-मेडिकल कॉलेज में लगेगी कोबाल्ट मशीन, मिला बजट

-एक हजार रुपए में हो सकेगी सिकाई

-पांच साल से मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन कर रहा था प्रयास

-गोरखपुर नहीं पूर्वाचल, बिहार और नेपाल से भी आते हैं कैंसर के मरीज

GORAKHPUR: अब कैंसर के मरीजों को मुंबई नहीं जाना पड़ेगा। न ही कैंसर के इलाज में जरूरी सिकाई के लिए क्0 हजार रुपए खर्च करने पड़ेंगे। अब जल्द ही गोरखपुर स्थित बीआरडी मेडिकल कॉलेज में कोबाल्ट मशीन लग जाएगी। यह मशीन कैंसर के मरीजों की सिकाई के लिए काम आती है। यूपी सरकार ने कोबाल्ट मशीन के लिए करीब फ् करोड़ रुपए का बजट पास कर दिया है। करीब दो से तीन माह में यह मशीन मेडिकल कॉलेज में इंस्टाल हो जाएगी। इसके गोरखपुर के हजारों कैंसर मरीजों को सिकाई के लिए मुंबई नहीं जाना पड़ेगा।

90 प्रतिशत को जरूरत पड़ती है इसकी

बीआरडी मेडिकल कॉलेज में जनवरी ख्008 में रेडियोथेरेपी कैंसर यूनिट स्टार्ट हुई थी। यूनिट के प्रभारी मेजर डॉ। मिर्जा केसर बेग थे। कैंसर यूनिट स्टार्ट होने के साथ ही मेडिकल कॉलेज में कैंसर मरीजों की लाइन लगने लगी। गोरखपुर के अलावा पूरे मंडल, पूर्वाचल, बिहार के साथ नेपाल से भी कैंसर के मरीज इलाज के लिए आने लगे। हर साल करीब क्0 हजार से अधिक मरीजों का मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए रजिस्ट्रेशन होता है। हर क्00 मरीज में करीब 90 मरीज को इलाज के लिए सिकाई की जरूरत पड़ती है, मगर मेडिकल कॉलेज में कोबाल्ट मशीन न होने से मरीजों को मुंबई जाना मजबूरी था। अब गोरखपुराइट्स को कोबाल्ट मशीन लगने से काफी राहत मिलेगी।

क्0 हजार नहीं, बस एक हजार

यूनिट स्टार्ट होने के बाद मेडिकल कॉलेज एडमिनिस्ट्रेशन लगातार मरीजों के बेहतर इलाज के लिए कोबाल्ट मशीन लगाने का प्रयास कर रहा था। कई साल की मेहनत के बाद करीब म् माह पहले मेडिकल कॉलेज आए सीएम अखिलेश यादव ने कोबाल्ट मशीन लगवाने का आश्वासन दिया था। मगर लोकसभा इलेक्शन के चलते यह प्रोसेस ठंडा पड़ गया। आखिर छह महीने की कोशिश रंग लाई और कोबाल्ट मशीन के लिए करीब फ्.0भ् करोड़ रुपए का बजट मेडिकल कॉलेज को मिल गया। जल्द मशीन लग भी जाएगी। मशीन लगने के बाद सिकाई के लिए क्0 हजार रुपए से अधिक खर्च करने वाले मरीजों को राहत मिलेगी क्योंकि मेडिकल कॉलेज में सिकाई की फीस एक हजार रुपए होगी। साथ ही गरीबों के लिए यह फ्री होगी।

वर्जन-

कोबाल्ट मशीन के लिए बजट मिल गया है। जल्द ही मशीन लग जाएगी। इसके बाद कैंसर के मरीजों को बड़ी राहत मिलेगी। क् इलाज के लिए आने वाले अधिकांश मरीजों को सिकाई की जरूरत पड़ती है।

मेजर डॉ। एमक्यू बेग,

प्रभारी रेडियोथेरेपी कैंसर यूनिट, बीआरडी मेडिकल कॉलेज