- धुरियापार से लेकर खुटहन, फर्टिलाइजर और अब कूड़ाघाट का नाम आया सामने

- फिर आई केंद्र की जांच टीम दे गई पॉजिटिव संकेत, लेकिन रहस्य बरकरार

GORAKHPUR: गोरखपुर में एम्स का नाम प्रस्तावित होने के बाद से ही यह लोगों की जिज्ञासा का विषय बना हुआ है। एक लंबे अरसे तक चली सियासी बयानबाजियों, जनांदोलनों और आरोपों-प्रत्यारोपों के बीच एम्स का गोरखपुर में बनना तय तो हो चुका है। लेकिन यह कहां बनेगा इसको लेकर आज भी कंफ्यूजन की स्थिति बरकरार है। हालत यह है कि एक के बाद एम्स के लिए नई जगह का नाम घोषित होने पर लोग भ्रम का शिकार होने लगे हैं कि आखिर एम्स बनेगा कहां? गौरतलब है कि शुक्रवार को केंद्र की टीम ने कूड़ाघाट में गन्ना शोध संस्थान की जमीन का एम्स के लिए निरीक्षण किया। बता दें कि इससे पहले धुरियापार, खुटहन और फर्टिलाइजर का नाम भी एम्स के लिए उछल चुका है। शुक्रवार को निरीक्षण के बाद टीम ने पत्रकारों से पाजिटिव संकेत तो दिया। लेकिन टीम मेंबर्स ने पीएमओ को रिपोर्ट सौंपने की बात कहकर चुप्पी अख्तियार कर ली।

ये थे विकल्प और उनमें अड़ंगे

धुरियापार- कनेक्टिविटी का कोई साधन नहीं था। केंद्र सरकार को यहां एम्स बनाने के लिए काफी खर्च करना पड़ता। मना हो गया।

खुटहन- केंद्र सरकार ने यहां स्वीकृत दी। संभावना प्रबल थी। बाद में जमीन विवादित का हवाला दे मना कर दिया गया।

फर्टिलाइजर- इसके बाद योगी आदित्यनाथ ने फर्टिलाइजर में एम्स बनाने का प्रस्ताव दिया। केंद्र सरकार की टीम ने खतरे के कारण खाद कारखाना के पास एम्स न बनने की बात कही।

गन्ना शोध संस्थान, कूड़ाघाट-

दबाव में तीन दिन पहले पीएमओ ने तीन घंटे में गन्ना शोध संस्थान का प्रस्ताव मंगा लिया। निरीक्षण हो चुका है, लेकिन तस्वीर अभी साफ नहीं।

ऐसे बढ़ती-घटती रहीं एम्स की उम्मीदें

- जनवरी 2014 में मानबेला में नरेंद्र मोदी ने रैली में गोरखपुर में एम्स की घोषणा की।

- जुलाई 2014 में गोरखपुर में एम्स बनाने के लिए केंद्र सरकार ने बजट में दी स्वीकृति।

- 2014 में राज्य सरकार के निर्देश पर जिला प्रशासन ने तीन जगह का प्रस्ताव भेजा।

- 2015 में केंद्र सरकार ने खुटहन में एम्स के लिए जमीन को पॉजिटिव रिपोर्ट दी

- 2016 में खुटहन की जमीन अस्वीकृत और फर्टिलाइजर में एम्स बनाने की संभावना की तलाश।

- 2016 में ही केंद्र सरकार की तकनीकी टीम ने फर्टिलाइजर में जमीन की अस्वीकृति दी ।

- 2016 में आनन-फानन में गन्ना शोध संस्थान कूड़ाघाट में केंद्र सरकार ने दी स्वीकृति।

फिर उछला नई जगह का नाम

गोरखपुर में एम्स निर्माण के लिए कूड़ाघाट का नाम सामने आने के बीच सपा जिलाध्यक्ष ने एक नई जगह का नाम उछाल दिया। वह शुक्रवार को प्रेस क्लब में पत्रकारों से बात कर रहे थे। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अखिलेश सिंह यादव ने गोरखपुर में ही एम्स बनाने का आश्वासन दिया है। डॉ। मोहसिन ने कहा कि गन्ना शोध संस्थान, कूड़ाघाट की भूमि पर निर्माण में बांधा आने पर जंगल सिकरी स्थित 160 एकड़ भूमि उपलब्ध करा जाएगी। पत्रकारवार्ता में गोरखपुर ग्रामीण के विधायक विजय बहादुर यादव, पूर्व अध्यक्ष अवधेश यादव, नगर विधान सभा क्षेत्र के प्रत्याशी संजय सिंह, मनुरोजन यादव, भोला गुप्ता, प्रह्लाद यादव, एडवोकेट कीर्तिनिधि पांडेय सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।

गन्ना शोध संस्थान एम्स के लिए उपयुक्त जगह है। केंद्र की टीम भी सर्वे करके गई है और पॉजिटिव रिपोर्ट दी है। प्रदेश सरकार दो साल में एक सही जगह नहीं दे पाई। यहां एम्स के लिए सभी सुविधाएं मिलेंगी।

योगी आदित्यनाथ, सदर सांसद गोरखपुर

एम्स बनाने के लिए प्रदेश सरकार जमीन दे रही है। लेकिन केंद्र से आने वाली टीम किसी न किसी वजह से उन जमीनों को रिजेक्ट कर दे रही है। गन्ना शोध संस्थान की भूमि भी सरकार ने दी है।

डॉ। मोहसिन खान, जिलाध्यक्ष, सपा गोरखपुर