PATNA: 'नई जिंदगी के लिए नए किस्से गढ़ने पड़ते हैं। बिहार में छात्रों राजनीति का गौरवपूर्ण इतिहास रहा है। अब छात्रों को नई चीजें गढ़ने के लिए आगे आना चाहिए.' ये बातें बिहार के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने 'बिहार की राजनीति में छात्र नेताओं की भूमिका सह छात्र संवाद' विषय पर एसके मेमोरियल हॉल में आयोजित कार्यक्रम में छात्रों को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि यह छात्र संघ के नेताओं का दायित्य है कि विश्वविद्यालय स्तर पर नियमित क्लास, कदाचारमुक्त परीक्षा और छात्रों को भरपूर सम्मान मिले- इन सभी के लिए मिलकर कार्य करें। उन्होंने छात्र संघ की स्मारिका का विमोचन किया। इस मौके पर पीयू के वीसी डॉ रासबिहारी प्रसाद सिंह सहित अन्य कई शिक्षाविद् उपस्थित थे।

शिक्षकों की बहाली में आएगी तेजी

इस अवसर पर डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने कहा है कि विश्वविद्यालयों में शिक्षक नियुक्ति के लिए आयोग का गठन जल्द किया जाएगा। जिसके बाद बिहार लोक सेवा आयोग के साथ ही गठित आयोग के माध्यम से विश्वविद्यालयों में शिक्षकों की बहाली होगी। बिहार देश का पहला राज्य है जो उच्च शिक्षा के लिए छात्रों को अपने कोष से चार लाख रुपये तक ऋण दे रहा है। छात्रों को रहने खाने और किताबों की खरीद के लिए भी 60 हजार रुपये का कर्ज मिलेगा। नौकरी मिलने तक छात्रों से कर्ज की वसूली नहीं होगी।

ईमानदार नेतृत्व की दरकार

मोदी ने कहा कि नेतृत्व करने का मतलब केवल एमपी-एमएलए बनना नहीं होता। बल्कि समाज के हर क्षेत्र में आज एक नेतृत्वकर्ता की दरकार है। नेतृत्व को ईमानदार होना चाहिए। छात्र नेताओं से मोदी ने कहा कि वे नि: स्वार्थ तरीके से समाज में अपनी भूमिका सुनिश्चित करें। उन्होंने छात्र राजनीति से राष्ट्रीय राजनीति में पहचान बनाने वालों की चर्चा भी की।