- शाहिद मंजूर व लखीराम नागर के समर्थक प्रत्याशियों के गुट आए आमने-सामने

- भारी पुलिस बल, आरएएफ के साथ चुनाव पर्यवेक्षक भी पहुंचे

Meerut : ग्राम पंचायत चुनाव के तीसरे चरण के मतदान के दौरान खरखौदा ब्लॉक के गांव लोटी में सांप्रदायिक तनाव व्याप्त हो गया। दोनों समुदाय के लोग आमने-सामने आ गए। गाली-गलौच देते हुए कुछ युवक भिड़ गए, मुअज्जिज लोगों ने जैसे-तैसे शांत कराया। इसके बाद हालात तनातनी के हो गए और रह-रहकर लोग उलझते रहे। सूचना पर पुलिस-प्रशासन में हड़कंप मच गया। भारी पुलिस बल संग चुनाव पर्यवेक्षक भी मौके पर पहुंचे। मतदान निपटने तक पुलिस अमला डटा रहा।

समर्थक भिड़े

दूसरे चरण के अंतर्गत मंगलवार को खरखौदा, रजपुरा व माछरा ब्लॉक के लिए मतदान हुआ। खरखौदा के लोटी गांव में दिग्गजों के समर्थक भी चुनाव लड़ रहे थे। ग्रामीणों के मुताबिक शाहिद मंजूर के नजदीकी चौ। वसीम मुजम्मिल की पत्नी भूरी बेगम व बसपा नेता तथा पूर्व मंत्री लखीराम गूर्जर के नजदीकी ऋषिपाल की पत्नी सविता के समर्थक आपस में भिड़ गए। वहीं कुछ गुर्जर बिरादरी के लोगों ने दलितों को जातिसूचक शब्द भी कहे। इससे माहौल और गरमा गया। अलग-अलग संप्रदाय के युवक आमने-सामने आ गए और मारपीट हो गयी।

पर्यवेक्षक मौके पर पहुंचे

इस पर गांव के ही कुछ मुअज्जिज लोगों ने मामला शांत कराया। उधर, शराब पिए कुछ युवकों ने हंगामा कर दिया। गुर्जर व हरिजन पक्ष भी भिड़ गए। सांप्रदायिक तनाव व माहौल बिगड़ने की सूचना कंट्रोल रूम पहुंची तो दनदनाते हुए पुलिस-प्रशासन की गाडि़यां पहुंच गयीं। भारी पुलिस बल व आरएएफ मुस्तैद कर दी गयी। चुनाव पर्यवेक्षक नवतेज सिंह ने बूथ का निरीक्षण किया। पुलिस ने लाउडस्पीकर के जरिए घोषणा कर भीड़ छंटवाई।

पुलिस ने डाला डेरा

पुलिस भीड़ हटाती मगर पीछे-पीछे फिर से हुज्जूम जुड़ जाता। इस पर लाठियां फटकारकर लोगों को खदेड़ा गया। कुछ ग्रामीणों ने पुलिस-प्रशासन पर मंत्री के दबाव में काम करने का आरोप लगाया। हंगामा व नारेबाजी की गयी। बार-बार लड़ाई व झगड़े की सूचना के चलते पुलिस ने यहां डेरा डाल लिया। घेर, चौराहे व चबूतरों पर बैठे लोगों को हटाया गया। सीओ सिविल लाइन बीएस वीर कुमार, सरधना के मजिस्ट्रेट यहां डटे रहे। भारी पुलिस बल पहुंचने के बाद लोग सहमे और संयमित हुए। तनातनी के बीच मतदान पूरा हुआ।