1958 से हुई गोल्डेन शुरूआत
1934 में लंदन में आयोजित कॉमनवेल्थ में इंडिया पहली बार इस प्रतियोगिता में हिस्स लेने आयी. जैसा कि सभी को उम्मीद थी कि पहली बार हिस्सा लिया है तो खाली हाथ नहीं लौटना था. हालांकि इंडियन प्लेयर्स ने भी वैसी ही मेहनत भी की और 1 ब्रान्ज मेडल पर कब्जा जमाकर अपने इस नये सफर की शुरूआत की. यह मेडल तो एक आशा लेकर आया था कि हम इंडियंस में भी कुछ कर गुजरने का माद्दा है. इसके बाद सभी इंडियन एथलीट और अन्य प्लेयर अगले कॉनवेल्थ के इंतजार में कड़ी मेहनत करने लगे. अगले कॉमनवेल्थ गेम्स 1938 और 1954 में आयोजित किये गये थे, जो कि इंडियन प्लेयर और फैंस के लिये एक बुरे सपने जैसे साबित हुये. इन दोनों सालों में इंडिया का मेडल टैली में खाता तक नहीं खुल पाया. अब बारी थी 1958 के कॉमनवेल्थ गेम्स की, इसमें इंडियन प्लेयर ने कुछ इस तरह प्रदर्शन किया कि बात गोल्ड तक पहुंच गयी और 2 गोल्डेन मेडल के साथ शुरूआत हुई गोल्डेन सफर की.

सेंचुरी पूरी होने में लगे 76 साल   
एक ओर जहां सफर 1 मेडल से शुरू हुआ था, अब उस सफर को नयी मंजिल तक पहुंचाना था. सभी प्लेयर्स के मन में लक्ष्य साफ था कि एक दिन पदकों का सैकड़ा पूरा करना है. फिलहाल यह लक्ष्य भले ही असंभव सा नजर आ रहा था, लेकिन आखिर इस सपने को पूरा करना वाला साल 2010 आ चुका था, अबकी बार कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी हमारे हाथों में थी. हमारे सभी प्लेयर के मन में एक ही सवाल था कि अगर अपने घर में भी पीछे रह गये तो, 76 सालों के सफर की मेहनत बेकार चली जायेगी. धीरे-धीरे खेल शुरू हुआ, हमारे प्लेयर्स ने हौसला न खोते हुये शानदार शुरूआत की. जैसे-जैसे खेल आगे बढ़ता जा रहा था हम अपनी ताकत दुनिया को दिखाते जा रहे थे. अब बारी थी फाइनल मेडल टैली की, जैसे ही यह टैली बनकर तैयार हुई हमारे देश का सिर गर्व से ऊपर उठ गया क्योंकि इस टैली में हमारी पोजीशन दूसरे नंबर पर थी. 38 गोल्ड, 27 सिल्वर और 36 ब्रान्ज के साथ हमने कुल 101 मेडल जीतकर सैकड़ा पूरा किया.

2014 में रह गये पीछे

2010 में दिल्ली में हुये कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन करने वाली इंडियन टीम अबकी बार चूक गयी. 2014 की मेडल टैली की बात की जाये तो हमारे पास सिर्फ 15 गोल्ड थे जो कि पिछली बार के गोल्ड मेडल के आधे से भी कम रह गये. इस बार सिर्फ भारतीय पहलवानों ने ही कमाल दिखाया और कुछ इधर-उधर से थोड़ा बहुत सहयोग मिल गया बाकि ओवर ऑल देखा जाये तो हमने अपनी पुरानी साख मिटा दी थी. पिछली बार इंडिया ने जिस तरह से प्रदर्शन किया था उससे इंडियन फैंस को काफी उम्मीद थी लेकिन यह उम्मीद सिर्फ 64 मेडल पर आकर रूक गयी. इस बार के कॉमनवेल्थ गेम्स में इंडिया ने 15 गोल्ड, 30 सिल्वर और 19 ब्रान्ज के साथ कुल 64 मेडल जीते. इस तरह के प्रदर्शन के आधार पर हम दूसरे नंबर से खिसककर 5वें नंबर पर आ गये.

आंकडें भी बोलते हैं

पढें इंडिया का अब तक का कैसा रहा सफर:-

गेम्स

गोल्ड

सिल्वर

ब्रान्ज

टोटल

CWG ग्लासगो 2014

15

30

19

64

CWG दिल्ली 2010

38

27

36

101

CWG मेलबर्न 2006

22

17

11

50

CWG मैनचेस्टर 2002

30

22

17

69

CWG कुआलालंपुर 1998

07

10

08

25

CWG विक्टोरिया 1994

06

11

07

24

CWG ऑकलैंड 1990

13

08

11

32

CWG ब्रिस्बेन 1982

05

08

03

16

CWG एडमंटन 1978

05

05

05

15

CWG क्राइस्टचर्च 1974

04

08

03

15

CWG एडिनबरा 1970

05

03

04

12

CWG किंग्सटन 1966

03

04

03

10

CWG कार्डिफ 1958

02

01

00

03

CWG वैंकूवर 1954

00

00

00

00

CWG सिडनी 1938

00

00

00

00

CWG लंदन 1934

00

00

01

01

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