1. बूथ के बाहर ही स्टैंड : डीएम ने आदेश दिए थे कि बूथ से 100 मीटर की परिधि में न तो कोई वाहन गुजरेगा और न ही वहां खड़ा होगा। लेकिन हुआ इसका उल्टा ही। तय सीमा की परिधि तो बहुत दूर वाहन बूथ के मेन गेट पर ही खड़े मिले। गेट पर खड़े पुलिस वाले मुंह ताकते रहे.

2. तोड़ी मर्यादा : पुलिस के ऊपर चुनाव सही ढंग से सम्पन्न कराने की जिम्मेदारी थी, लेकिन आचार संहिता की धज्जियां उड़ा दी गईं। वार्ड पांच में रि-पोलिंग होगी। यहां पर तैनात पुलिस वालों पर आरोप लगा कि ये प्रत्याशी के साथ मिलकर उनके समर्थन में वोटिंग करा रहे थे। वार्ड 60 के शांता स्मारक गल्र्स इंटर कॉलेज में भी ऐसा ही मामला सामने आया। मामले की सूचना के बाद दूसरे प्रत्याशियों के एजेंटों ने हंगामा खड़ा किया और बड़ी मुश्किल से मामला शांत कराया गया.

3. मोबाइल इन बूथ : बूथ पर मोबाइल फोन ले जाना मना था। अधिकतर वार्डों में मोबाइल फोन का इस्तेमाल धड़ल्ले से किया गया। पुलिस हाथ पर हाथ रखकर देखती रही.

4. बूथ केन्द्र पर मेला : नगर निगम चुनाव में जहां पूरा शहर खाली-खाली सा दिखा, वहीं बूथों के पास मेले जैसा माहौल रहा। इन्हें हटाने का प्रयास नहीं किया गया। वोट देने के बाद बूथ के पास लोग खड़े देखे गए। वार्ड 60 में पूरे दिन शांता स्मारक इंटर कॉलेज पर लोगों का जमावड़ा लगा रहा। शाम के वक्त जोनल मजिस्ट्रेट ये सब देखकर काफी नाराज हुए। उन्होंने पुलिस से कहकर पास खड़े लोगों को बूथ से दूर भगाया, लेकिन जोनल मजिस्ट्रेट के जाने के बाद स्थिति फिर जस की तस बन गई.