शिविरों में उमड़ रही शिवभक्तों की भीड़, शिवमय होने लगा माहौल

Mawana : नगर व क्षेत्र में शिवभक्तों का आवागमन बना हुआ है। पवित्र जल लेकर मध्य गंग नहर पटरी से गुजर रहे शिवभक्तों की संख्या में इजाफा होने लगा है। आम दिनों में सूनी दिखने वाली मध्य गंग नहर पटरी शिवभक्तों के आगमन के चलते गुलजार होने लगी है। कांवड़ मार्ग पर लगे सेवा शिविरों में कांवडि़ए पहुंचने लगे हैं और थकान उतारने के बाद नहर पटरी से ही अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे हैं।

चौतरफा केसरिया

शिवरात्रि के दो दिन शेष होने के चलते शिवभक्तों का आवागमन बढ़ने लगा है। रविवार को मध्य गंग नहर पटरी से बम-बम भोले बम के जयकारे लगाते हुए अनेक शिवभक्त गुजरे। नगर व आसपास के शिवभक्तों का आगमन भी आज आरंभ जाएगा। वहीं जल लेने जाने वाले कांवडि़यों की तादात भी बढ़ने लगी है। शिवभक्तों के आवागमन के चलते चौतरफा केसरिया रंग नजर आने से माहौल शिवमय होने लगा है। मध्य गंग नहर पटरी पर जगह-जगह लगे सेवा शिविरों में कांवडि़यों के भोजन, ठहरने व चिकित्सा इत्यादि की समुचित व्यवस्था है।

नहर में नहाने से रोकें

एसडीम ब्रजभान सिंह ने गंगा किनारे लगे सेवा शिविरों के संचालकों को निर्देश दिए हैं कि गंगा में भोलों को स्नान करने से रोकें, क्योंकि गंग नहर में बाल भोलों के डूबने की आशंका रहती है। इसलिए उन्हें नहर में नहाने न दें और अगर नहाना ही है तो शिविर पर नहाएं।

विकलांगता भी नहीं डिगा पाई भोले की आस्था

Phalauda : पैरों में छाले और विकलांगता भी मवाना खुर्द निवासी भोला रोहित की आस्था को डिगा नहीं पाई है। भगवान शिव से शादी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए हरिद्वार से दूसरी बार गंगाजल लेकर गंतव्य की ओर बढ़ रहा है। मवाना खुर्द का रहने वाला रोहित भोले बचपन से विकलांग है। रोहित ने बताया कि वह घर मे इकलौता है। भगवान आशुतोष की भक्ति मे लीन है। रोहित भोला अकेले ही पिछले दो साल से शादी की मनोकामना पूर्ण करने के लिए पवित्र धाम हरिद्वार से गंगाजल ला रहा है। रोहित की विकलांगता भी उसकी आस्था को डिगा नही पा रही है और वह तेजी के साथ बम-बम भोले के उदघोष के साथ गंतव्य की और बढ़ रहा है।

फोटो परिचय

मावा 1 : कांवड़ लेकर आता नन्हा शिवभक्त

मावा 2 : मध्य गंग नहर पटरी पर कांवड़ लेकर आते शिवभक्त

मावा 3 : कावंड लेकर आता छोटा भोला

मावा 4 : मध्य गंग नहर पटरी पर लगे शिविर में आराम करते भोले

मावा 12 : कावंड़ लेकर आता विकलांग भोला