इंग्लिश सबके लिए जरूरी
नमक-हलाल मूवी का यह डायलॉग तो आपको याद ही होगा। लेकिन जनाब, इंग्लिश को और चाहे जो भी समझ लें पर फनी लैंग्वेज न समझिएगा। ऐसा इसलिए कि बच्चे, यंगस्टर्स, प्रोफेशनल्स या फिर हाउस वाइफ सबके लिए जरूरी है इंग्लिश। बच्चे को इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढ़ाना है तो मम्मी को भी इसे पढऩा होगा। सोसायटी में स्टेटस मेंटेन करना है तो इंग्लिश बोलना होगा। गल्र्स को इंप्रेस करना हो तब भी इससे दो-चार होना होगा। हाई स्कूल और इंटरमीडिएट लेवल के कॉम्पटीटिव एग्जाम हो, इंजीनियरिंग, कैट, मैट, मेडिकल इंट्रेंस या फिर सिविल सर्विसेज क्रैक करना हो। इंग्लिश के बिना आपका कुछ नहीं हो सकता।

English के बिना कॅरियर कैसे बने
इंग्लिश मीडियम से पढ़ाई करने वाले स्टूडेंट्स अगर टशन में रहते हैं तो उसके पीछे रीजन हैं। उन्हें पता है कि हाई स्कूल और प्लस टू ही नहीं बल्कि ग्रेजुएशन लेवल के कॉम्पटीटिव एग्जाम में इंग्लिश कंपल्सरी है। बैंक क्लर्क, पीओ, एसएससी, एनडीए, सीडीएस, रेलवेज, एससीआरए, आईईएस, आईएफएस जैसे एग्जाम में इंग्लिश जरूरी है। अब तो यूपीएससी ने सिविल सर्विसेज एग्जाम में भी इंग्लिश को क्वालिफाइंग की जगह मेन पेपर बना दिया गया है।

कॅरियर के साथ ही बच्चों के फ्यूचर के लिए भी जरूरी है
प्रीति बैंक पीओ के लिए प्रिपेरेशन कर रही हैं। उन्होंने कहा कि ना सिर्फ कॉम्पटीटिव एग्जाम में इसका इंपॉर्टेंस है, बल्कि बच्चों की पढ़ाई और उनके कॅरियर के लिए भी एक मां को इंग्लिश का नॉलेज होना जरूरी है। साकची की रहने वाली निमिता को इंग्लिश का इंपॉर्टेंस तब समझ में आया जब उनकी बेटी इंग्लिश मीडियम स्कूल में पढऩे लगी। उन्होंने कहा कि बेटी का होम वर्क कंप्लीट कराने में उन्हें काफी प्रॉब्लम होती थी। इस वजह से उन्होंने इंग्लिश का ट्यूशन लेना शुरू कर दिया।

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आइए जानते हैं कि किस कॉम्पटीटिव एग्जाम में इंग्लिश का कितना इंपॉर्टेंस है

बैंक पीओ    मेन पेपर    50 माक्र्स
एसएससी    मेन पेपर    50 माक्र्स
एनडीए    मेन पेपर    50 माक्र्स
पीएफ कमिश्नर    मेन पेपर    100 माक्र्स
यूपीएससी सिविल सर्विसेज    मेन पेपर    100 माक्र्स
रेलवे क्लर्क लेवल    इंग्लिश कंपल्सरी    10 माक्र्स
(स्पेशल क्लास रेलवे अप्रेंटिस, इंडियन इंजीनियरिंग सर्विस और इंडियन फॉरेस्ट सर्विस का एग्जाम इंग्लिश मीडियम में ही होता है)

'मैं बैंक पीओ के लिए प्रिपेरेशन कर रही हूं। ना सिर्फ इस एग्जाम के लिए, बल्कि आजकल तो सभी एग्जाम के लिए इंग्लिश कंपल्सरी हो गया है। इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता.'
-रेणु, स्टूडेंट

'कॉम्पटीटिव एग्जाम में हम जो भी पढ़ते हैं उनमें से एक इंग्लिश ही है, जिसका यूज जॉब के दौरान और पूरी लाइफ करते हैं। हमारी डे-टू-डे लाइफ में भी इंग्लिश का काफी इंपॉर्टेंस है.'
-अभिषेक, स्टूडेंट

'ना सिर्फ खुद के कॅरियर के लिए बल्कि बच्चों के अच्छे फ्यूचर के लिए भी इंग्लिश उतना ही इंपॉर्टेंट है। सोसायटी एडवांस होती जा रही है। इसमें सर्वाइव करने के लिए इंग्लिश का नॉलेज बहुत जरूरी है.'
-प्रीति, स्टूडेंट

'जब पढ़ाई के इंपॉर्टेंस की बात करते हैं तो पढ़ाई में इंग्लिश के इंपॉर्टेंस को इग्नोर नहीं किया जा सकता। आजकल तो केजी से लेकर बड़े से बड़े कॉम्पटीशन में इंग्लिश का काफी इंपॉर्टेंस है। इससे बचना या डरना नहीं बल्कि इसे एक्सेप्ट करना चाहिए.'
-सोनाली, स्टूडेंट

'हाल ही में सिविल सर्विसेज में इंग्लिश को क्वालिफाइंग की जगह मेन पेपर बनाने और दूसरे कॉम्पटीटीव एग्जाम में इंग्लिश के  कंपल्सरी होने की वजह से इसके इंपॉर्टेंस को इग्नोर नहीं किया जा सकता.'
-विनय कुमार सिंह, डायरेक्टर, विनय आईएएस एकेडमी

Report by: amit.choudhary@inext.com

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