पिछले बीस दिनों में तेजी से कम हो रही सिक्कों की संख्या

पूर्व में एक और दस के सिक्कों को नकली साबित किया गया था

ALLAHABAD: यह किसी की साजिश है या बैंकों की नई चाल। मार्केट से तेजी से सिक्के गायब हो रहे हैं। खासकर पांच और दस के कभी इफरात रहे सिक्कों की क्राइसिस बढ़ती जा रही है। खुद दुकानदार भी इससे परेशान हैं। उनके भी यह माजरा समझ में नही आ रहा है। अफवाहों पर जाएं तो बैंक तेजी से इन्हे कलेक्ट कर रहे हैं क्योंकि नए नोट बाजार में उतरने वाले हैं। गिलट और पीतल के सिक्के गलाने वाले भी इस क्राइसिस के जिम्मेदार बताए जा रहे हैं।

जो इफरात थे आज हैं खास

महज 20 से 25 दिन पहले तक दुकानों पर पांच और दस के सिक्के कोई लेने वाला नही था। दुकानदार इन्हें बैंक लेकर जाते तो वहां से भी वापस कर दिया जाता था। लेकिन अचानक अब सिक्कों की क्राइसिस होने लगी है। ये कहां जा रहे हैं किसी को पता नही है। बताया जा रहा है इन सिक्कों को गलाकर ब्लेड बनाई जाती है और ज्वैलरी में मिक्स किया जाता है।

आने वाले है नए नोट

यह भी माना जा रहा है कि रिजर्व बैंक जल्द ही सौ और पचास के नए नोट मार्केट में उतारने जा रहा है। इसके बदले में मार्केट से सिक्के वापस लिए जा रहे हैं। ताकि मुद्रा का बैलेंस बना रहे। बता दें कि कुछ दिन पहले तक बैंक भी सिक्के लेने से इंकार कर रहे थे लेकिन अब एक लिमिट तक जमा कराया जाने लगा है। बैंको की ट्रेजरी में बड़ी मात्रा में सिक्के जमा किए जा रहे हैं।

पहले भी हो चुकी है साजिश

देखा जाए तो मार्केट में सिक्कों को लेकर लंबे समय से साजिश की जा रही है। पहले एक रुपए के छोटे सिक्कों को लेकर अफवाह फैलाई गई और इनका चलन लगभग बंद हो गया। इसके बाद दस रुपए के सिक्के को भी नकली साबित किया गया। ये दोनों सिक्के जब बड़ी मात्रा में मार्केट में डंप हो गए तो इन्हें औने-पौने दामों में नोट से बदल लिया गया। यह काम भी सिक्के गलाने वालों का ही माना जा रहा है।

पिछले कुछ दिनों से सिक्के कम मात्रा में आ रहे हैं। इससे ग्राहकों को फुटकर देने में दिक्कत पेश आ रही है। पुराने सिक्के मार्केट में चला दिए थे और अब नए नही हैं।

इरफान उर्फ मामू, जनरल स्टोर संचालक

पहले बैंक सिक्के नहीं ले रहे थे उन्हें औने पौने दामों में बिचौेलियों को दे दिया था। अब क्राइसिस हो रही है तो सिक्कों के लिए बैंक जाना पड़ रहा है।

प्रदीप जायसवाल, दवा विक्रेता

मार्केट में पिछले कुछ समय से अजीबों गरीब घटनाएं हो रही हैं। कभी सिक्कों को नकली साबित किया जाता है तो कभी उनकी कमी हो जाती है। यह जरूर किसी प्लानिंग के तहत हो रहा है।

राहुल, जनरल स्टोर संचालक