- पांच जगह के मिलावटी मावे ने खोली पोल

- इसमें है यूरिया ही यूरिया, कहीं बीमार न हो जाएं आप

- 180 रुपए से 280 रुपए में बिक रहा है मावा

Meerut: क्या आपको पता है कि आप जो मावा खा रहे हैं, वो कितना मिलावटी है। इस खबर को पढ़कर शायद आप चौंक जाएं। जी हां, बाजार से खरीदकर जिस मावे को आप खा रहे हैं, वो आपको होने वाली बड़ी बीमारी का भी कारण बन सकता है। थर्सडे को आईनेक्स्ट ने जब आरजी कॉलेज के केमेस्ट्री स्टूडेंट्स के साथ स्टिंग किया तो एक चौंकाने वाला सच सामने आया। सिटी दुकानों से लिए गए पांच नामी गिरामी में मिलावट पाई गई। मावे के एक सैंपल में 80 प्रतिशत यूरिया मिला।

मिलावट की सीमा नहीं

अब जरा यह भी जान लीजिए कि आपकी सिटी में सबसे ज्यादा मिलावटी मावा कहां है। लाला बाजार स्थित अरशद मावे वाले के यहां 80 प्रतिशत यूरिया मिक्स मावा बिक रहा है। यहां पर मावे का रेट क्80 रुपए किलो है।

पीएल शर्मा रोड

मावे की असलियत जानने के लिए आई नेक्स्ट टीम ने शहर के पांच स्थानों से सैंपल लेकर आरजी कॉलेज की कैमिस्ट्री लैब में उन्हें चेक कराया। हम आपको बता दें कि सभी जगह के सैंपल फेल पाए गए। किसी सैंपल में फ्0 तो किसी में 80 प्रतिशत यूरिया की मिलावट पाई गई। पीएल शर्मा रोड स्थित मिल्क प्रॉडक्ट की एक दुकान से जब मावे का सैंपल लेकर चेक किया गया तो उसमें 70 प्रतिशत यूरिया मिला। यहां मावे का रेट ख्80 रुपए किलो था। सदर स्थित एक मिष्ठान भंडार के मावे में में भी भ्0 प्रतिशत पाया गया। कचहरी रोड स्थित एक दुकान से लिए गए मावे के सैंपल में ब्0 प्रतिशत यूरिया निकला। मावे के मामले में लाला का बाजार स्थित मावा सेंटर से लिए गए मावे के सैंपल में फ्0 प्रतिशत यूरिया मिला। सभी जगह मावे का रेट ख्ब्0 रुपए किलो था।

दस करोड़ की सेल

होली के मौके पर मेरठ में दस करोड़ रुपए का मावे का कारोबार होता है। संयुक्त व्यापार संघ के मंत्री गजेंद्र शर्मा का कहना कि मावे की बिक्री मेरठ में काफी अच्छी होती है।

पहचानकर खरीदे मावा

मावा खरीदने से पहले आप मावे का रंग जरुर देखें। अगर मावा दिखने में हद से ज्यादा सफेद नजर आ रहा है। या फिर हद से ज्यादा अच्छा और चिकना नजर आ रहा है तो इसका साफ साफ मतलब है कि दाल में कुछ काला है। समझ जाइए कि वह मावा मिलावटी मावा है।

क्या-क्या हो सकती है मिलावट

आरजी कॉलेज की केमेस्ट्री टीचर महरुक के अनुसार मावे की क्वांटिटी बढ़ाने के लिए उसमें शकरकंदी और आलू की मिलावट की जाती है। इसके लिए स्टार्च टेस्ट किया जाता है। मावे में चिकनाहट के लिए वनस्पति तेल की मिलावट की जाती है। इसके अलावा डिटर्जेट की भी मिलावट होती है। सबसे ज्यादा तो यूरिया की मिलावट की जाती है।

कैसे करें जांच

अगर आप भी मावे में होने वाली मिलावट की जांच करना चाहते है, तो आइए आपको बताते हैं कि कैसे आप भी मिलावट की जांच कर सकते हैं। यहां आपको स्टार्च, वनस्पति और यूरिया तीनों के चेकअप की जानकारी दे रहे हैं।

स्टार्च- स्टार्च के लिए आप मावे में बराबर मात्रा का आयोडीन सॉल्यूशन मिक्स करें। अगर मिक्सचर के बाद मावे का रंग ब्लैकेश ब्ल्यू हो जाता है तो समझ जाइए कि मावे में स्टार्च है।

वनस्पति- वनस्पति की मिलावट की जांच करनी है। तो आप हाइड्रोक्लोरीन एसिड की बराबर मात्रा और थोड़ा सा सुक्रोच मिलाए। अगर मिक्सचर के बाद मावे का रंग रेड हो जाता है। तो मावे में वनस्पति की मिलावट है।

यूरिया- यूरिया की मिलावट के लिए आप मावे में आठ बूंदे सोडियम हाइड्रोनाइट और आठ बूंदे कॉपर सल्फेट की डालें। अगर मावे का रंग पर्पल होगा, तो मावा मिलावटी है। अगर मावे का रंग नहीं बदला तो मावा बिल्कुल ठीक है।

मिलावटी मावा पेट के लिए काफी नुकसानदायक है। बाजार में अक्सर ज्यादा प्रोफिट के लिए दुकानदार मिलावटी मावा बेचते हैं, जिसकी तरफ किसी का ध्यान नहीं जाता है।

-सोनिया, कैमिस्ट्री टीचर, आरजी पीजी कॉलेज

बाजार में बिल्कुल ठीक मावा मिलना तो अब काफी मुश्किल हो गया है। हर जगह बस मिलावट ही मिलावट है। अधिकतर मावे में यूरिया की मिलावट होने की शिकायत सामने आती है।

-महरुख, कैमिस्ट्री टीचर आरजी पीजी कॉलेज

कितना खतरनाक मिलावटी मावा

मिलावटी मावा किडनी पर सबसे ज्यादा इफेक्ट डालता है। इससे उल्टी आना, जी मचलाना, पेट खराब हो जाना, भूख कम लगने के कारण शरीर कमजोर होना, हाथ पैर फूल जाने जैसे भयंकर बीमारी हो सकती है।

-डॉ। रजनीश भारद्वाज, होम्योपैथ

मिलावटी मावा खाने से किडनी में सूजन आने की शिकायत आ जाती है। पेट की सबसे ज्यादा बीमारी मिलावटी मावे से ही होती है। इसलिए बाजार का मावा कम ही खाना चाहिए।

-डॉ। अजय किशोर, होम्योपैथिक

यूरिया से पेट में खराबी हो जाती है, एसेडिटी हो जाती है। इससे उल्टी दस्त की बीमारी हो सकती है। पाचन शक्ति भी कमजोर हो जाती है। जिसके कारण से शरीर कमजोर हो जाता है।

-डॉ। प्रदीप भारती, फिजिशियन