छ्वन्रूस्॥श्वष्ठक्कक्त्र: को-ऑपरेटिव कॉलेज के बीएड विभाग में नामांकन घोटाला तथा वित्तीय अनियमितता मामले को लेकर कोल्हान यूनिवर्सिटी (केयू) ने बीएड के पूर्व प्रभारी डॉ। विश्वेश्वर यादव पर एफआइआर दर्ज करने का आदेश कॉलेज के प्रिंसिपल को दिया गया है। वीसी डॉ। शुक्ला माहांती ने कहा कि जांच रिपोर्ट का अध्ययन हो चुका है। मामला गंभीर है इसमें कोताही नहीं बरती जा सकती। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में विभाग के प्रभारी डॉ। विशेश्वर यादव की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। उनपर जांच में अपेक्षित सहयोग नहीं करने व जांच टीम द्वारा मागंने पर दस्तावेज प्रस्तुत नहीं करने का भी आरोप लगा है। उन्होंने बीएड संकाय में स्टॉक रजिस्टार नहीं प्रस्तुत किया। कैश बुक तथा वर्ष 2017 से डिमांड रजिस्टर एवं डेली कलेक्शन रजिस्टर को भी अद्यतन नहीं किया।

लगे हैं कई आरोप

डॉ विश्वेश्वर यादव डीएलईडी समन्वयक कैसे बने, यह भी स्पष्ट नहीं है। कॉलेज में नामांकन समिति के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बनाई गई। इसमें प्रथम नाम फ्लोरेंस बेक, दूसरा डॉ। विशेश्वर यादव व तीसरा डॉ। राजू ओझा के नाम शामिल थे। विवि द्वारा तीन नामांकन सूची पर तीनों सदस्यों के हस्ताक्षर हैं, इसके बाद महाविद्यालय स्तर से जारी नामांकन सूची में फ्लोरेंस बेक व डॉ। राजू ओझा को असंबद्ध रखा गया। संबंधित शिक्षकों ने जांच समिति से कहा कि डॉ। विशेश्वर यादव द्वारा अकेले सारी सूची बनाई गई। इस संबंध में सदस्यों की आपत्ति पर डॉ। विशेश्वर यादव ने कहा कि उन्हें प्राचार्य से ऐसा करने के लिए मौखिक आदेश प्राप्त हुआ है। जांच रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख है कि उत्तीर्ण छात्र-छात्राओं का अंक पत्र कार्यालय में रखने की बजाए डॉ। विश्वेश्वर यादव अपने घर, बैग व गाड़ी की डिक्की में रखते हैं। कार्यालय से बाहर इसे निर्गत किया करते थे। इस कार्य प्रणाली के खिलाफ आवाज उठाने वाले शिक्षक व लिपिक को अपमानित किये जाते थे।

क्या आरोप लगे मुझे नहीं पता

को-ऑपरेटिव कॉलेज के बीएड संकाय के पूर्व प्रभारी डॉ। विशेश्वर यादव ने कहा उन्हें नहीं मालूम कि वीसी ने क्या निर्देश दिए है। कमेटी की रिपोर्ट के बारे में उन्हें कुछ नहीं पता। वर्तमान में सड़क दुर्घटना में पैर में चोट आई है, इस कारण इस संबंध में ज्यादा कुछ नहीं बता सकता।