- ग्लासगो जाने से पहले जूडोका गरिमा चौधरी ने की आई नेक्स्ट संग बातचीत

Meerut : ओलंपिक ख्0क्ख् में देश का प्रतिनिधित्व कर मेरठ का सिर गर्व से ऊंचा करने वाली जूडोका गरिमा चौधरी एक बार फिर तैयार हैं, लेकिन इस बार गरिमा मेडल लेकर लौटने का दावा करती है। गरिमा तैयार है ख्फ् जुलाई से स्कॉटलैंड के ग्लासगो में होने वाले कॉमनवेल्थ खेलों के लिए। ग्लासगो रवाना होने से पहले गरिमा चौधरी ने आई नेक्स्ट संग एक्सक्लूजिव बातचीत की।

- कैसी तैयारी है कॉमनवेल्थ खेलों के लिए?

तैयारी काफी अच्छी है। अब मैं पहले से ज्यादा फिट महसूस कर रही हूं। पटियाला साई सेंटर में काफी लंबा प्रैक्टिस सेशन चला, जिससे काफी कांफीडेंस मिला है। बस अब कॉमनवेल्थ में मेडल जीतना लक्ष्य है।

- चोट कैसी है अब?

घुटने की चोट अब काफी बेहतर है। मैं फिट हूं। ओलंपिक ख्0क्ख् में घुटने की चोट के कारण ही अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई थी। बाद में मैंने आराम किया और अब मैं काफी अच्छा महसूस कर रही हूं।

- हाल ही में प्रदर्शन का क्या असर पडे़गा?

बेशक, हाल ही में मैंने साउथ एशियन चैंपियनशिप में शानदार प्रदर्शन करते हुए मेडल जीता था। उससे काफी कांफीडेंस हाई हुआ।

- कितना जरूरी है कॉमनवेल्थ खेलों में मेडल?

बहुत जरूरी है। मैं ओलंपिक में शानदार प्रदर्शन नहीं कर पाई, इसका मलाल है, लेकिन कॉमनवेल्थ खेलों में जरूर मेडल जीतना चाहती हूं, जिससे अपने देश का नाम रोशन कर सकूं।

- किस देश के खिलाड़ी से चुनौती मिलने की उम्मीद है?

बेशक ऑस्ट्रेलिया जैसे देश के खिलाड़ी भी अब जूडो में अच्छा कर रहे हैं। ऐसे में कोई भी देश का खिलाड़ी इसमें चुनौती पेश कर सकता है। हमें बस पूरी तरह से तैयार रहना होगा। किसी को भी कमजोर समझने की गलती नहीं करनी होगी।

- ख्0क्0 कॉमनवेल्थ खेलों में खेलने का मौका नहीं मिला, दुख हुआ था?

हां बिल्कुल, अपने देश में कॉमनवेल्थ खेल हुए थे और यहां पर अच्छा प्रदर्शन करने पर बल मिलता। अपनों के सामने प्रदर्शन में निखार भी आता, लेकिन दिल्ली में हुए खेलों में जूडो को शामिल ही नहीं किया गया था, जिससे बड़ी निराशा हुई थी।

- देश और अपनों के लिए कोई खास संदेश?

मैं शुक्रवार सुबह को ग्लासगो जा रही हूं। देश और अपनों को बस यही संदेश देना चाहती हूं कि मैं मेडल जीतने का माद्दा रखती हूं और जीतना चाहती हूं। बस आप लोगों की दुआओं की जरूरत है।