भारत के हाथ बैडमिंटन में भी लगी गोल्ड

मिक्स्ड बैडमिंटन के फाइनल में भारत ने मलेशिया को 3-1 से शिकस्त दी है। ये भारत का कॉमनवेल्थ गेम्स में टीम बैडमिंटन का पहला मिक्स्ड टीम गोल्ड है। खिलाड़ियों के साथ ही इस टीम की कामयाबी में द्रोणाचार्य पुरस्कार विजेता पुलेला गोपीचंद का भी रोल बेहद अहम रहा। जितने भी खिलाड़ी मिस्कड डबल्स के फाइनल में मलेशिया के खिलाफ खेले वो सभी गोपीचंद के शिष्य हैं। फाइनल मुकाबले का पहला मैच मिश्रित युगल का था, जिसमें सात्विक रंकीरेड्डी और अश्विनी पोनप्पा की जोड़ी का सामना मलेशिया की पेंग सून चान और लियू यिंग गोह से था। भारतीय जोड़ी को यह मुकाबला जीतने के लिए थोड़ी मेहनत करनी पड़ी।

इतनी संख्या से जीत

मिक्स्ड बैडमिंटन टीम पहला गेम जीतने के बाद दूसरा गेम हार गई। सत्विक और पोनप्पा की जोड़ी ने चान और यिंग की जोड़ी को 21-14, 15-21, 21-15 से मात दी। वहीं दूसरा मैच सिंगल्स में था, जहां दुनिया के दूसरे नंबर के खिलाड़ी के श्रीकांत ने ली चोंग वेई जैसे दिग्गज खिलाड़ी को मात दी। श्रीकांत ने ये मैच सीधे सेटों में 21-17, 21-14 से जीता। इसके बाद अगर मिक्स्ड बैडमिंटन में साइना नेहवाल के प्रदर्शन की बात करें तो उन्होंने पहले मैच में 21-11 से जीत दर्ज की। इसके बाद 19-21 से दूसरा मैच गंवा दिया और तीसरे मैच को जीतकर उन्होंने एक बार फिर 21-9 से बढ़त बना ली।

टेबल टेनिस मेंस टीम को भी गोल्ड

टेबल टेनिस मेंस टीम इवेंट फाइनल में भी भारत ने गोल्ड हासिल किया है। भारत की ओर से हरमीत देसाई और साथियान की जोड़ी ने डबल्स में नाइजारिया के खिलाड़ियों को 3-0 से हराकर यह पदक जीता है। इससे पहले सेमीफाइनल में भारतीय पुरुष टीम ने सिंगापुर को 3-2 से हराया था। टेबल टेनिस में भारतीय पुरुष टीम ने 12 सालों के बाद गोल्ड मेडल जीता है।