राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में दलित संगठन ने दर्ज कराई शिकायत

आयोग ने मांगी जिला प्रशासन से रिपोर्ट, शहर में गत 2 अप्रैल को हुई हिंसा का प्रकरण गरमाया

Meerut। शहर में गत 2 अप्रैल को हुई हिंसा के बाद गिरफ्त में आए नाबालिगों पर पुलिस-प्रशासन की घेराबंदी शुरू हो गई है। डीएम-एसएसपी की अनुसूचित जाति आयोग में लगातार पेशी के बाद राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने प्रकरण को संज्ञान में लिया है। एक शिकायत पर आयोग ने मेरठ स्थित राजकीय बाल संप्रेक्षण गृह (किशोर) में निरुद्ध किशोरों के संबंध में डीएम को जांच कर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। संगठन का आरोप है कि गत 2 अप्रैल की हिंसा के बाद कई निर्दोष किशोरों को पकड़कर पुलिस ने जेल में डाल दिया तो वहीं कई संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध हैं। डीएम अनिल ढींगरा ने बताया कि गत 2 अप्रैल के घटनाक्रम के बाद राजकीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने संप्रेक्षण गृह में निरुद्ध किशोरों के संबंध में रिपोर्ट मांगी है। एसएसपी और डीपीओ को 15 दिन में जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं।

आयोग में की शिकायत

बीती 2 अप्रैल को भारत बंद के दौरान शहर में कई जगह हिंसा हुई थी, जिसमें तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी के नेतृत्व में बड़े पैमाने पर प्रदर्शनकारियों की गिरफ्तारी हुई थी। मेरठ में हंगामे के आरोप में 14 किशोरों को निरुद्ध किया गया था, जिसमें 5 को संप्रेक्षण गृह में रखा गया है। जबकि जिला जेल में निरुद्ध 9 किशोरों को परीक्षण के बाद संप्रेक्षण गृह लाया गया। नेशनल दलित मूवमेंट फॉर जस्टिस सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी वी। रमेश नाथन ने राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग में ऐसे 5 किशोरों की गिरफ्तारी के विरोध में शिकायत दर्ज कराई है। संस्था का आरोप है कि ये किशोर निर्दोष हैं। बता दें कि इनमें से 4 किशोर अभी भी संप्रेक्षण गृह में हैं जबकि एक की जमानत हो गई है।

आयोग ने तलब की रिपोर्ट

संस्था की शिकायत पर राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग के रजिस्ट्रार डॉ। जगन्नाथ पति ने डीएम अनिल ढींगरा से गत 2 अप्रैल की हिंसा के दौरान निर्दोष किशोरों की गिरफ्तारी पर जबाव-तलब किया है। उन्होंने 8 बिंदुओं पर जिला प्रशासन का स्पष्टीकरण तलब ि1कया है।

15 दिन में दें रिपोर्ट

डीएम अनिल ढींगरा ने एसएसपी राजेश कुमार पांडेय और जिला प्रोबेशन अधिकारी एसके गुप्ता को आयोग के निर्देशों के संबंध में 15 दिन के अंदर जांच रिपोर्ट देने के निर्देश दिए हैं।

फैक्ट एवं फिगर

211 - जेल में बंद है 211 लोग

250 - लोगों को बनाया गया है मुल्जिम

1220 - लोग है अज्ञात में

22 - लोगों की हो चुकी है जमानत

14 - नाबालिग को किया था पुलिस ने गिरफ्तार

1.50 - करोड़ का हुआ था नुकसान

7 - लोगों को पुलिस कर चुकी है रिहा

77- लोगों ने राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग में की थी शिकायत

4 - दलित संगठनों ने राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग में दर्ज कराई है शिकायत

एक एसपी समेत दो सीओ व पांच इंस्पेक्टर समेत 8 पुलिस अधिकारी कर रहे हैं जांच