-डिस्ट्रिक्ट के गली-गली में संचालित हो रहे हजारों कोचिंग, रजिस्टर्ड हैं मात्र 953

-प्रॉपर चेकिंग न होने से दिन-प्रतिदिन खुल रहे संस्थान, एक टीचर पढ़ा रहा सभी सब्जेक्ट

VARANASI

नई दिल्ली, कोटा व इलाहाबाद के बाद बनारस कोचिंग का हब बन गया है। यहां गली-गली में कोचिंग संस्थाएं खुल चुकी हैं। यही नहीं देश की तमाम बड़ी कोचिंग के ब्रांच बनारस में खुल चुके हैं। दुर्गाकुंड, लंका व भोजूबीर एरिया कोचिंग की मंडी बन चुका है। डिस्ट्रिक्ट में शायद ही कोई मुहल्ला व कॉलोनी होगी जहां कोचिंग न हो। देखते ही देखते डिस्ट्रिक्ट में हजारों कोचिंग खुल गए। जबकि क्षेत्रीय उच्च शिक्षा ऑफिस में केवल 953 कोचिंग ही रजिस्टर्ड हैं। इन कोचिंग संस्थानों में डिस्ट्रिक्ट ही नहीं दूसरे प्रदेश से भी हजारों स्टूडेंट्स पढ़ने आ रहे हैं। जिनमें बहुत सारे इनके चमक-दमक में फंस भी जा रहे हैं।

दिन प्रतिदिन बढ़ रही संख्या

बनारस में कोचिंग संस्थानों की संख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। आसपास के जिलों सहित अन्य प्रदेशों से इन संस्थानों में पढ़ने के लिए एडमिशन लेने वाले छात्रों को हॉस्टल की भी सुविधा उपलब्ध कराया जा रहा है। कुछ कोचिंग संस्थान पठन-पाठन की क्वालिटी के कोटा, नई दिल्ली व इलाहाबाद की तर्ज पर बनाए हुए हैं। वहीं कुछ कोचिंग केवल खोखले दावे संचालित हो रहे हैं। खास बात यह कि कई कोचिंग संस्थानों में एक्सपर्ट भी नहीं हैं। कोचिंग की बागडोर दो चार एक्सपर्ट पर टिकी हुई है। कोचिंग संस्थाओं की मानीटरिंग न होने के कारण यह गार्जियंस व स्टूडेंट्स को खुलेआम भ्रमित कर रहे हैं।

भले कोचिंग का रजिस्ट्रेशन एक हजार रुपये में हो जाता है। लेकिन कोचिंग की मान्यता निर्धारित मानक के अनुरूप ही प्रदान की जाती है। इनको फिजिकल वेरीफिकेशन भी किया जाता है। कम्प्लेन मिलने पर जांच का भी प्रावधान है।

डॉ। केके तिवारी, क्षेत्रीय उच्च शिक्षा अधिकारी

स्टूडेंट्स को उस कोचिंग में ही एडमिशन लेना चाहिए जो मानक को पूरा करता हो। कम से कम वहां क्वालिटी एजुकेशन मिलेगा। उन्हें सही एक्सपर्ट ही पढ़ाएंगे। अनाधिकृत कोचिंग में पढ़ने से बचना चाहिए।

अनुराग मोहंती, डिप्टी डायरेक्टर

कैटजी कोचिंग