जज्बा

विरोधियों को लगाई धोबी पछाड़

नेशनल लेवल पर यूपी की पहली महिला रेसलर बनी अलका तोमर

- परिवार ने किया पूरा सहयोग, होता है गर्व

Meerut : मेरठ जिले के छोटे से गांव सिसौली की रहने वाली इंटरनेशनल रेसलर अलका तोमर को शुरू में बहुत विरोध झेलना पड़ा। गांव के ही लोगों ने कमेंट किया करते थे कि पुरुषों के खेल में महिला सफल नहीं हो पाएगी। उन्हीं कमेंट ने अलका तोमर को रेसलर बनने का हौसला दिया। रेसलर बनने के लिए परिवार ने अलका का पूरा सहयोग किया। अलका ने फिर कभी मुड़कर नहीं देखा।

पिता का हुआ गांव में विरोध

पिता नैन सिंह तोमर ने अलका तोमर को कुश्ती में भेजने का फैसला किया तो गांव सिसौली में उनका विरोध हुआ। लोगों ने अलका को कुश्ती में भेजने का विरोध किया। कहा कि यह पुरुषों को खेल है। इसमें लड़की को भेजना ठीक नहीं है। लेकिन इन सबके बावजूद पिता ने अलका को कुश्ती सिखाने के लिए भेजा और पूरा साथ दिया।

पूरा परिवार है पहलवान

अलका तोमर बताती है हमारा पूरा परिवार कुश्ती करता है। सभी को पहलवानी करने का शौक है। मेरे पिता ने खुद ही मुझे कुश्ती में जाने के लिए बोला। मेरी हर जरूरत का ख्याल रखा। मैं बहुत लकी हूं कि मेरे पिता ने कुश्ती में मुझे भेजा।

कोच को है अलका पर गर्व

अलका तोमर के कोच जबर सिंह सोम को उन पर गर्व होता है। जबर सिंह कहते हैं कि जब मैने अलका को कुश्ती सिखाना शुरू किया था तब अलका 13 साल के करीब थी। पहले ही मुकाबले में अलका ने उस समय की नामी पहलवान कालीरमन को पटका था। उस दिन मुझे लग गया था कि यह नेशनल स्तर पर मेरठ व भारत का नाम रोशन करेगी। अलका तोमर अब यूनिवर्सिटी में लड़कियों को कुश्ती की ट्रेनिंग देती हैं।

जो काम मैं नहीं कर पाई, मैं चाहती हूं कि आगे चलकर ये लड़कियां करें। सभी गेम्स में भारत के लिए गोल्ड मेडल जीतकर लाएं।

- अलका तोमर

प्रोफाइल

नाम -अलका तोमर

जन्मतिथि - 1 दिसंबर

प्रोफेशन - रेस्लिंग, कोचिंग

प्रेरणास्त्रोत - पिता नैन सिंह तोमर

ये हैं उपलब्धियां

एशियन रेस्लिंग चैंपियनशिप

2003- दिल्ली ब्रांज मेडल

2005- वुहान सिल्वर मेडल

2009- पटाया, ब्रांज

2010- दिल्ली ब्रांज

कॉमनवेल्थ रेस्लिंग चैंपियनशिप

2003- लंदन, सिल्वर मेडल

2009- जालंधर, गोल्ड मेडल

2011- मेलबर्न, गोल्ड मेडल

व‌र्ल्ड रेस्लिंग चैंपियनशिप

2006- गुआंजजाहऊ, ब्रांज मेडल

कॉमनवेल्थ गेम्स

2010- दिल्ली गोल्ड मेडल

एशियन गेम्स

2006- दोहा, ब्रांज मेडल