200 बोरी आती हैं

सिटी में हर साल एक, दो और पांच रुपए के नए क्वॉइंस मार्केट में आ रहे हैं। एसबीआई, यूको बैंक, सेंट्रल बैंक, इलाहाबाद बैंक समेत कई बैंक हर साल करीब 90 लाख रुपए के क्वॉइंस मार्केट में छोड़ते हैं। अकेले एसबीआई में ही क्वॉइन की 200 बोरी आती हैं। एक बोरी में करीब 5,000 रुपए के क्वॉइन होते हैं।

कर रहे अच्छी कमाई

सिटी में चल रहे दोनों सीएनजी पंप से पर डे करीब 8,000 व्हीकल्स सीएनजी भरवाते हैं। इनमें से कार की संख्या 400, बस 50 और बाकी अन्य सीएनजी व्हीकल्स शामिल हैं। इनमें पर डे टोटल 21,000 केजी गैस की खपत होती है। ऐसे में इन दोनों पंप पर हर दिन अच्छी-खासी एक्सट्रा कमाई हो रही है।

दोहरे commission का खेल

शॉप ओनर आपकी जेब ढीली कर खुद दोहरे कमीशन का मुनाफा कमा रहे हैं। मसलन आपको जिन चीजों की वाकई जरूरत है, उस प्रोडक्ट पर इन्हें रिलेटेड कंपनी से कमीशन मिलता है। साथ ही चेंज के नाम पर आपको प्रोवाइड कराए जा रहे एक्स्ट्रा सामान पर भी ये कमीशन खाते हैं। एक अनुमान के मुताबिक, ठगी का यह खेल 80-90 लाख रुपए पर डे का है।

Pressurise नहीं कर सकते

एक्सपर्ट का कहना है कि अगर कोई इस तरह की हरकत करता है, तो यह अनुचित व्यापार प्रथा के अंतर्गत आता है। बिना इच्छा के कोई दूसरा प्रोडक्ट बेचने के लिए किसी को प्रेशराइज नहीं किया जा सकता है। ऐसा करने पर एडमिनिस्ट्रेशन और मार्केटिंग डिपार्टमेंट ऐसे शॉप ओनर के खिलाफ एक्शन ले सकता है।

Odd figures की मुसीबत

सीएनजी पंप पर प्वॉइंट के नाम पर खुलेआम ठगी की जा रही है। यहां व्हीकल्स में मोस्टली ऑड प्वॉइंट्स में ही गैस भरी जाती है। इसकी वजह से वाहन ओनर को एक्स्ट्रा पैसे पे करने पड़ते हैं। मसलन सीएनजी भरवाने पर आपका बिल 573 रुपए हुआ, तो पंप वाला आपसे चेंज ना होने की बात कहकर 2 रुपए टूटे मांगेगा। अगर आपके पास नहीं हैं तो वो 575 रुपए ही चार्ज कर लेगा। ऐसे में कस्टमर की जेब से दो रुपए बिना बात के ही चले जाते हैं।

Showrooms का भी यही हाल

ठगी का यह खेल सिटी के बड़े शोरूम में भी चल रहा है। कोई भी सामान परचेज करने पर हाथ में चेंज की जगह चॉकलेट थमा दी जाती है। इस तरह का खेल सबसे अधिक जनरल और मेडिकल स्टोर पर देखने को मिलता है। एक शॉप पर एवरेज पर डे 300-400 कंज्यूमर परचेजिंग करने आते हैं। इसमें से 80 परसेंट को चेंज ना होने की बात कह कर चॉकलेट, टॉफी या फिर कोई अन्य सामान बेच दिया जाता है। सिविल लाइन स्थित एक शॉप ओनर ने बताया कि हर दूसरे कंज्यूमर को चेंज नहीं होने की स्थिति में कुछ और खरीदना पड़ता है।

कार्रवाई का प्रावधान

कंज्यूमर्स अपने राइट्स का यूज कर शॉप ओनर के खिलाफ कंज्यूमर फोरम में कंप्लेन दर्ज करा सकते हैं। प्रोडक्ट के प्राइस, कंज्यूमर्स के मेंटली, फिजिकली हैरेसमेंट और केस की सुनवाई में खर्च होने वाला पैसा बतौर जुर्माना शॉप ओनर पर लगाया जा सकता है। पैकेज कम्यूनिटी रूल्स के अकॉर्डिंग, जिस कंपनी का प्रोडक्ट होता है, उसके खिलाफ नोटिस भेजा जाता है। रूल्स के तहत 10 से 50 हजार रुपए तक जुर्माने का प्रावधान है।

'पंप पर चेंज की कोई प्रॉब्लम नहीं होती है। हर कस्टमर को पूरे पैसे वापस किए जाते हैं। चेंज नहीं होता है तो उसे किसी तरह मैनेज किया जाता है.'

मंसूर अली सिद्दीकी, इंचार्ज, सीयूजीएल

'कंज्यूमर्स बिना एविडेंस के किस आधार पर कंप्लेन करेंगे। अगर कोई गवाही दे कि रिलेटेड व्यक्ति के साथ ऐसा हुआ है तो कंज्यूमर कंप्लेन दर्ज करा सकता है.'

बालेंदु सिंह, प्रेसीडेंट, कंज्यूमर फोरम

'चेंज की बहुत प्रॉब्लम होती है। हर दिन एक से दो पैकेट चॉकलेट के रखने पड़ते हैं। कोई 11 या 21 रुपए का सामान लेता है तो चेंज की कमी हो जाती है.'

अनूप कुमार, शॉप ओनर

'मेरे साथ ऐसा कई बार हो चुका है। जहां पर शॉप ओनर चॉकलेट या फिर कोई दूसरा सामान थमा देते हैं, जिसकी कोई जरूरत नहीं होती है.'

प्रशांत, आवास विकास