- तीन सदस्यीय समिति का किया गया गठन

- सीपीएमएस के कंप्यूटर, प्रिंटर सहित सारा सामान, 300 लैपटाप जांच के दायरे में

LUCKNOW:

किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) प्रशासन ने केजीएमयू में पिछले तीन वर्षो में आईटी सेल और कंप्यूटर खरीद की जांच के आदेश दिए हैं। इसके लिए एकेटीयू के वीसी प्रो। विनय कुमार पाठक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय कमेटी गठित की गई है।

बड़ी धांधली उजागर

केजीएमयू प्रशासन के सूत्रों के अनुसार सेंट्रल पेशेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीपीएमएस) को डेवलप करने और खरीद फरोख्त में जमकर धांधली की गई है। पूर्व वीसी के समय डेवलप किए गए सीपीएमएस के लिए बड़ी संख्या में कंप्यूटर, प्रिंटर और अन्य सामान मंगाया गया। बजट न होने पर गलत तरीके से विभिन्न विभागों का पैसा सीधे आईटी सेल में जमा कराया गया। इसके बाद इस पैसे का जमकर दुरुपयोग किया गया। बड़ी हेराफेरी के सबूत मिलने के बाद केजीएमयू के वीसी ने जांच कमेटी गठित की है। जांच कमेटी ने जांच भी शुरू कर दी है।

खरीददार, विक्रेता बने खुद

सूत्रों के अनुसार केजीएमयू में पिछले तीन साल में बिना फाइनेंस अप्रूवल के ही तमाम खरीद फरोख्त की गई। इसके लिए विभिन्न एकाउंट से धन जुटाया गया और इसमें नियमों की धज्जियां उड़ाई गई। वीसी ऑफिस के सूत्रों के मुताबिक पिछले दो तीन सालों में जो भी सामान मंगाया गया वह एक ही अधिकारी ने खुद कंपनी बनाकर बेचा और खुद ही खरीदकर पेमेंट भी ले लिया। इसके लिए फर्जी बिल लगाए गए। इसमें लगभग 3 से 5 करोड़ की गड़बड़ी मिलने के आसार हैं। सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट मिलने पर केजीएमयू प्रशासन इस मामले में बड़ी कार्रवाई कर सकता है।

बिना अप्रवूल खरीदे थे 300 लैपटाप

पता चला है कि एग्जाम कराने के लिए जो 300 लैपटाप खरीदे गए थे उन्हें बिना फाइनेंस के अप्रवूल के ही खरीद डाला गया। उस समय भी इस पर अधिकारियों ने उंगली उठाई थी। जांच में इनकी भी जांच की जा रही है कि कहीं ये अधिक दरों पर तो नहीं खरीदे गए। बता दें कि लगभग दो वर्ष पूर्व लाए गए ये लैपटाप आज भी गोदाम में ही पड़े हुए हैं और इनका कोई यूज नहीं हो रहा। आनलाइन एग्जाम के लिए जाए गए थे। इसके लिए 1.74 करोड़ रुपए खर्च किए गए। तब से ये लैपटॉप केजीएमयू के वीसी ऑफिस के ऊपर बने एग्जाम हाल में रखे हैं। केजीएमयू प्रशासन का दावा है कि लैपटाप की कैपेसिटी कम होने के कारण उन पर एग्जाम नहीं कराए जा सकते।