-मेन प्वाइंट पर भी नहीं उड़ी पतंगें, बच्चों ने घर की छतों से लिया पतंग का मजा

-पिछले साल की अपेक्षा आधा हुआ व्यावसाय

GORAKHPUR: मकर संक्रांति के अवसर जहां पूरे देश में जमकर पतंगबाजी की गई गोरखपुर के पतंगबाजों की उम्मीदों पर ठंड ने पानी फेर दिया। मौसम के कारण सिटी के मेन प्वाइंट पर भी पतंगें नहीं उड़ी। यहां तक की पतंगबाजों के जमघटों का केन्द्र बना हाबर्ट बंधा सोमवार को सूना रहा। तारामंडल, एकला बंधा, डोमिनगढ़, बिछिया इन जगहों पर पतंगबाज नहीं नजर आए। दस दिन पहले दुकानों पर हो रही पतंगों की सेल के कारण दुकानदार यह अनुमान लगा रहे थे कि इस बार मकर संक्रांति में जमकर पतंगबाजी होगी, लेकिन सोमवार को ऐसी सभी अनुमान बेअसर दिखाई दिए। जो कुछ पतंगें उड़ी उन्हें बच्चे ही छतों पर से उड़ा रहे थे।

व्यावसाय भी हुआ आधा

दुकानदारों के अनुसार इस बार मकर संक्रांति से पहले तो अच्छी दुकानदारी हुई लेकिन ठीक त्योहार के दिन दुकानों पर केवल बच्चों की ही भीड़ लगी रही। पिछली बार जहां मकर संक्रांति के दिन शहर में पतंगों, धागों, मांझों की बिक्री 30 हजार से 40 हजार थी। वहीं इस बार यह घट कर 15 से 20 हजार रुपए पर सिमट गई। जिससे दुकानदार काफी निराश रहे।

बच्चों का उत्साह मौसम पर भी भारी

मकर संक्रांति के दिन पतंगबाज भले ही घरों में दुबक गए हों लेकिन बच्चे छतों पर पतंग उड़ाते नजर आए। दुकानों पर भी बच्चे ही खरीदारी करते नजर आए। हालांकि पतंग नहीं उड़ने के कारण उन्हें पेच उड़ाने का मौका तो नहीं मिला फिर भी दिन में ज्यादातर समय व छतो पर ही मुस्तैद रहे।

कालिंग

पिछले साल की अपेक्षा इस बार ठंड के कारण सेल में 50 फीसदी गिरावट रही। हर बार मकर संक्रांति तक ठंड हल्की हो जाती थी इस बार बढ़ जाने से लोग घरों में ही दुबके रहे।

फय्याज, पतंग वाले

मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने के लिए हम लोगों ने पहले से पॉकेट मनी बचा रखी थी। दो किलोमीटर दूर जाकर पतंग, मांझा और धागा खरीदा पर मोहल्ले में केवल दो ही पतंग उड़ी।

रूपेश साहनी

पतंग उड़ाने मुझे बेहद पसंद है। एक दिन पहले ही खरीदारी कर ली थी। लेकिन इस बार कम पतंगें उड़ने के कारण पेच लड़ाने का मौका नहीं मिला।

रोशन चौहान