RANCHI : टीबी का इलाज करने वाले प्राइवेट प्रैक्टिसनर्स को अब मरीज की जानकारी देने पर 100 रुपए मिलेंगे। वहीं, अपनी देखरेख में इलाज पूरा करवाने पर उन्हें 400 रुपए का बोनस दिया जाएगा। टीबी जैसी खतरनाक बीमारी को जड़ से खत्म करने के लिए हेल्थ डिपार्टमेंट ने यह कदम उठाया है। इसके तहत प्राइवेट डॉक्टर मरीजों की जानकारी टीबी डिपार्टमेंट को उलब्ध कराएंगे, वहीं उन्हें डिपार्टमेंट की ओर से प्रोत्साहन राशि भी दी जाएगी। बताते चले कि 2025 तक टीबी को जड़ से मिटाने की तैयारी है।

किन्हें मिलेगी राशि

टीबी डिपार्टमेंट को दी जाने वाली जानकारी में प्राइवेट डॉक्टरों को अपना प्रेस्क्रिप्शन देना होगा। इसके अलावा प्रेस्क्रिप्शन में सिग्नेचर और स्टांप भी लगाना जरूरी होगा। साथ ही डॉक्टर को अपना अकाउंट नंबर डिपार्टमेंट को उपलब्ध कराना होगा। इसके आधार पर ही प्रोत्साहन राशि उनके अकाउंट में डाला जाएगा।

डॉट प्रोवाइडर को मिलेंगे एक हजार रुपए टीबी के मरीजों को दवा आसानी से उपलब्ध कराने के लिए डॉट सेंटर खोले गए है। जहां पर मरीजों के नाम से पूरी दवाएं एक बार में सप्लाई कर दी जाती है। लेकिन मरीज ठीक से और रेगुलर दवा ले इसके लिए डॉट प्रोवाइडर को नियुक्त किया गया है। जिन्हें मरीजों को रेगुलर दवा खिलाने के लिए भुगतान किया जाता है। ऐसे में छह महीने दवा का कोर्स कराने पर डॉट प्रोवाइडर को एक हजार और 8 महीने का कोर्स कराने वाले को 1500 रुपए दिए जाएंगे।

रिम्स डॉट सेंटर में रहेंगे स्पेशलिस्ट

आरएनटीसीपी के अंतर्गत अब डॉट सेंटरों पर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों को नियुक्त किया जा रहा है। रिम्स डॉट सेंटर में मेडिकल आफिसर डॉ तोशेंद्र कुमार मिश्रा ने अपना योगदान दिया है, ताकि टीबी के मरीजों का बेहतर ढंग से और प्रॉपर तरीके से उसका इलाज किया जा सके।