-कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने पीएम को पत्र भेज कर उठाई मांग

-जीएसटी में पंजीकृत व्यापारियों का कराया जाए 10 लाख रुपए का बीमा

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PRAYAGRAJ: फरवरी में शुरू होने वाले बजट सत्र को ध्यान में रखते हुए कंफेडरेशन ऑफ आल इंडिया ट्रेडर्स ने इस बार आम बजट में छोटे व्यापारियों के व्यापार को सरल बनाए जाने की मांग की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कैट के राष्ट्रीय पदाधिकारियों के साथ ही उत्तर प्रदेश अध्यक्ष की ओर से ज्ञापन भेजा गया है।

कैट के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीसी भरतिया, राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र गोयल ने प्रधानमंत्री को पत्र भेज कर बजट से पहले पैकेज घोषणा की मांग की है। कैट ने कहा कि व्यापारियों को 100 फीसदी कम्प्यूटराइजेशन से जोड़ना चाहिए। साथ ही, जीएसटी, सस्ता लोन जैसी डिमांड की भी गई हैं।

कैट की है ये मांग

-जीएसटी में पंजीकृत प्रत्येक व्यापारी का 10 लाख रुपए तक का एक्सीडेंटल बीमा सरकार करे।

-व्यापारियों को कम्प्यूटरीकृत करने के लिए कंप्यूटर एवं उससे सम्बंधित सामान खरीदने के लिए सब्सिडी दिया जाए।

-अभी तक केवल 35 प्रतिशत व्यापार ही व्यापार में कर रहे हैं कम्प्यूटर का उपयोग

-देश के रिटेल व्यापार के लिए एक राष्ट्रीय व्यापार नीति बनाई जाए।

-घरेलू व्यापार की देख-रेख के लिए एक आंतरिक व्यापार मंत्रालय का गठन किया जाए।

-लंबित पड़ी ई-कॉमर्स पॉलिसी को तुरंत लागू किया जाए और एक निष्पक्ष एवं पारदर्शी ई-कॉमर्स पोर्टल खोलने में सरकार व्यापारियों की सहायता करे।

-ई-कॉमर्स व्यापार को संचालित करने के लिए एक रेगुलेटरी अथॉरिटी का गठन किया जाए।

-रिटेल व्यापार को संचालित करने के लिए एक रिटेल रेगुलेटरी अथॉरिटी का भी गठन किया जाए।

ई-कॉमर्स पर फोकस

-कैट ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया है कि रिटेल सेक्टर की वित्तीय एवं सामाजिक स्थिति पर देश भर में एक सर्वे किया जाए।

-कैट ने यह भी आग्रह किया है कि देश के घरेलू व्यापार को बढ़ावा देने एवं उसे व्यवस्थित तरीके से संचालित करनेके लिए सरकार एक ट्रेड प्रमोशन काउंसिल का गठन करे जो सरकार एवं व्यापारियों के बीच एक सेतु का काम करे।

-व्यापारियों और उपभोक्ताओं के बीच डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने के लिए सभी प्रकार के डेबिट अथवा क्रेडिट कार्ड के उपयोग पर कोई शुल्क नहीं लगाना चाहिए

पेंशन स्कीम

-जीएसटी में पंजीकृत सभी व्यापारियों के लिए सरकार एक पेंशन स्कीम लागू करे।

-जीएसटी को और अधिक सरल बनाया जाए तथा देश भर में लगने वाले मंडी टैक्स एवं जम्मू में लगने वाले टोल टैक्स को समाप्त किया जाए।

-जीएसटी में 18 प्रतिशत की कर दर को खत्म किया जाए एवं 28 प्रतिशत की कर दर में केवल विलासिता की चंद वस्तुओं को रखा जाए।

-इस टैक्स दर में से ऑटो पार्ट्स, सीमेंट आदि को निकाल कर 12 प्रतिशत की दर में रखा जाए एवं अन्य सभी कर दरों में शामिल की गई वस्तुओं की एक बार नए सिरे से समीक्षा की जाए।