आगरा। इंटर के बाद पढ़ाई की चिंता खत्म। अब भविष्य की चिंता करने की आपको जरुरत नहीं। अब छात्रों के लिए विशेष ऑफर। एडमिशन के एक साल बाद विदेश टूर, लैपटॉप, बाइक व पेट्रोल, तीन लाख का बीमा आदि सुविधाएं दी जायेंगी। ऐसा ही लालच देकर एक गिरोह में कई छात्रों को लाखों रुपये का चूना लगा दिया। पोल खुल जाने पर आरोपी कॉलेज बंद कर भाग निकले। छले गए छात्रों की भीड़ शुक्रवार को डीआईजी ऑफिस पहुंची।

निर्भय नगर में है कॉलेज

डीआईजी कार्यालय पहुंचे छात्रों ने बताया कि उन्होंने इंटर पास किया था। निर्भय नगर में कॉलेज था। कॉलेज का नाम बीपी इंस्टीटयूट ऑफ टूरिज्म है। छात्रों के मुताबिक होटल का स्टाफ घर-घर जाकर छात्रों से कहता था कि वह उनके कॉलेज में एडमिशन लें तो उनको बेहतर सुविधा दी जाएगी।

फीस की भी नहीं होगी दिक्कत

कॉलेज के लोगों ने छात्रों को विश्वास में लिया कि उनको फीस की दिक्कत नहीं होगी। उनके नाम पर एजूकेशन लोन लेकर देंगे, जो नौकरी लगने के बाद छात्र चुका सकते हैं। एक साल में छात्रों की किस्मत बदल जाएगी। उनके हाथ में जॉब होगी। चीन के शंघाई में सात दिन का टूर दिया जाएगा। 15 हजार रुपये की जॉब दिलाने की गारंटी स्टाम्प पर दी गई।

सुविधाओं का दिया प्रलोभन

इसके अलावा गोल्ड कार्ड, एक साल की पढ़ाई के बाद पांच हजार से दस हजार तक की जॉब बाद में एक लाख तक का ऑफर, लैपटॉप, बाइक पेट्रोल के खर्चे सहित, तीन वर्ष के लिए तीन लाख का बीमा, किताबे, ड्रेस, बैग, शूज, कम्प्यूटर, अंगे्रजी, पीडीपी, फ्रेन्च, गेस्ट लैक्चरर, प्रेक्टिीकल फ्री, हॉस्टल की सुविधा, एक साल की जॉब में रहने की व्यवस्था देने का ऑफर दिया गया।

छात्रों के नाम पर लिया लोन

कॉलेज ने छात्रों के नाम पर सेंट्रल बैंक, ओरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स की शाखा से लाखों रुपये का लोन पास करा लिया। लोन की कागजी कार्रवाई स्कूल के दस्तावेज बताकर हस्ताक्षर करवा लिए। छात्रों को आश्वासन दिया कि जॉब लगने के बाद वह अपना लोन धीरे-धीरे कर चुका सकते हैं। लेकिन जब दो दिन पूर्व छात्रों के घर पर लोन की ब्याज सहित रिकवरी पहुंची तो उनके होश उड़ गए। छात्रों का आरोप था कि कॉलेज ने बैंक से सांठ-गांठ कर छात्रों को धोखा दिया है। शातिरों के झांसे में आए अधिकतर छात्र शमसाबाद और बरहन के हैं। छात्रों की संख्या 60 से 70 बताई गई है। छात्रों का कहना था कि उनके नाम पर ढाई लाख से तीन लाख का एजूकेशन लोन पास कराया है। छात्रों ने बताया कि दिलीप मीणा नामक व्यक्ति उनके घर पर आया था। उसने छात्रों को राजी किया था। उसे पर स्टूडेंट पांच हजार रुपये तय थे। जबकि दिलीप मीणा का कहना था कि वह भी ठगी का शिकार हुआ है। उसने अपनी पत्नी का एडमिशन करा दिया था। उसके नाम पर भी लोन पास हुआ है। इनमें कई छात्र 2012 व इसके बाद के भी हैं। इनमें से किसी को नौकरी नहीं मिली है। छात्रों के पास कॉलेज का कोई प्रमाणपत्र भी नहीं है।

ट्रेनिंग पर भेजा छात्रों को

छात्रों ने बताया कि उन्हें कुछ दिन की पढ़ाई के बाद ही तुरंत उदयपुर, शिरडी, छत्तीसगढ़ ट्रेनिंग पर भेज दिया गया, लेकिन वहां पर उन्हें कहीं तीन हजार, चार हजार, पांच हजार रुपये सैलरी दी जाती थी। शमसाबाद निवासी करन को फतेहाबाद स्थित एक होटल में एक हजार की सैलरी पर रखवा दिया, लेकिन इतने रुपये से उनका गुजारा नहीं चल रहा था।

डीआईजी से की शिकायत

छात्रों की माने तो करीब ढाई करोड़ रुपये की धोखाधड़ी हुई है। छात्रों की भीड़ डीआईजी कार्यालय गई थी। डीआईजी ने इस मामले में जांच के आदेश दिए हैं। इस धोखाधड़ी के सम्बंध में जब नेट पर मिले नम्बरों पर सम्पर्क किया गया तो दोनों नम्बर बंद मिले।

गरीब छात्रों को ज्यादा फंसाया

छात्रों में कई तो गरीब परिवार हैं जिनके लिए इतनी रकम बहुत मायने रखती है। परिवार चाहे जितनी भी मेहनत करें लेकिन इतनी बड़ी रकम नहीं जुटा पायेंगे। अब बैंक की रिकवरी को लेकर छात्रों में घबराहट बनी हुई है। छात्रों के मुताबिक चेयरमैन का नाम विवेक रमन निवासी सेक्टर-13 सिकंदरा बोदला बताया है।