1. हार्डवेयर व सॉफ्टवेयर: ब्राउजर आपके कंप्यूटर या मोबाइल हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर का डाटा कलेक्ट करते हैं। सॉफ्टवेयर की बात करें, तो ब्राउजर को ऑपरेटिंग सिस्टम, आइपी एड्रेस और ब्राउजर प्लगइन्स के बारे में पता होता है। वहीं हार्डवेयर की बात करें, तो ब्राउजर सीपीयू, जीपीयू और बैटरी आदि से संबंधित डाटा को कलेक्ट करता है।

2. कनेक्शन इंफॉर्मेशन: ब्राउजर आपके वेब कनेक्शन को जानता है। इसमें आइपी एड्रेस, ब्राउजर की स्पीड आदि शामिल होता है।

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3. जियोलोकेशन: अगर आपने ब्राउजर को जीपीएस एक्सेस नहीं दिया है, तब भी वह आपकी अप्रॉक्स लोकेशन के बारे में जानता है। इसकी लिए गूगल जियोलोकेशन एपीआइ का इस्तेमाल करता है। अगर मोबाइल पर ब्राउजर के जरिए वेब को एक्सेस करते हैं, तब भी यह आपकी लोकेशन को जानता है। अगर ब्राउजर को लोकेशन डाटा के एक्सेस से रोकना चाहते हैं, तो फिर वेब प्रॉक्सी साइट का इस्तेमाल करना होगा। इसके लिए बहुत सारे मुफ्त विकल्?प उपलब्ध हैं।

4. ब्राउजिंग हिस्ट्री: यह बहुत आम बात है कि ब्राउजर आपकी ब्राउजिंग हिस्ट्री के डाटा को कलेक्ट करता है यानी आप क्या सर्च कर रहे हैं, ब्राउजर को इसकी पूरी जानकारी होती है। हालांकि ब्राउजिंग हिस्ट्री डाटा को डिलीट किया जा सकता है।

5.माउस मूवमेंट: ब्राउजर आपके माउस मूवमेंट की जानकारी भी एकत्र करता है और वेबसाइट पर कहां क्लिक करते हैं इसकी जानकारी भी उसे होती है।

6.डिवाइस ओरिएंटेशन: इन दिनों अधिकतर स्मार्टफोन में जायरोस्कोप्स का इस्तेमाल होता है। इसका प्रयोग फिटनेस ट्रैकिंग एप्स और इसी तरह की मूवमेंट बेस्ड सर्विस में किया जाता है। इसके ब्राउजर को यह पता चल जाता है कि फिजिकली आपका डिवाइस कहां है।

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7. सोशल मीडिया लॉगइन: आप किस किस वेबसाइट या सोशल मीडिया नेटवर्क को लॉगइन करते हैं, इसकी जानकारी आपका ब्राउजर कलेक्ट करता है।

8. टेक्निकल इंफॉर्मेशन: वेब को एक्सेस करने के दौरान आपका ब्राउजर बड़ी संख्या में टेक्निकल डाटा को कलेक्ट करता है। इसमें यूजर एजेंट, टचस्क्त्रीन सपोर्ट आदि जैसी जानकारी शामिल होती है।

9.इमेज डाटा: जब भी ब्राउजर के जरिए किसी फोटो को अपलोड किया जाता है, तो वह आपके बारे में जानकारी हासिल करने के लिए फाइल्स मेटाडाटा को स्कैन कर लेता है। मेटाडाटा लोकेशन इमेज रिजॉल्यूशन, फाइल की टेक्निकल स्पेसिफिकेशंस, कैमरा मॉडल आदि की जानकारी हासिल करता है।

10.फॉन्ट्स ऐंड लैंग्वेज: ब्राउजर यह भी जानता है कि आपकी मशीन में कौन-सा फॉन्ट इंस्टॉल है और आपका ऑपरेटिंग सिस्टम किस लैंग्वेज का इस्तेमाल कर रहा है।

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इनके अलावा अगर आप यह चेक करना चाहते हैं कि आप जिस ब्राउजर का इस्तेमाल कर रहे हैं, वह कौन-कौन-सा डाटा एकत्र कर रहा है, तो इसके लिए एक फ्री टूल का इस्तेमाल कर सकते हैं। अपने ब्राउजर पर http://webkay.robinlinus.com/ वेबसाइट ओपन करें। यह आपके करेंट ब्राउजर को स्कैन करता है। साथ ही, यह भी बताता है कि वो ब्राउजर आपकी किस पर्सनल जानकारी को कलेक्ट और अन्य साइट्स के साथ साझा कर रहा है।

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