- बीजेपी कैंडिडेट ने छपवाए हैं पर्चे

- इन पर्चो में नहीं लिखी है डिटेल

- आचार संहिता के चलते पर्चो पर प्रिंटर - पब्लिशर का नाम छपा होना चाहिए

AGRA। चाहे कुछ भी करना पड़े। लेकिन चुनाव में जीत हर हाल में होनी चाहिए। कायदे-कानून की धज्जियां उड़ती हैं तो उड़ती रहें। शायद, यही फॉर्मूला है इस चुनावी समर में कूदे नेताओं का। अगर ऐसा नहीं होता तो कम से कम नेता आदर्श आचार संहिता का तो सम्मान करते। लेकिन ऐसा बिल्कुल नहीं किया जा रहा है।

पर्चो से कराया जा रहा है खेल

कैंडिडेट्स की ओर से छपवाए जा रहे पर्चो में भारी गड़बडि़यां की जा रही हैं। लोकसभा के चुनाव के लिए नाम डिक्लेयर होने से लेकर रोड शो में नामांकन के साथ रोड शो सहित दूसरे आयोजनों में आदर्श आचार संहिता को तार-तार किया जा रहा है। इसके साथ ही अब चुनाव प्रचार सामग्री में भी नेता खेल कर रहे हैं। रूलिंग पार्टी एसपी की ओर से चुनावी समर में उतारे कैडिडेट महाराज सिंह धनगर, कांग्रेस कैंडिडेट उपेंद्र सिंह की बात हो या फिर बीजेपी के प्रोफेसर राम शंकर कठेरिया की। या फिर मसला बीएसपी कैंडिडेट नारायन सिंह सुमन का ही हो। सभी आदर्श आचार संहिता को तार-तार करने में जुटे हुए हैं।

प्रकाशक और संख्या सबमें हो रहा खेल

हाल ही में बीजेपी कैंडिडेट प्रोफेसर राम शंकर कठेरिया की ओर से पर्चे छपवाए गए हैं। इन पर्चो पर कहीं भी ना तो प्रकाशक का नाम प्रिंट किया गया है और ना ही कितने पर्चे छपवाए गए हैं, इस बात का ही उल्लेख किया गया है।

बाकी भी बन रहे हैं स्मार्ट

ऐसा नहीं है कि चुनावी खेल में सिर्फ बीजेपी कैंडिडेट प्रोफेसर राम शंकर कठेरिया ही कायदे कानून की धज्जियां उड़ाई जा रही हों। बीएसपी कैंडिडेट नारायन सिंह सुमन भी कम स्मार्ट नहीं हैं। सूत्रों का कहना है कि नेताजी और से भी काफी आगे निकल गए हैं। इन्होंने प्रिंट नम्बरिंग से तीन गुना ज्यादा पर्चे छपवा लिए हैं। डीएम कम्पाउंड के पीछे के एरिया स्थित एक प्रिंटिंग प्रेस पर छपवाए गए पर्चो में लिखा हुआ तो महज पचास हजार है। लेकिन, सूत्रों का कहना है कि नेताजी ने पर्चे छपवाएं है डेढ़ लाख।

ये भी कुछ कम नहीं

कांग्रेस कैंडिडेट उपेंद्र सिंह को ही ले लीजिए। ये तो बाकी को भी पीछे छोड़ रहे हैं। उपेंद्र सिंह ने अपने प्रचार के लिए चार पेज का एक पत्रक तैयार कराया है। इस पत्रक के जरिए उपेंद्र ने पब्लिक के सामने आगरा की समस्याओं से लेकर अपनी उपलब्धियां तक लिख डाली हैं। लेकिन, यह नहीं लिखवाया है कि ये कहां-कहां और कितने तैयार कराए गए हैं। सूत्रों का कहना है कि उपेंद्र सिंह की ओर से इस पत्रक की भारी संख्या में जीरोक्स कराई है, जिसे पब्लिक के बीच बांटा जा रहा है। वहीं आप के कैंडिडेट भी पीछे नहीं रहे हैं। इन्होंने कितने टोपियां छपवाई और कहां पर इन्हें तैयार कराया है। इसका उल्लेख नहीं किया है। बस लाखों की संख्या में टोपियां तैयार हैं। जो भी इनके पास आता है, बस उसी को पहना देते हैं एक टोपी।