आई एक्सक्लूसिव

- शहर में हजारों की संख्या में दौड़ रहे सीएनजी वाहनों से निकलने वाली गैस से बढ़ रहा पर्यावरण का तापमान

- खेतों में यूज होने वाली यूरिया भी पर्यावरण को कर रही गर्म, 1 डिग्री तक बढ़ रहा है टेंपे्रचर

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KANPUR : शहर में सीएनजी वाहनों के आने से प्रदूषण तो यकीनन कम हुआ है। लेकिन अब यह तेजी से बढ़ रहे तापमान की एक बड़ी वजह बनकर सामने आए हैं। एक रिपोर्ट में हुए खुलासे के बाद यह तथ्य सामने आया है कि सीएनजी वाहनों से धुएं की जगह निकलने वाले एरोसोल तेजी से हीट प्रोड्यूस करते हैं। बड़े पैमाने पर हीट के प्रोड्यूस होने से धरती के तापमान में लगभग एक डिग्री टेंपे्रचर की बढ़ोत्तरी हो गई है। इस रिपोर्ट को ध्यान में रखते हुए आने वाले कुछ सालों में बैटरी चलित वाहनों को ही चलन में लाने की तैयारी है, जिससे पर्यावरण को सुरक्षित किया जा सके।

बिगड़ रहा ऊर्जा का संतुलन

वैश्विक स्तर पर ग्लोबल वार्मिग की वजह से टेंप्रेचर में बढ़ोत्तरी दर्ज की जा रही है। कानपुर में भी ऊर्जा संतुलन तेजी से बिगड़ रहा है। इसकी वजह से किसी 1 हिस्से में तापमान तेजी से बढ़ जाता है। सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से चार्ज हुए कण जमीन के ऊपर गर्म खोल बना देते हैं। इसकी वजह से उस हिस्से का टेंप्रेचर बढ़ जाता है, इसका बड़ा कारण वाहन हैं। सीएनजी वाहनों के साथ ही डीजल और पेट्रोल से चलने वाले वाहन भी ऊर्जा संतुलन बिगाड़ने में शामिल हैं।

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खेतों में यूरिया से बढ़ रही गर्मी

उ.प्र। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारी कुलदीप मिश्रा ने बताया कि खेतों में जब यूरिया डाला जाता है तो इसमें केमिकल रिएक्शन होते हैं। खेतों में यूरिया डालने के बाद यह नाइट्रोजन, अमोनियम में विघटित होते हैं। जो तेजी के साथ हीट पैदा करते हैं। इसमें मीथेन गैस भी तेजी से बनती है। यूरिया से नाइट्रोजन गैस बनती है, जो हवा से मिलकर नाइट्रोजन ऑक्साइड बनाती है। इससे पृथ्वी की ऊपरी सतह पर एक खोल बन जाता है, जो सूर्य की किरणों के सीओटू की तुलना में 300 गुना तक हीट सोख लेती है। इससे तेजी के साथ टेंप्रेचर बढ़ता है।

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सीओटू के मुकाबले इन गैसों का प्रभाव

गैस प्रभाव

सीओटू 1

मीथेन 86 गुना

नाइट्रोजन ऑक्साइड 260 गुना

हाइड्रो फ्लोरो कार्बन 309 गुना

कार्बन टेट्रा क्लोराइड 5000 गुना

क्लोरो फ्लोरो कार्बन 7000 गुना

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सीएनजी सामान्यत: ठंडी गैस होती है, लेकिन इसका प्रयोग इंजन में होने के बाद गाडि़यों से हीट निकलती है। लाखों की संख्या में शहर में दौड़ रहे सीएनजी वाहनों से निश्चित तौर पर टेंप्रेचर में बढ़ोत्तरी होगी।

-कुलदीप मिश्रा, क्षेत्रीय अधिकारी, उ.प्र। प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड।

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