संडे को सीएनजी पम्प का रियलिटी चेक किया, तो इसका बड़ा खुलासा हुआ। आइए देखते हैं क्या है स्थिति

एक भी वाहनों की आरसी चेक नहीं

सच्चाई जानने के लिए हम सेटेलाइट चौराहा स्थित सीएनजी पम्प पर संडे दोपहर 12 बजे पहुंचे। करीब एक घंटे तक पम्प पर ही रूक कर कर्मचारियों के सीएनजी भरने के तरीके को देखा। गैस की रिफिलिंग कर रहे कर्मचारियों ने इस दौरान किसी भी वाहनों की आरसी चेक नहीं की। लापरवाही ही हद पार करते हुए कर्मचारियों ने कुछ ऐसे वाहनों में सीएनजी भर दी जिनमें लगे टैंक की टेस्टिंग डेट की वैधता खत्म हो चुकी थी। सेटेलाइट और स्वालेनगर जीएनजी पम्प पर रोजाना 20 से 25 हजार वाहनों में सीएनजी भरी जाती हैं।

नहीं मिला कंप्लायंस प्लेट

रूल्स के मुताबिक जिन वाहनों पर टैंक के पास सीएनजी कंप्लायंस प्लेट नहीं लगी होती है, उनकी आरसी चेक करनी जरूरी होती है। ताकि टैंक के टेस्टिंग की डेट आसानी से पता चल सके, जिससे यह सुनिश्चित किया जा सके कि टैंक में गैस भरनी है या नहीं। टैंक के टेस्टिंग की वैधता खत्म होने पर वाहन ओनर्स को पहले टैंक की हाइड्रो टेस्टिंग की सलाह दी जाती है। ताकि, टेस्टिंग में यह पता चल रहे कि टैंक गैस का प्रेशर झेलने लायक बचा भी है या नहीं।

शासन ने दिया था दिशा-निर्देश

दो साल पहले शासन ने इस संबंध में एक दिशा -निर्देश जारी किया था। जिसमें कहा गया था कि कंपनी मेड सीएनजी किट वाहनों की तर्ज पर पुराने वाहनों में भी ईधन टंकी के पास में आरटीओ की अधिकृत प्लेट लगेगी। इस प्लेट को देखकर ही सीएनजी की बिक्री होगी, लेकिन शासनादेश को डस्टबिन में डाल दिया गया।

इन बातों का दें ध्यान

- हमेशा सर्टिफाइड सीएनजी किट का ही यूज करें।

- हर तीन वर्ष में किट की हाइड्रो टेस्टिंग हैं जरूरी।

- वाहन सामान के साथ सीएनजी किट का बीमा कवरेज की सलाह।

- पार्क में गाड़ी खड़ी करते वक्त ज्वलंत चीजों से करीब 6 मीटर की दूरी पर वाहन खड़ा करें।

- सिलिंडर वॉल्व, मास्टर बंद बंद वाल्व सीएनजी में फट डिस्क के स्थान और संचालन के बारे में जानकारी होनी चाहिए।

- किसी अच्छे मैकेनिक से पूरी जानकारी लेनी चाहिए यह किसी भी सीएनजी रिसाव के आपात स्थिति में निपटने में मदद करेगी।

रोजाना करें जांच

- क्लैंप की डेली जांच करनी चाहिए जिससे यह पता चल सके किट ढीला तो नहीं।

- सिलिंडर वॉल्व सुरक्षित है और वाल्व पहिया जगह पर है सुनिश्चित करें।

- गैस ट्यूबिंग सही है या नहीं।

- साबुन के घोल का यूज कर किट से गैस रिसाव की जांच करें।

आग लगने की स्थिति में

- वाहन के आस-पास जगह खाली।

- 101 पर फोन कर फायर डिपार्टमेंट की मदद लें।

- पानी और बालू से आग बुझाने में मदद मिल सकती है।

- यदि संभव हो तो गैस रिसाव पर नियंत्रण के लिए सिलिंडर वॉल्व और मास्टर वॉल्व को बंद करें।

सीएनजी पम्प को आरसी देख कर ही गैस देनी चाहिए। यदि वह ऐसा नहीं कर रहे है, तो गलत है।

आरपी सिंह, एआरटीओ प्रशासन

सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ही गैस की रिफिलिंग की जाती है। टैंक और आरसी का ध्यान दिया जाता है।

प्रकाश जैन, इंचार्ज, सीयूजीएल बरेली