- वर्ष 2014 में 63 फर्जी डॉक्टर्स को दिए गए गए नोटिस

- डीएम सभी डॉक्टर्स के नाम खोलने के दिए आदेश

- डीएम के सामने मीडिया के कई सवालों में घिरे सीएमओ

Meerut : जिले में फर्जी डॉक्टर्स को जेल भेजने मुहिम शुरु हो गई है। इसके लिए डीएम ने मीडिया के सामने सीएमओ को साफ कर दिया है कि मेडिकल फील्ड से गंदगी को जल्द से जल्द हो और जिन फर्जी डॉक्टर्स के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन्हें फॉलो कर काम करना शुरु कर दो। गौरतलब है कि एक प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया द्वारा फर्जी डॉक्टर्स पर कार्रवाई के जवाब में सीएमओ द्वारा जानकारी दी गई थी कि वर्ष ख्0क्ब् में म्फ् डॉक्टर्स को नोटिस भेजा गया था और ब्0 पर एफआईआर दर्ज की गई थी।

डीएम के आदेश

डीएम ने तुरंत सीएमओ अमीर सिंह को आदेश कर दिए कि मीडिया के सामने ऐसे ब्0 डॉक्टर्स के नाम आगे किए जाए, ताकि पब्लिक को पता चल सके कि वो लोग कौन है जो लोगों की सेहत के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सीएमओ संबंधित थानेदारों के साथ बैठक उन डॉक्टर्स के खिलाफ कार्रवाई की रूपरेखा तैयार करें। ताकि वो जल्द से जल्द सलाखों के पीछे पहुंच सके। साथ ही निर्देश दिए कि वह जनपद के अपंजीकृत चिकित्सकों के विरूद्ध टीमें गठित कर प्रभावी अभियान चलाएं।

ये भी दिए निर्देश

डीएम द्वारा सीएमओ को दिए निर्देशों के अनुसार विभिन्न चिकित्सकों एवं जांच केंद्रों पर रजिस्टर्ड डॉक्टर्स एवं मानक के अनुरूप ट्रेंड स्टाफ होना चाहिए। इनके खिलाफ जांच अभियान चलाया जाए। उन्होंने कहा कि टीम में एक प्रशासनिक अधिकारी को अवश्य हो। वहीं सरकारी डॉक्टर्स प्राइवेट प्रैक्टिस करता पाया जाता है और सुबूत हैं तो तत्काल विभागीय कार्रवाई की जाए। डीएम ने निर्देश दिए कि एंबुलेंस में लगे ड्राइवरों को सीएमओ खुद जांच करें। डॉक्टर्स अपनी ड्यूटी पर सीटों पर मिलें। पिछले दिनों रात को महिला जिला चिकित्साल्य का निरीक्षण किया था रात को ड्यूटी पर डॉक्टर अपनी सीट पर न होकर अलग कक्ष में लेटा था। जिसका डीएम ने स्पष्टीकरण मांगा है। स्पष्टीकरण मिलने के बाद रिजेक्ट भी कर दिया है।

ये हैं वो ब्0 डॉक्टर्स

सिवालखास के भोपाल, मोनू, बंगाली, किठौर के जाहिद, परीक्षितगढ़ के उर्मीला भाटी, फलावदा से मीरा, आनंद प्रकाश, विपिन मलिक, माधवपुरम से संजय शर्मा, डबाई नगर से रणवीर, इंतजार अंसारी, वाहिद, रिजवान अली, सरफराज अली, इंतजार कुंवर, जाकिर कॉलोनी के नफीस अहमद और सलीम अहमद, इस्लामाबाद के माजिद अंसारी, शेरगड़ी के खजान सिंह और विक्रम सिंह, डाबका के राजेश, राजेंद्र और गजेंद्र, जेलचुंगी के सत्यजीत विश्वास, सरधना के शान, पप्पू उर्फ राकेश, सुमंगल विश्वास और महेश, रामराज के सत्यदेव धीमान, जानी कलां से राशिद उर्फ रकीब, तोपखाना से एमके विश्वास, बहसूमा सेठी, धर्मपाल और योगेंद्र सिंह, भोपाल विहार से रिंकू शर्मा, घंटाघर में श्रीराम औषधालय के सुशील शर्मा, ग्राम धंतला से जितेंद्र, पहलवान नगर से इमरान, गांव अगवानपुर से शरीफ अहमद पर एफआईआर दर्ज हुई हैं।

टीबी से क्म् लोगों की मौत

प्रेस कांफ्रेंस में डॉ। पूजा शर्मा ने बताया कि वर्ष ख्0क्ब्-क्भ् के तीन क्वार्टर में टीबी से मरने वालों की क्म् है। जबकि वर्ष ख्0क्फ्-क्ब् की टीबी से मरने वालों की संख्या सिर्फ क्फ् थी। मरने वालों की संख्या बढ़ने कारण बताते हुए डॉ। पूजा शर्मा ने बताया कि इस बार हमने ज्यादा सीरियस पेशेंट्स को भी काउंट किया है। इसलिए संख्या में बढ़ोत्तरी की है।

दो घंटे में होगी जांच

टीबी की लाइलाज स्टेज आने पर अब उसका इलाज मेरठ मे ही आस पास के क्7 जनपदों का किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्7 जनपदों की एमडीआर की सुविधा जनपद मेरठ में उपलब्ध है और इसके तहत पूर्व में इसकी जांच के लिये क्भ् दिन लग जाते थे यह जांच अब मात्र ख् घंटों में करायी जा रही है। उन्होंने बताया कि आरएनटीसीपी की योजना जनपद में प्रभावी ढंग से चल रही हैं क्योकि जो लगभग वर्ष ख्000 से जनपद में लागू है। उन्होंने बताया कि भारत सरकार द्वारा टीबी को नोटीफाइड रोग की श्रेणी में रखा गया हैं। जिसके अ‌र्न्तगत सभी प्राईवेट डॉक्टर्स, लैब एवं अन्य चिकित्सा संस्थानों को अपने यहां पंजीकृत टीबी रोगियों की सूचना मेरठ जिला क्षय रोग कार्यालय में देनी अनिवार्य होगा।